माँ की ममता DINESH KUMAR KEER द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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माँ की ममता

माँ की ममता
 
माँ...
घर पहुँचते ही बेशक माँ से...
कुछ काम ना हो लेकिन...
हमारा पहला सवाल यही...
होता है माँ किधर है और...
माँ के दिखाई देते ही...
दिल को सुकून मिल जाता है...
 
माँ का प्यार...
कभी गुस्सा तो कभी प्यार दिखलाती है...
कभी डांट तो कभी दुलार बस यही तो है...
माँ का प्यार सीने मै दर्द कितने हो...
कभी बता नहीं पाती सहन कर लेती...
हर मुश्किल पर परिवार पर आंच नहीं आने देती...
पेट ख़ाली भी हो तो चहरे पर हंसी बरकरार रखती है...
पास कुछ नहीं हो फिर भी बच्चो को राजकुमार-राजकुमारी रखती है...
माँ के उस संघर्ष को समझे उनको प्यार से सम्मान दे...
ना की आश्रम की शरण लेनी पड़े...
 
माँ की दुआ...
बहारों के मौसम में भी दिल में पतझड़ है...
किसी ने हमें दुआएँ दी तो कहीं सिर्फ तोहमतें मिली...
झोली मेरी खाली थी...
जिसने जो प्यार से दिया उसको हमने सर झुका के लिया...
जिंदगी का सफ़र अब तो बहुत काट लिया...
बाकी बचा कितना...
वो भी माँ की दुआ के सहारे कट ही जायेगा...