सेलफोन की माया
यशवन्त कोठारी
सेलफोन की छोटी काया में बड़ी माया है। सेलफोन की छाया में बड़े-बड़े छुप गये हैं। वास्तव मंे सेलफोन बिन सब सून की स्थिति को समाज प्राप्त हो गया है। सेलफोन जिसके हाथ में नहीं है, उसके लिए यह संसार असार है। मिथ्या है माया जाल है। सेलफोन दुल्हन के पास है, दुल्हे के पास है । प्रेमी और प्रेमिका के पास है। श्मशान में भी लोग सेलफोन हाथ में लिए घूम रहे हैं। विधानसभा से लोकसभा तक सेलफोन छाया हुआ है। अध्यक्ष चिल्लाते रहते हैं और सदस्य सेलफोन सुनते रहते हैं। सेलफोन सुनने से जो समय बचता है उसमें वे सोते रहते हैं। हर गली चौराहै, सड़कों, बाजारों, शॉपिंग मालों में सेलफोन लिए लोग एक-दूसरे को ढूंढ रहे है। पीठ पीछे कर सेलफोन सुन रहे हैं।
वास्तव में सेलफोन एक अतृप्त कामना है। यह एक निजी व्यापार है। एस.एम.एस. करो, फोटो खींचो। प्रेमिका को पटाओ काल गर्ल सेन्टर में लगाओ सर्वत्र काम आता है सेलफोन। सेलफोन एक बहार है। एक आचार है, एक विचार है, एक व्यापार है। वह ईश्वर की तरह सर्वत्र व्याप्त है। हर हाथ मंे एक सेलफोन है। हर मकान में एक टावर है और हर चौराहे पर सेलफोन बेचने वाले सेल्समेन टाई, बेल्ट, चश्मा व मंहगे जूते पहन कर तैयार खड़े हैं। आप घर से बाहर निकले नहीं कि केशकार्ड, प्रीपेड, पोस्टपेड, सेलफोन वाले आपके पीछे लग जाते हैं।
सेलफोन एक नित्यलीला है। यह एक स्वर्ग है। सेलफोन का स्वर्ग सभी के लिए है। सेलफोन एक आग है। एक राग है, एक फाग है, एक ग्लैमर है, आतंकवादी से लेकर राष्ट्रपति तक के पास है सेलफोन। खबरिया चेनल की जान है सेलफोन, बांकी अदावाली एंकर की आँख का तारा है सेलफोन। सेलफोन चलता है तो दुनिया चलती है। सेलफोन रूकता है तो संसार चक्र रूक जाता है।
बेराजगार के लिए एक रोजगार की तरह है सेलफोन। सेलफोन में सैक्स है, देह है, देह व्यापार है। स्त्री विमर्श है। सेलफोन में बलात्कार है, कोई नहीं सुने-देखे तो सत्कार है। सेलफोन एक में अनेक है। सेलफोन का सदुपयोग है। दुरूपयोग है वह बना बनाया सियासी खेल बिगाड़ सकता है सेलफोन। अपनी गर्लफ्रेण्ड या अपने बॉयफ्रेेण्ड को एस.एम.एस. करने वालो सावधान !
सेलफोन जेल तक जा सकता है। सेलफोन की अनन्त कथा का एक भाग है यह आलेख। सेलफोन समाज की आवश्यक बुराई है। जिसके पास सेलफोन नहीं है वो अभागा है, पिछड़ा हुआ है, गरीब है, बेकार है, बेमतलब है। अतः यारो एक अदद सेलफोन रखो। फोटो उतारो, एस.एम.एस. करो। इनाम जीतो। मटका खेलो सट्टा खेलो, जुआ खंेलो । काल दो, काल लो। काल ही काल बस सेलफोन की काल हो तो अपने आप सुकाल हो जाता है। सेलफोन की कामना करो। वन्दना करो। पूजा-अर्चना करो। समाज पर रौब गालिब करते सेलफोन की दुनिया निराली है। हेण्ड फ्री सेलफोन आने वाले हैं। जरा होशियार रहना।
सेलफोन सबका हो जायेगा। सब सेलफोन के हो जायेंगे । रसोईघर से बाथरूम तक सेलफोन से चर्चा, परिचर्चा, विमर्श होंगे। नेता से लेकर वोटर तक सभी के लिए आवश्यक है सेलफोन। प्रधानमंत्री तक सेलफोन पर मांगते हैं वोट सुनाते है कविता मैं सुनाता हूँ व्यंग्य लोग बन्द करते हैं अपना सेलफोन।
सेलफोन है तो गति है, सद्गति है, प्रगति है, इतिहास है, भूगोल है, वक्त काटने का औजार है सेलफोन । समाज देश विश्व का विस्तार पटल है सेलफोन। सेलफोन से शासन होता है, प्रशासन होता है, चिरौरी, विनती होती है। प्रजातंत्र में सेलफोन संख्या बल निर्धारित करता है। राजनीतिक भोंपू है सेलफोन। हर कोई दूर की कौड़ी लाता है और सेलफोन से एक-दूसरे को सुनाता है। अकाल मेें है सेलफोन। बाढ़ में है सेलफोन। बस, कार, रेल, हवाई जहाज में भी है सेलफोन।
सास-बहू, देवरानी-जिठानी, ननद-भौजाई का भी हमजोली है सेलफोन। सब्जी क्या बनाऊं से लेकर आज कौन सी साड़ी पहननी है, यह तक तय करता है सेलफोन। सेलफोन की आलोचना करना एक षड़यन्त्र है। इस षड़यंत्र से बचो यारो । सेलफोन खरीदो और सबसे पहले मुझे भेंट करो। आमीन ।
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यशवन्त कोठारी
86, लक्ष्मीनगर ब्रह्मपुरी बाहर
जयपुर 302002
फोन .9414461207
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