ताला टक्क की आवाज के साथ टूट जाता है। रितिक उस दरवाजे को धक्का देता है और दरवाजा चरमराते हुए खुल जाता है। दरवाजे के खुलते ही एक ठंडी हवा का झोका बाहर आता है। रितिक धीमे कदमों के साथ कमरे के अंदर दाखिल हो जाता है। कमरे में चारो ओर धूल जमी हुई थी। जगह जगह मकड़ी ने जाले बना लिए थे। कमरे में ना तो कोई बैड था और ना ही कोई टेबल। पूरा कमरा खाली थी। टॉर्च की रोशनी में रितिक कमरे के हर कोने को चैक करता है लेकिन उसे वो लड़की कही भी नजर नहीं आती जिसकी आवाज सुनकर वो इस कमरे में आया था। रितिक को घबराहट होने लगती है। उसके चहरे कर पसीने की बूंदे आ जाती है। रितिक का मन किसी आशंका से भर गया रहा। रितिक खुद में ही बड़बड़ाता है–" यहां तो कोई नही है? फिर वो आवाज किसकी थी?"
रितिक ने इतना कहा ही था कि तभी किसी के फुसफुसाने की धीमी आवाज सुनाई देती है " आजादी "
फुसफुसाहट किसी लड़की की थी जिसे सुनकर रितिक के डर के मारे रोंगटे खड़े हो गए। उसके पैर जम से गए थे। वो जरा सा भी हिल डुल नही रहा था। उसका दिल जोरो से धड़कने लग गया था। तभी उसके दिमाग में उन तालों पर लगे लाल धागे और दरवाजे पर बने स्वास्तिक के चिन्ह का खयाल आता है।
" कही बंजारन तो यहां कैद नही थी जिसे मैंने आजाद कर दिया "
इस खयाल भर से ही रितिक का डर के मारे बुरा हाल हो गया था। वो कपकपाती आवाज में कहता है–" ककक कौन है....?"
रितिक का सवाल सुन फिर से किसी की फुसफुसाहट सुनाई देती है " बंजारन...."
बंजारन नाम सुनते ही रितिक के तो होश ही उड़ गए। उसका फोन उसके हाथ से छूट गया था। वो डर के मारे लड़खाने लगता है और जल्दी से पलटकर कमरे से बाहर भागने लगता है। रितिक के पीछे ही किसी के हसने की भयानक आवाज सुनाई देने लगती है। रितिक जल्दी से उस कमरे से बाहर आता है और भागते हुए कोठी से बाहर निकल आता है। रितिक ने भागना बंद नही किया था। वो अभी भी गिरते पड़ते बस भागे ही जा रहा था। वो जल्द से जल्द कोठी से दूर निकल जाता है। वापस से जंगल में पहुंचकर वो एक जगह पर रुकता है और बुरी तरह हाफना शुरू कर देता है। वो बहुत घबरा गया था। आज से पहले कभी उसने ऐसा अहसाह नही किया था जैसा उसने आज किया था। उसके मुंह से बस " बंजारन बंजारन.." शब्द ही निकल रहे थे और अगले ही पल वो वही बेहोश हो जाता है। इसी के साथ वो अपने ख्यालों से बाहर आ जाता है और अपने दोस्तो की ओर देखने लग जाता है। रितिक की बात सुन अमर, करन और रोमियो के चहरे का रंग ही उड़ गया था। वे तीनों पगलो की तरह रितिक को घूरे जा रहे थे।
रोमियो घबराते हुए रितिक से कहता है–" इसका मतलब उस कोठी में बंजारन कैद थी और तूने उसे आजाद कर दिया।"
रितिक हा में अपना सर हिलाते हुए कहता है–" हा..."
