बारिश - 1 diya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बारिश - 1

"आज फिर नहीं........... इस हफ्ते में ये तीसरी बार हुआ है, अगर आज भी मे लेट पहोची तो उस बंदर ने पक्का मेरा खुन कर देना है , यही सोच के लडकी ने अपनी गति को बढाया और भागने लगी ।
तकरीबन 9:20 बजे वो लडकी एक बड़ी सी कंपनी के सामने खडी थी और हाफ रही थी,
उसने समय देखा तो अभी उसकी ड्यूटी शुरु होने मे 10 मीनट बाकी थे.
" शाबाश मुन अभी भी 10 मीनट है, मतलब आज नो चिलमचिलली....हा....य कसम से बडा अच्छा दिन है, मुझे तो लगता मुझे ओलम्पिक मे ट्राई करनी चाहिए क्या दौड़ती हु मे एक दो मेडेल यूहीं जीता दु मे... - लडकी अपने आप में ही बडबडा रही थी तभी पीछे से आवाज़ आई

" लुना इधर क्या कर रही हो , उधर
रविसर ने हॉस्पीटल उठा लिया है, तुम्हारे नाम से...

लुना- एसे केसे अभी मेरी शेडयुल शुरु होने मे 10 मीनट, मे टाइम से आई हु ।

डो.सोहा - क्या तुमने msg नहीं पढा ???

लुना- कोनसा msg??

सोहा- रसमीमेम कुछ दिनों के लिए बाहर गइ है, तो उसी कारण सभी के शैड्यूल कुछ दिनों के लिए चेंज हुए हैं, तुम्हारे उस शैड्यूल के मुताबिक तुम्हारा टाइम 8: 30 बजे से है..

लुना- कया.......और तुम मुझे अब बता रही हो

सोहा- मैडम कल से 10 कोल और आज सुबह सुबह से कोल किए कहा थी आप कितने msg किए एक का भी ans नही दिया ।

लुना- वो मेरा फोन सायलेंट में था और मे मूवी देख रहीं थीं और देखते देखते कब आंख लग गइ की पता ही नहीं चला, और सुबह लेट हो गया था इसलिए देखने का टाइम नहीं मिला... माफ कर दे और ये बता की अब मे अंदर केसे जाऊं।

पैरों से, आम इन्सान अपने पैरो से ही कही पे आता है......

लुना ने जैसे ही ये आवाज़ सुनी उसकी आँखे डर के मारे बंध हो गई।
" बेटा मुन आज तो तु गइ..... उसने मन में कहा।

और वो अजीब सी मुस्कान लिए पीछे मुड़ी उसके सामने एक 25 26 साल का लडका खडा था उसने ब्लेक कलर का शर्ट और ब्लेक कलर का ही शूट पहना था और ब्लेक कलर के ही जुते और हाथ मे महंगी घडी पहेनी हुइ थी। लडका दिखने मे किसी एक्टर से कम नहीं था, गोरा रंग काली आंखे दाढी भी अच्छे से शेव की हुइ थी।

लुना- गुड मॉर्निंग आदर्श सर।

( आदर्श कपूर ceo of kapur industry )
आदर्श: गुड मॉर्निंग मिस लुना, वैसे आप अभी इस वक्त यहा क्या कर रही है?? आपको याद नही आज हमारी बजाज ग्रुप के साथ मिटिंग है, तो मेरे ख्याल से आप को अभी इस वक्त मिटिंग रुम में होना चाहिए और सब तैयारी को देखना चाहिए, आपको तैयारी का मोका मिल सके इसलिए मैंने रवि को कहकर आपका शैड्यूल 8: 30 बजे रखा था, पर आप अभी इस वक्त यहाँ.....

लुना- वो सर मे बस वो जरा लेट हो गई।

आदर्श- जरा ??????
लुना- मतलब जरा से थोडा ज्यादा, पर don't worry मैंने सब preparation कर ली है। ये डील पकका हमे ही मिलेगी।

आदर्श- मुझे यहीं उम्मीद है ( इतना कहकर वो बिना लुना की बात सुने चला गया। )

सोहा- यार कुछ भी कहो पर्सनैलिटी हो तो इनके जैसा।

लुना- काहे की पर्सनैलिटी इनसे अच्छी पर्सनैलिटी तो मेरी है ।

सोहा- ( हंसने लगती है) बोलने से पहले सोचा कर

लुना- क्या खराबी है मुझमें ( इतना कहकर वो खुद को कांच के वोल में देखती है)

उसने आसमानी रंग का सूट पपहना हुआ था और कंधे से थोडे नीचे तक बालों को खुल्ला छोड दिया था, जोकि दौडने के कारण थोडे बिखर गये थे, कान में छोटे झुमके पहेने थे, और नाक मे छोटी सी बाली पहेनी हुइ थी, कत्थई आंखो मे काजल लगाया था और उसके आंख से कुछ दूरी पर तिल था जो उसकी सुंदरता को बढा रहा था।

लुना- क्या खराबी है, ऐसे से लोग मुझे मुन नहीं कहेते।

सोहा- मैडम अभी फिलहाल के लिए आप मिटिंग रुम मे तशरीफ़ रखीए वर्ना ये जो पूनम का चाँद वाली हसी है ना उसको रवि सर अमावस के चाँद जैसी हो जाएगी।

लुना- पर अमावस के दिन तो चांद दिखता ही नहीं है,

सोहा- बिलकुल सही, वेसे ही रवि सर के डांट से तेरी हसी ही नहीं दिखेगी, इसलिए चल जल्दी।

लुना- सही कह रही है।

दोनों लडकीया अंदर जाती है।

( क्रमश:)
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