वो निगाहे.....!! - 10 Madhu द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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वो निगाहे.....!! - 10

वामा खुद पर झुलझुलाते जाकर बेड पर लेट गई,,,, वही तकरीबन आधा घण्टा बीत गया उसके कमरे में किसी कि आहट हुयी l

वो जाकर सीधे वामा के बेड के पास आ गया उसे दूर से हि निहारता रहा ऐसा लग रहा था कि इतने दिनो बाद उस शख्स के चेहरे पर सुकूनियत हुई हो l

कितनी मासूम और प्यारी लग रही थी वामा उसे अभी कही जग रही होती तो झाँसी कि रानी कि तरह दहाड रही होती l

सोती हुई वामा को लग रहा था जैसे उसके कमरे में बेहद उसके करीब हो l वो झटके से उठी किसी को अपने कमरे में देख कर जो कि पीठ करके खडा था, जैसी हि चिल्लाने को हुई वामा तुरन्त कि वेद कि नजर पडी तेजी से उसके मुहँ पर हाथ धर दिया (जबकी मालूम था उसे वामा के अलावा कोई घर पर नहीं है) l

"मै हूँ मै" वेद कहता l

वामा उसे आश्चर्य और गुस्से के भाव से उसे बस घूरती रही!!
कुछ कहा नहीं अरे भई कहती कैसे मुहँ पर वेद हाथ धरे जो था!!

वेद उसकी घूरती आंखों में खो सा गया था...कुछ वक़्त वेद ने वामा मुहँ पर से हाथ नहीं हटाया ,तो वामा उसके हाथ काट ली l
दर्द से बिलख पडा वेद झट से हाथ हटा दिया l

वेद ....वामा को जंगली कही कि ऐसा भला कोई करता है l


वही वामा ......वेद के चेहरे पर दर्द कि कुछ लकीरे खिच जाती है !
वो झट से वेद का पकडकर दिखाओ ज्यादा तो नहीं लगी ना वेद l वेद की गदेली लाल हो गई थी l
उसको बेड पर बैठाकर दवा लेकर उसके हाथ पर फ़ूकमार कर लगाने लगती है l

वेद..... वामा के चेहरे को एकटक देख रहा होता है जहा वामा के चेहरे पर दर्द दिखाई दे रहा था उसकी आँखें हल्की सी नम हो गई थी l उसको दर्द में देखने से और इतने दिनों बाद मुलाकात से !!

वेद.... वामा को अरे इतनी नहीं लगी तुम परेशान मत हो l मै तो मजाक रहा था बिलखने का l कहकर हस दिया l

वामा.... घूरते हुये उसे कुछ कहती नहीं है जाकर खिडकी जो खुली होती है उसे बन्द करने लगती है अपने आंखों के भीगि कोरो को साफ़ करने लगती है l

वेद..... वामा से हे वाम अब तू रो मत अब देख मै आया तू है कि रो रही है उसके पीछे से गले लगते हुये इतनो दिनों बाद आया हूँ कोई भला ऐसा स्वागत करता है l मासूम से चेहरा बनाता हुये l

वामा खुद कि भावनाओ को जब्त करते हुये.... उसके पेट पर कोहनी मार देती है दूर रहो मेरे नजदीक मत आना नहीं तो मै तुम्हारा सिर फ़ोड दुगी गुस्से से कहती है l

वेद.... इस बार पीछे नहीं हटता है लो मै तुम्हारे सामने हूँ तुमको जिस बात से खुशी मिलती कर लो सिर उसके सामने झुकाने हि लगा था कि.....

वामा अरे तुम ये क्या कर रहे हो ...इस बार मै छोड रही अगली ऐसे बिना बताय गये ना तो हमेशा हमेशा के लिए खो दोगे समझे यू चोरो कि तरह मत आया करो दरवाजे का रास्ता नहीं पता है क्या?

उसकी बात पर तडपकर खोने बात मत कहा करो वामा तुम्हारे और तेज के अलावा है कौन मेरा अब मेरी हिम्मत नहीं तुम लोगों को खोने का l

नाराज होकर उसके कमरे से चला गया l उसकी आँखो से एक कतरा बह गया,,,, सीधे तेज के कमरे चला गया l

वामा उसके पीछे पीछे भागी उसका इरादा उसका दिल दुखाने का ना था!!


जारी है!!

स्वस्थ रहिये खुश रहिये 🙏