कहानी - चट मंगनी पट ब्याह
Part 2 - वर्षों बाद जब नटराजन अपना पुराना घर देखने गया था ….
शिखा ने भी “ नमस्ते “ कहा फिर पति की तरफ सवालिया नजरों से देखा , मानो पूछ रही हो “ माजरा क्या है ? “
वह कुछ बोलती इस के पहले ही नटराजन ने अपनी बात दोहराते हुए कहा “ बहनजी , दरअसल आज से करीब 30 साल पहले तक मैं इसी घर में रहता था और मेरी पैदाइश भी इसी घर में हुई थी . मुझे अपना पुराना घर देखने की बड़ी चाह थी . “
दयाल ने नटराजन को सोफे पर बैठने के लिए कहा और फिर उसके ड्राइवर को भी , पर वह खड़ा ही रहा . नटराजन बोला “ वह मेरे सामने यहाँ नहीं बैठ सकता है . “
शिखा उठ कर डाइनिंग रूम से एक चेयर ले कर आयी और बोली “ ठीक है , आप यहां बैठ जाओ . “
वह अपने साहब की ओर देखने लगा , तब नटराजन ने कहा “ बैठ जाओ , यहाँ मेरा दफ्तर नहीं है . “
नटराजन ने अपनी नजरें चारों तरफ दौड़ा कर ड्राइंग रूम को देखा फिर कहा “ आपने तो इस घर की रूपरेखा ही बदल डाली है . “
शिखा फ्रिज से सब के लिए कोल्ड ड्रिंक ले कर आयी . नटराजन ने दो घूँट पी कर कहा “ मैं यहीं के सेंट जेवियर स्कूल से टेंथ ग्रेड तक पढ़ा फिर पापा का ट्रांसफर हो गया तब हमलोग यहाँ से चले गए . अब पापा मम्मी तो रहे नहीं . मैं CISF में कमांडेंट हूँ और फ़िलहाल राउरकेला स्टील प्लांट , ओडिशा में पोस्टेड हूँ . हम लोगों का तीन दिन का एक सेमिनार बोकारो में था . उसी सिलसिले में मैं यहाँ आया था . आज आधे दिन का अंतिम सेशन था और लंच के बाद छुट्टी मिल गयी . कल सुबह वापस राउरकेला चला जाऊंगा . बहुत इच्छा थी अपने पुराने घर को देखने की . सर , , क्या मैं बाकी घर भी देख सकता हूँ ? “
नटराजन एक आई पी एस होते भी बहुत भावुक हो गया और उसकी आँखें नम थीं बल्कि छलकने लगीं थीं .
दयाल ने कहा “ श्योर , चलिए शौक से देखिये . पर ये बार बार सर कहना जरूरी नहीं है “
नटराजन ड्राइंग रूम से निकल कर डाइनिंग स्पेस में आया . वहां से खड़े हो कर बाकी सारा घर आराम से दिख रहा था . वह आश्चर्य से बोला “ मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है कि यह वही घर है जहाँ पल कर मैं बड़ा हुआ हूँ . “
उसने देखा कि पूरा फ्लोर मार्बल का था . किचन भी अब मॉडुलर किचन बन गया था जिसमें सीलिंग तब वार्डरोब और कैबिनेट लगे थे . टॉयलेट और बाथरूम जो अलग अलग हुआ करता था , उसे तोड़ कर एक बड़ा बाथरूम विथ बाथ टब हो गया था . पानी बिजली सभी लाइन दीवारों के अंदर कंसील्ड थे . सब देख कर वह बोला “ इसे देख कर लगता है हम लोग इसमें कैसे रह लेते थे . कम्पनी के पुराने फ्लैट को आपने बिल्कुल एक मॉडर्न अपार्टमेंट बना लिया है . बहुत ख़ुशी हुई इसे देख कर और आपलोगों से मिल कर . “
शिखा ने आगे बढ़ कर कहा “ चलिए आप दोनों बेड रूम भी देख सकते हैं . “
नटराजन ने देखा कि सभी कमरों में नए वार्डरोब और दीवारों में शो केस बनाये गए थे . फिर उसने दयाल की तरफ देखकर कहा “ क्या मैं घर की फोटो ले सकता हूँ ? अपनी बच्ची को दिखाऊंगा . मेरी भी एक बेटी अमेरिका में एम एस कर रही है . उसका नाम विजयलक्ष्मी है . “
मियां बीबी दोनों ने एक साथ कहा “ श्योर “
नटराजन घर का फोटो ले ही रहा था कि बीच में ही उसकी बेटी का मेसेज आया “ पापा , आप लोग कैसे हैं ? “
मेसेज पढ़ कर वह मुस्कुराया और उसने लिखा “ बेटे एक मिनट रुक , विडिओ लगाता हूँ . पहले बिना कुछ बोले उसने पूरे घर का वीडियो बेटी को दिखाया .
