वो निगाहे.....!! - 21 Madhu द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • My Wife is Student ? - 25

    वो दोनो जैसे ही अंडर जाते हैं.. वैसे ही हैरान हो जाते है ......

  • एग्जाम ड्यूटी - 3

    दूसरे दिन की परीक्षा: जिम्मेदारी और लापरवाही का द्वंद्वपरीक्...

  • आई कैन सी यू - 52

    अब तक कहानी में हम ने देखा के लूसी को बड़ी मुश्किल से बचाया...

  • All We Imagine As Light - Film Review

                           फिल्म रिव्यु  All We Imagine As Light...

  • दर्द दिलों के - 12

    तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के...

श्रेणी
शेयर करे

वो निगाहे.....!! - 21







हा अब बताओ क्यों आप ने हमें यहाँ बुलाया था और वो भी हमें खुद से बुलाया ऐसा क्या हो गया भई शरारत से तेज बोला l
उनकी आँखों कि शरारत देख श्री ~क्यों हम आप को बुला नहीं सकते है वैसे भी आप हमारे है और अपनो पर हक जताया जाता है तो हमने अपना हक जता लिया वो भी उसे उसी लहजे में बोल शरारत से मुस्कुरा पड़ा l
और हम अपना हक जता लू तो इन्टेन्स नजरों से देख श्री के ओर बढने लगा श्री ये देख घबरा उठी अ... आप आप ऐसे क्यों देखकर हमारी ओर आ रहे हो वो पीछे कि ओर जाती रही l उसके चेहरे पर पसीने कि बूँदे चुहचुहाने लगी श्री को ऐसे परेशान होते देख अपनी जगह आ कर बैठ गया धीमे धीमे मुस्कुराने लगा l
हम तो मजाक कर रहे थे आप तो... अपने को देखो कैसे परेशा हो गई l यहाँ आईये आप हमारे पास ,,,श्री अपने चेहरे पर आये पसीने को पोछ तेज के बराबर बैठ गई नजरे नीचे हि थी l आप क्यों ऐसा लगा हम आपकी मर्जी के बिना कुछ करेगे आपका मर्जी आपका सम्मान पहले समझी आप l आपको गले तो लगा सकता हूँ ना?
श्री खुद ही आगे बढकर उसके गले लग गई अपनी बाहे तेज पर कस दि!! तेज ने भी उसे अपनी बाहो में भर लिया l दोनों को हि आत्मिक शान्ति कि अनुभूति मिली l दोनों कि आंखें बंद थी l कुछ वक़्त ऐसे ही दोनों खड़े रहे l

तेज जी!! हमें आपको मायूर के बारे में कुछ बताना है वो उसके गले लगे हुये हि बोली l
हम्म !!कहिये हम सुन रहे हैं अपनी आँखें बंद किये हि बोला l
उस दिन जब हम धानी को डिस्चार्ज कराने गये थे कि उस दिन कि सारी बात तेज को बता दि हम लोग ना माँ पापा से इन दोनों का लगन करवा दे l आप का क्या कहना है इस बारे में वो उसे देखते हुए पूछी l
ओहो साले साहब तो बड़े छुपे रुस्तम निकले और साली साहिबा भी l हम्म बात तो आप सही कह रही है एक बार उन दोनों से भी बात कर लो फिर माँ पापा को इस बारे में बताना सही रहेगा l वैसे इन दोनों ना बताकर इन्हें इनकी सजा तो मिलनी चाहिए ना शरारत से कहकर मुस्कुरा पड़ा l हा बात तो सही है आपकी मायूर नहीं बताया उसका तो समझ आता है लेकिन धानी मैडम नहीं बताई वो गलत किया जबकि उसको हमारी एक एक बात पता है l अफ़सोस से श्री बोली l फिर कुछ सोच कर श्री मुस्कुरा पड़ी l
अब आप क्या सोच कर मुस्कुरा रही है? तेज उसे किसी सोच में डूबे पूछा l
अ.. अह कुछ नहीं बस यूही l श्री अपना चेहरे उसके सीने में छुपाते हुये बोली l

हम्म!! कहकर तेज उसके सिर पर हाथ फ़ेरने लगा l उसे उसका खुद से गले लगाना दिल को बहुत ठण्डक महसूस हुई थी तेज को उसे मजाक कर असहज नहीं करना चाहता था l वो भी अपनी आँखें बंद कर श्री को महसूस करने लगा l

---------

"कुछ बात हुई श्री से "धानी मायूर से पूछी l
"नहीं वो तो कुछ सुन हि नहीं रही है l समझ नहीं आ रहा है कैसे उनसे बात करू l बात करने कि कोशिश करता हूँ वो टाल जाती है l ऐसा लग रहा है वो जान बूझकर मेरी बात नहीं सुन रही है"! मायूर मायूस सा बोला l

कुछ नहीं होगा उससे हम मिलकर बात करेंगे तो मान जायेगी l वैसे भी श्री हम दोनों से बहुत प्यार करती है l धानी श्री कि मोहब्बत को ध्यान कर बोली l

"हम्म!! वैसे तुम बता नहीं सकती थी पहले मेरी तो दि है उनसे कहते हुये ये सब कितना अजीब लगता "मायूर से उसे घूरते हुये बोला l

"मायूर को ऐसे घूरते देख" धानी भी उसे घूरते हुये बोली ,इसमें क्या अजीब है अभी श्री से बात करते हुये ये हाल है तो मम्मी और फ़ादर साहब से कैसे कहोगे?

"तुम परेशान क्यों होती हो मैं बात कर लुगा समझी" अभी वैसे अपनी सेहत पर ध्यान दो ,अगर जादे जल्दी हो तो कहो अभी आज हि बात कर लु l शरारत से उसे देखते हुये बोला l

उसको ऐसे बात करता देख धानी उसके एक मुक्का जड़ दी "बेशर्म "कहकर अपना चेहरा शर्म से दूसरी तरफ़ कर
लिया l

अब भला इसमे बेशर्म वाली क्या बात हो गई? वैसे भी एक दिन करना हि है बात l कहकर मुस्कुरा पड़ा l

"साथ धानी भी मुस्कुरा पड़ी" l

"किस बात पर इतना मुस्कुराया जा रहा है साले साहब और साली साहिबा" हमे भी बताय हम भी मुस्कुरा ले क्यों श्री क्या कहती हो!

-------

धानी के फ़ादर साहब आज कुछ जल्दी हि आ गये थे कि अपनी गली में आने पर उन्हें कुछ लोगों कि बाते कानो में सुनाई पड़ी l

मेरी तो समझ नहीं आता है कि उन्हें उस लड़के हाँ क्या नाम है उसका मायूर के आने से कोई प्रोब्लेम नहीं है श्री का तो समझ आता है लेकिन मायूर का समझ नहीं आता है धानी बड़ी हो गई है कुछ उँच नीच हो गई तो?जब देखो मुहँ उठाय चला आता है मुहँ बिसोरते हुये वो औरत दूसरी औरत से बोली l
"हाँ बहन सही कहती हो "बचपन में तो ठीक था लेकिन अब दोनों जवान हो गये है गर्म खून आज कल के बच्चों का! वो दूसरी औरत भी मुहँ बनाते हुये बोली l

अरे छोड़ो तुम दोनों उनको जब इनकी आंखों में धूल झोक कर कुछ कर जाएंगे तब समझ आयेगा l मुहँ फ़िराते फ़िरेगे जो बड़े अकड़ में रहते है l कहकर वो तीसरी औरत बेशर्मी से हंस पड़ी साथ में वो दोनों औरते भी l







क्रमशः!!