" तुझे पता भी है तूने क्या किया है, तूने बंजारन को आजाद कर दिया। तुझे नही पता वो कितनी खतरनाक है। अब वो किसी को नहीं छोड़ेगी। वो इतने सालो से उस कैद में थी। अब वो चुन चुन कर गांव वालो से अपना बदला लेगी।"
रोमियो की बात सुन अमर उसे डॉटते हुए कहता है–" चुप कर रोमियो! इसमें रितिक की क्या गलती है? कोई और भी
उसकी जगह होता तो वो यही करता। जरा ये सोच की उस बंजारन ने रितिक को कुछ नही किया। वो तो शुकुर है ऊपर वाले कि रितिक सही सलामत वहा से भाग आया।"
अमर की डॉट सुन रोमियो चुप हो जाता है। करन रितिक से पूछता है–" एक बात समझ नही आ रही। उस रात अमावस्या थी और वो आजाद होने के बाद आसानी से तेरा शिकार कर सकती थी लेकिन उसने ऐसा किया नही। उसके मनोज का ही शिकार क्यूं किया?"
रितिक करन के सवाल का जवाब देते हुए कहता है–" ये भी तो हो सकता है कि मैने उसे आजाद किया है इसीलिए उसने मुझे जाने दिया और फिर उसे शिकार भी करना था इसीलिए उसने मेरी जगह मनोज का शिकार कर लिया।"
करन कहता है–" जो भी है, भला है ऊपरवाले का जो तुझे कुछ नही हुआ। वो तो अच्छा हुआ तू जंगल में आकर बेहोश हुआ था। अगर वही बेहोश हो जाता तो पता नही क्या होता?"
करन ने इतना कहा ही था कि तभी उसकी नजर रितिक पर पड़ती है जो किसी ख्यालों में खोया हुआ था।
रितिक को ख्यालों में खोया हुआ देख करन उससे पूछता है–" तू क्या सोच रहा है?"
करन का सवाल सुन रितिक अपने ख्यालों की दुनिया से बाहर आता है और कहता है–" वो बंजारन बहुत शक्तिशाली है। वो इतनी दूर से मुझे अपने पास बुला सकती है तो सोचो वो कितनी पावरफुल होगी। लेकिन मुझे ये समझ नही आ रहा कि मनोज की लाश उस कब्र में क्या कर रही थी? उसे तो जंगल में होना था ना क्योंकि उसका शिकार तो जंगल में हुआ होगा।"
रोमियो कहता है–" ऐसा भी तो हो सकता है मनोज का शिकार जंगल में नही बल्कि मैदान में हुआ हो।"
अमर कहता है–" चलो मान लिया शिकार मैदान में हुआ है लेकिन लाश उस कब्र में कैसे आई? ऐसा तो है नही कि बंजारन शिकार करने के बाद लाश को कब्र में दफन करेगी और सोचने वाली बात तो ये है कि कब्र खोदी किसने है। रितिक के हिसाब से बंजारन अमावस्या के दिन आजाद हुई है और कब्र उससे एक दिन पहले खोदी गई थी। मुझे नहीं लगता उस कब्र का और बंजारन का आपस में कोई नाता है।"
रितिक कहता है–" जो भी है बंजारन का आजाद होना गांव वालो के लिए एक बहुत बड़ी मुसीबत है। अगर ऐसे ही शिकार होते रहे तो एक दिन पूरा गांव ही शमशान बन जाएगा और सब लोग ये गांव छोड़कर कही और चले जाएंगे और इन सब का जिम्मेदार केबल मै हूंगा।"
" तू अपने आप को दोष क्यों दे रहा है? जो होना था वो हो गया और वैसे भी जो होता है अच्छे के लिए ही होता है। क्या पता इसके पीछे भी कोई वजह रही हो। अगर तू बंजारन को आजाद नही करता तो हो सकता है कोई और ये काम कर देता लेकिन वो आजाद तो हो कर ही रहती।"
करन रितिक को समझाते हुए कहता है और करन की बात सुन रोमियो उसे घूरकर देखने लगता है। रोमियो को अपनी ओर घूरता देख करन उससे पूछता है–" तू मुझे ऐसे क्यूं देख रहा है?"