तब बेटी ने पूछा “ पापा , आपने नया फ्लैट लिया है क्या ? “
फिर नटराजन ने सब के साथ अपना विडिओ दिखाया और कहा “ यह वही पुराना घर है जहाँ मैं बड़ा हुआ हूँ . “
“ पर अपने एल्बम में तो पुराना घर ऐसा बिल्कुल नहीं दिखता है . “
“ अंकल आंटी से मिलो , इनके दोनों बच्चे भी अमेरिका में हैं . इस घर को इन लोगों ने कंपनी से खरीद कर एकदम बदल डाला है . “
तब तक दयाल ने भी अपना फोन ऑन कर अमेरिका में अपनी बेटी को दिखाया “ देखो , हमारे यहाँ एक नए मेहमान आये हैं जिनका जन्म इसी घर में हुआ था और आज वे एक आई पी एस हैं . “
उधर से विजया ने कहा “ नमस्ते अंकल , नमस्ते आंटी . आपलोगों ने बड़े लगन और मेहनत से घर को ये सुंदर रूप दिया है . “
“ तू अभी तक जग रही है , भैया जग रहा हो तो उसे भी जोड़ दो . “ दयाल ने अपनी बेटी से कहा
अंजू बोली “ नो पापा , वह न्यूयॉर्क में हैं . यहाँ से तीन घंटा आगे , वह सो चुका होगा . मुझे अंकल से बात कराएं . “
अंजू और शिखा ने कुछ देर तक आपस में बातें की . बातचीत के दौरान अंजू ने नटराजन से कहा “ अंकल आपकी बेटी अमेरिका में है तो आप लोग भी यहाँ आते ही होंगे , अगली बार जब आप लोग यहाँ आएं तब हमारे यहाँ जरूर आएं . आप लोगों से बात कर बहुत अच्छा लगा . आपका कांटेक्ट तो पापा के पास होगा ही , मैं उन से ले लूंगी . वैसे विजयलक्ष्मी दीदी से भी मैंने बात की है . इत्तफाक से उनसे एक दो बार पहले भी यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी में मिली हूँ . दी बहुत अच्छी हैं . “
“ बेटियां माँ बाप की प्यारी होती ही हैं . आपकी बेटी भी बहुत प्यारी है . मेरी बस एकमात्र संतान है , अब एक अच्छा लड़का देख कर जल्द ही इसकी शादी कर देना चाहता हूँ . “ नटराजन बोला
“ भगवान करे आपकी इच्छा पूरी हो . वैसे आपको कैसा लड़का चाहिए ? “ दयाल बीच में पूछ बैठा
“ विजया को , मैं विजयलक्ष्मी को प्यार से विजया कहता हूँ . उसे कुछ वर्ष अमेरिका में रह कर पी एच डी कर रिसर्च करने का इरादा है . “
“ सभी बच्चे अपने माता पिता को अमेरिका जाते समय यही समझाते हैं कि कुछ वर्ष के लिए जा रहे हैं . पर हक़ीक़त में वे लौट कर नहीं आते हैं . और माँ बाप उनकी ख़ुशी में ही अपनी ख़ुशी मान लेते हैं . “
अच्छा , बहुत बातें हुईं . अब कुछ देर आप लोग ड्राइंग रूम में बैठें . मैं कुछ स्नैक्स और कॉफ़ी ले कर आती हूँ . “
“ बहनजी , आप फॉर्मल्टी न करें . अभी कुछ खाने की इच्छा भी नहीं है . “
“ मैं फॉर्मल्टी नहीं कर रही हूँ , दिल से बोल रही हूँ . “ बोल कर शिखा ने पति से कहा “ आप जरा अंदर आएंगे . “
वे दोनों अंदर बेडरूम में आ कर धीरे धीरे बात करने लगे . फिर उन्होंने अपनी बेटी को दोबारा कॉल किया तब बेटी ने पूछा “ क्या बात है पापा ? अभी अभी तो बातें हुई हैं . अब सोने जा रही थी , वैसे भी आज देर हो गयी है . कोई जरूरी बात है तो जल्दी से कहें वरना कल सुबह बात करते हैं . “
“ अरे रुक जरूरी बात है , तभी तो तुझे जगाया है . तुमने कहा है कि तुम विजयलक्ष्मी से मिल चुकी हो . कैसी लड़की है वह ? दयाल के लिए ठीक रहेगी ? “
“ मम्मी , वह तो बहुत अच्छी है . भैया के प्रोफेशन और उनके मैच के लिए परफेक्ट रहेगी . पर वे साउथ इंडियन ब्राह्मण हैं , जहाँ तक मैं जानती हूँ . “
“ अच्छा आगे की बात हम लोग यहाँ देखेंगे . ठीक है , तुम अब सोने जाओ . “
“ अमर के लिए इनकी लड़की परफेक्ट है , अंजू ने भी कहा है . आपको पता है न अमर ने कहा था कि जिस लड़की को अंजू ओके कर देगी उसमें उसे कोई आपत्ति नहीं होगी . आप चलें ड्राइंग रूम में , मैं कॉफ़ी ले कर आती . “ बोल कर शिखा किचन में चली गयी
क्रमशः अंतिम भाग में