The Author Amit Hirpara फॉलो Current Read पिशाच By Amit Hirpara हिंदी फिक्शन कहानी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books आखेट महल - 19 उन्नीस यह सूचना मिलते ही सारे शहर में हर्ष की लहर दौड़... अपराध ही अपराध - भाग 22 अध्याय 22 “क्या बोल रहे हैं?” “जिसक... अनोखा विवाह - 10 सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट... मंजिले - भाग 13 -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ... I Hate Love - 6 फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी शेयर करे पिशाच 2.6k 4.7k बहोत ही सुंदर नगर की बात है जब प्राचीन समय में एक हॉरकस नाम का शहर हुआ करता था, जहा एक दोमरान नामक शासक रहता था जिसकी एक बहोत ही सुंदर बेटी थी जिसका नाम तिमेस था। राजा डोमरान बर्ताव से भी अच्छा था और अपनी एक मात्र पुत्री से बहोत ही प्यार करता था। उस राज्य में बहोत ही सुख शांति से लोग खेतीबाड़ी करते और खुश रहते वहां लगान भी माफी मिल जाता था जब पूरा साल अच्छा ना रहा हो। मतलब कि उस राज्य में कोई कमी नहीं थी। सब कुछ बहोत अच्छे से चल रहा था तभी नजदीकी नगर में प्रजा विद्रोह के कारण वहा के कुछ नागरिक यहा शरण लेते हैं, राजा तो अच्छा होने के वज़ह से उन्हें भी इजाजत दे देता है। उन्हीं लोगों में एक नागरिक था जिसका नाम शैफरीक था जो कि पिशाच और भूतो का उपासक था ये बात सिर्फ उनके साथ आए कुछ ही लोगों को पता थी क्योंकि काफी वक़्त से उसने ये काम नहीं किया था, इसलिए किसीको वो याद भी नहीं रहा था अब। अब एक दिन राजा अपनी पुत्री के साथ नगर में घूमने निकले थे तभी शैफरीक की नजर तिमेस पर पड़ती है उसे देखते ही उसे अपने पिशाच को काली माया के प्रवेश के लिए बहोत कमजोर शरीर मिल चुका था, अब वो अपनी शक्तियों से तिमेस को आकर्षित करता हैं, और तिमेस उसी वक़्त उस नजर में खो जाती हैं, ये तो बस उसके प्लान की शुरुआत भर थी। फिर थोड़े समय के बाद राजा के दरबार में एक मुख्य पद में एक शख्स को शैफरीक अपनी शक्तियों से मार देता है पर सबको यही लगता है कि वह अपनी बीमारी से मर गया तभी उसी पद के लिए शैफरीक अपनी दावेदारी प्रस्तुत करता है उसकी माया से भरपूर प्रस्तुति से सभी प्रभावित होते हैं और उसका चयन हो जाता है। इसी तरह वो तिमेस से अपनी नजदीकियां बढ़ाता रहता है और तिमेस को चित्रकारी का शोख होता है और उसी बहाने से वो उसके नजदीक आता है और उसके पास कैद किसी पिशाच फेरिका को तिमेस के शरीर में प्रवेश कराता है और फिर उससे अपने पिता का कत्ल करवाता है और तिमेस को खुद से विवाह करवाने का कहता है थोड़े समय के बाद शैफरीक राजा बन जाता है, बस अब उसे तिमेस से न लेना देना था नहीं तो वो पिशाच की माया से तिमेस के सभी नजदीकी लोग और आखिर में तिमेस को भी माया से खत्म कर देता है। इसी तरह पिशाच उस राज्य को बरबाद कर देती है पर एक राजा का ही खास और भगवान का उपासक उसी समय जो उस राज्य में एक अच्छी शक्ति से उस पिशाच को वश करके के फिर से अच्छाई की ताकत से सब पहले जेसे कर देता है। वो अपनी अच्छी शक्तियों से कब्र में दफन तिमेस को भी फिर जिंदा कर देता है क्योंकि वो बुरी शक्तियों से मरी थी उसका जीवन समाप्त नहीं हुआ था। और सब बाते जानकर तिमेस भी प्रभावित होकर उससे शादी कर लेती हैं इसी तरह राज्य फिर से पुराने दिनों की तरह खुशहाल हो जाता है। Download Our App