रोमियो जवाब देते हुए कहता है–" तू इतनी गारंटी से कैसे कह सकता है कि बंजारन को आजाद ही होना था। कही तेरे अंदर वो बंजारन की आत्मा तो नही आ गई।"
करन रोमियो को समझाते हुए कहता है–" चुप कर! कुछ भी बकता रहता है। वो बंजारन एक डायन है कोई आत्म नही और रही बात मैं इतनी गारंटी से कैसे कह रहा हूं तो वो इसीलिए क्योंकि संसार में जो भी होता है वो पहले से ही लिखा होता है। बंजारन का कैद होना और उसका आजाद होना भी पहले से लिखा था। ये काम भगवान खुद नही करते। ये काम वो अपनी संतानों से कराते है। अब बंजारन की किस्मत में आजाद होना लिखा था तो वो आजाद हो गई। होनी तो कोई नही टाल सकता ठीक उस तरह जैसे मौत को कोई नहीं टाल सकता।"
रोमियो को करन की बात समझ आ जाती है और वो आगे उससे कुछ नही कहता लेकिन अमर को देखकर नही लग रहा था कि वो करन की बातो से एग्री है।
अमर करन से कहता है–" बात तो तेरी ठीक है लेकिन हर किसी का अपना कोई मकसद होता है और भगवान भी हर इंसान को उसके मकसद के साथ धरती पर भेजते है लेकिन ये बंजारन तो मानव जाति के लिए बहुत बड़ा खतरा है। फिर बंजारन का क्या मकसद ही सकता है?"
अमर का सवाल सुन रितिक उससे कहता है–" वही जो हर डायन का होता है। बंजारन भी तो एक डायन है और डायनों का तो काम ही यही है लोगो का शिकार करना और उनका खून चूसना ताकि अपनी उम्र और यौवन बरकराकर
रख सके।"
रोमियो कहता है–" ऐसे यौवन का भी क्या काम जो कभी काम में ही ना आए। लोगो की चार तारीफ तो सुनने को मिलती नही है उल्टा लोग बुरा भला ही बोलते है।"
रोमियो की बात सुन करन उससे कहता है–" तो तू क्या चाहता है वो घर घर जाकर रंगरलियां मनाए।"
" मैने ऐसा कब कहा? मेरा कहने का मतलब था कि वो ऐसा कर ही क्यों रही है जब इसमें उसका कोई फायदा ही नही है।"
रितिक कहता है–" यही तो सबसे बड़ी उलझन है। कहते है जो दिखता है वो होता नही है और जो होता है वो एक रहस्य बनकर हमारे सामने आता है। बंजारन से भी कई सारे रहस्य जुड़े हुए है, जो एक एक कर हमारे सामने आते जायेंगे।"
रितिक उन लोगो से कहता है और रितिक की बात सुन उन लोगो की आईब्रो सिकुड़ जाती है।
उन लोगो को हैरान होते देख रितिक उन्हे समझाते हुए कहता है–" देखो! जो दिखता है वो होता नही है इसका मतलब तुम्हे एक एग्जांपल से समझाता हूं। अब तुम अपने रोमियो को ले लो, वो स्मार्ट है, पड़ा लिखा है, आदत का अच्छा है और कमली से बहुत प्यार करता है लेकिन फिर भी कमली को लगता है कि वो एक बेकार और नकारा इंसान है। जैसा कमली रोमियो के बारे में सोचती है वैसा रोमियो है नही और यही मै तुम्हे समझा रहा हूं कि जो दिखता है वो होता नही है।"
रितिक की बात सुन रोमियो खुश होते हुए रितिक से कहता है–" तू सच में मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। मेरी फीलिंगस समझता है। मेरे लिए हमेशा अच्छा ही सोचता है। मुझे अच्छे अच्छे आइडियाज...."
रोमियो बोलते बोलते बीच में ही रुक जाता है। उसे कुछ याद आ जाता है और अगले ही पल उसके चहरे से हसी गायब हो जाती है।
करन रितिक से पूछता है–" पहली वाली बात तो समझ आती है कि जो होता है वो दिखता नहीं है लेकिन दूसरी वाली का क्या? वो मुझे समझ नहीं आ रही। जो होता है वो एक रहस्य बनकर हमारे सामने आता है। इसका क्या मतलब है। अगर कोई चीज हमारे सामने है तो वो रहस्य कैसे हो सकती है?"
