गुड़िया... - 4 Lotus द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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गुड़िया... - 4

सना... पुलिस आई थी गुडिया के बारे मे पूछताछ कर रही थी पर मेने सब संभाल लिया...
फोन से .. मिलकर बात करतेहै
सना .. ठीक है मे रात को पहूचती हू
थाने मे ..........इन्फेक्टर विजय
सर इस लिस्ट का क्या करना है नाम के अलावा कुछ नही है और नाम भी सही होगा उसका भी भरोश नही डिटेक्टिव अबीर
देखो इसमे किसी का नाम रोहित गिरीश या ईशान से रिलेटेड लोगो से मेच करता है क्या
इन्फेक्टर विजय... ठीक है सर....
डिटेक्टिव अबीर... और किसी को रंगमहल और वहा आने जाने वाले लोगो पर नजर रखने के लिए बोलो और ऊस लडकी सना की पुरी जानकारी निकाल कर दो
इन्फेक्टर विजय... ठीक है सर...
डिटेक्टिव अबीर और इन्फेक्टर विजय गुडिया के विषय मे
जानने के बाद भी कुछ नही कर पा रहे है
सना के बारे मे भी ऊनहे कुछ खास जानकारी नही मिलती है
रात मे सना चुपके से रंगमहल के पीछे के दरवाजे से निकल जाती है और ऑटो लेकर कही जाती है कुछ देर बाद वह एक घर मे घुसती है और फिर इक चोर दरवाजे से वो घर के बेसमेंट मे जाती है बेसमेंट मे एक आदमी बंधा होता है
और वो आदमी कोई और नही बल्कि वो ईशान होता है
दो दिन बाद..गिरीश की मौत के सातवे दिन फिर से पुलिस थाने मे फोन की घंटी बजती है फोन उठाते ही ईशान की लाश मिलने की खबर मीलती है ईशान की लाश के पास भी एक आई कार्ड और इक गुड़िया मीलती है पोस्टमार्टम कि रिपोर्ट से पता चलता है कि उसकी मौत भी वैसे ही हुई है जैसे रोहित और गिरीश की मौत हुई थी.....
तीन हफ्ते मे तीन मौत पुरे मुम्बई मे तहलका मचा दिया है
हर कीसी की जुबान पर यही सवाल है
कि रोहित और गिरीश और ईशान को किसने मारा और पुलिस अभी तक क्या कर रही है
हत्यारे को पकड़ क्यो नही जा रहा...
डिटेक्टिव अबीर और इन्फेक्टर विजय उपर के प्रेशर से और कोई और सुराग नही मिलने से परेशान है डिटेक्टिव अबीर सना से पूछताछ करने के लिए उसे थाने बुलाते है पर पूछताछ के दौरान सना साफ साफ ईनकार कर दैती है
कि वह ईशान को नही जानती और ना ही रोहित और गिरीश को जानती है.....
अभी ईशान की मौत की जांच हो रही थी कि तिसरे दिन होम मिनिस्टर के बेटे करन मेहरा की किडनैपिंग की खबर पुरे शहर मे फैल जाती है करन मेहरा को सेर पर जाते हुए किडनैपिंग कर लिया गया होता है वह होम मिनिस्टर का बेटा है इसलिए पूरे मुम्बई शहर के पुलिस करमीयो की बेंड बजी पडी है उसकी किडनैपिंग के अगले दिन जब डिटेक्टिव अबीर और इन्फेक्टर विजय थाने के बाहर जा रहे थे कि तभी उन्होन दो कांस्टेबल को आपस मे बात करते सुना दोनो कांस्टेबल आपस मे बात कर रहे होते की जरूर भगवान ने उन्हे अपने पापो की सजा दी है जैसे करनी वैसी भरनी....
जानने के लिए बने रहिए की क्या वो दो कांस्टेबल से डिटेक्टिव अबीर को कोई सुराग मिलेगा और मुम्बई मे हो रही हत्या ओ को कोई नया मोड मिलेगा....