इतना कहकर करन अमर की ओर देखता है। अमर भी अपने कंधे उचकाते हुए जवाब देता है–" मुझे भी नही पता।"
रितिक कहता है–" जो दिखता है वो एक रहस्य बनकर हमारे सामने आता है। इसे तुम बंजारन के एग्जांपल से समझ सकते हो। अब तुम बंजारन को ही देख लो। हम सब उसे जानते है। हम नही तो पूरा गांव सदियों से उसे जानता है लेकिन क्या किसी को पता है कि वो बंजारन है कौन? कहा से आई है? उसका क्या मकसद है? वो लोगो का शिकार क्यूं करती है? सबके सामने होकर भी वो हमारे सामने नहीं है और बंजारन से कई रहस्य ऐसे जुड़े हुए है जो अभी तक सामने नहीं आए है। हमे तो उस कोठी के बारे में भी नही पता था। वो कोठी भी मामूली नही है। उसका भी एक अपना ही इतिहास है।"
तीनो को रितिक की बातो का सही सही मतलब समझ आ रहा था। रहस्य तो सबके होते है बंजारन के भी होंगे।
अमर रितिक से कहता है–" ये सब तो ठीक है लेकिन आगे हम लोग क्या करे? बंजारन को आजाद होना था वो तो हो गई। पूरे गांव पर संकट मंडरा रहा है और हम हाथ कर हाथ धरे तो नही बैठे रह सकते।"
अमर की बात सुन रोमियो उससे कहता है–" हमे गांव वालो से क्या लेना देना? मै तो कहता हूं अगली पूर्णिमा से पहले ही गांव से भाग चलते है। क्या पता उस बंजारन का अगला शिकार कौन हो?"
रोमियो की बात सुन करन उससे कहता है–" अगर तू गांव से चला गया तो कमली का क्या होगा? क्या तू कमली को अकेला यहां खतरे में छोड़कर जाएगा? क्या तू कमली से प्यार नही करता?"
" अरे हां ये तो मैने सोचा ही नहीं। अगर मैं यहां से चला गया तो कमली का क्या होगा? तू ठीक कह रहा है करन, वो बंजारन रितिक की वजह से आजाद हुई है और जब तक खतरा टल नही जाता हम लोग कही नही जाएंगे और वैसे भी खतरे से भागना तो कायरता की निशानी होती है।"
करन हस्ते हुए रोमियो से कहता है–" अरे वाह बच्चू! इतनी जल्दी बात भी पलट दी। थोड़ी देर पहले तो कायरो वाली बात कर रहा था और अब कमली का नाम सुनते ही इतनी हिम्मत आ गई।"
रोमियो जवाब देते हुए कहता है–" और नही तो क्या? प्यार से बड़ी ताकत इस दुनिया में कोई नही है। जहा रोमियो का प्यार है वही कमली का यार है।"
रितिक कंफ्यूज होते हुए रोमियो से कहता है–" लास्ट में शायरी तो अच्छी थी लेकिन समझ में नही आई।"
इस पर रोमियो कहता है–" समझ में कैसे आएगी? अशिको वाला दिल चाहिए समझने के लिए। मैने कहा "जहा रोमियो का प्यार" यानी "मेरी कमली"। "और वही कमली का यार", अब कमली का यार तो मैं हूं, मेरा मतलब कभी ना कभी तो बन ही जाऊंगा। तो हुआ ना...जहा रोमियो का प्यार वही कमली का यार।"
" शायरी भी ऐसी होनी चाहिए जो सामने वाले को भी समझ आए। याद रखना ऐसी कोई शायरी कमली के सामने मत बोल देना बरना कही उसने कोई गलत मतलब समझ लिया तो तुझे कच्चा चबा जाएगी।"
रितिक रोमियो से कहता है और रितिक की बात सुन रोमियो का चहरा गुस्से से लाल हो जाता है।