ये जवानी है दीवानी रिव्यू Mahendra Sharma द्वारा फिल्म समीक्षा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

ये जवानी है दीवानी रिव्यू

ये जवानी है दीवानी फिल्म रिव्यू
एक बार फिर १० साल पुरानी फिल्म का रिव्यू लेकर आपको आपके समय से पीछे लेकर टाइम मशीन का काम करना चाहूंगा। वहां जहां हम थोड़ी खुशियां थोड़ा रोमांच छोड़ आए हैं, चलो थोड़ा सा रोमांच वहां से चुराने चलते हैं।
मेरे जीवन की श्रेष्ठ फिल्मों की सूची में ये जवानी है दीवानी शामिल हो चुकी है, आपका क्या ख्याल है?

फिल्म एमेजॉन प्राइम पर उपलब्ध है, आप देख सकते हैं। अगर देखने वाले हैं तो रिव्यू न पढ़े क्योंकि फिर राज़ की बात पता चल जाएगी तो मज़ा किरकिरा हो जाएगा।

फिल्म की कहानी स्कूल के ४ दोस्तों की है जिनका रियूनियन एक ट्रेकिंग ट्रिप पर होता है। एक है चुलबुली आदिति, एक है नशेड़ी अवि, एक है बंजारा बनी और एक है स्कॉलर नैना। नैना को छोड़ कर बाकी 3 एक दूसरे से मिलते रहते थे पर इस बार नैना का एडवेंचर उसे इस ट्रिप पर ले आया। नैना को पहली बार दोस्तों के साथ रहकर मौज मस्ती करने का अनुभव हुआ। वह एक मेडिकल स्टूडेंट थी, इस ट्रिप से पहले उसके जिंदगी से रोमांच खत्म हो चुका था पर अब इस ट्रिप में उसने जैसे खुद को ही खोज लिया।

ट्रिप के बाद बन्नी निकल गया अमरीका, उसे एक फोटो जर्नलिस्ट की नौकरी मिली, और अन्य दोस्त कहां गए उसका पता चलता है एक रोमांचक घटना में। आदिति की शादी हो रही है और वो अपने तीनों दोस्तों को आमंत्रित करती है। बन्नी आकर ही धमाल मचाता है और नैना उसे देखकर और भावुक हो जाती है। अवि अब भी नशा और जुआ नहीं छोड़ पता और बन्नी से लड़ाई करता है। क्योंकि बन्नी अपने पिता की मौत पर भी घर नहीं आता। अवि दोस्त बन्नी को समझता है की वो उसे कितना चाहता है।

नैना और बन्नी को पता है की वे एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार हैं। पर फिर भी एक दूरी बनाए रखते हैं। एक दिन वे उदयपुर साथ साथ घूमते हैं। नैना बन्नी के बंजारेपन से तंग आकर कहती है "कितना भी दौड़ लो बन्नी, तुम हर जगह नहीं पहुंच पाओगे, इससे अच्छा है एक जगह रुक कर उस पल का मजा लो"। दोनों ही अलग सोच वाले, नैना को भारत की हर बात अच्छी लगती है, बन्नी को विदेशी खाना और रहना अच्छा लगता है।

अब हो गया मामला थोड़ा गड़बड़, नैना को बन्नी से प्यार है पर बन्नी को शादी नहीं करनी। बन्नी को नैना से प्यार है पर उसका डायलॉग है "मैं उड़ना चाहता हूँ,, दौड़ना चाहता हूँ.
गिरना भी चाहता हूँ, बस, रुकना नहीं चाहता.". अब इसका मतलब क्या हुआ?

फिल्म अब भी नहीं देखी तो एमेजॉन प्राइम पर देख लें।

फिल्म में अनेक बातें सीखने को मिलीं जैसे की
१. अपने सपनो को जीने की क़ीमत चुकाने की हिम्मत सब में नहीं होती।
२. दूसरों से अलग होने का मतलब गलत होना नहीं होता।
३. दो एक दम विपरीत स्वभाव के लोग अच्छी जोड़ी बनाते हैं।
४. दोस्त लोग आपके जीवन का रोमांच हैं उन्हें मिलते रहें।
५. मां बाप आपके जीवन को उनसे बेहतर देखना चाहते हैं।

रणबीर और दीपिका की जोड़ी ने फिल्म में एक नई जान डाल दी है और वहीं कल्कि कोइचिन इस फिल्म में हुकम का इक्का है। आदित्य रॉय फिल्म में अवसत एक्टिंग करते दिखे। फारूख शेख के २ सीन आपको अपने पापा याद दिला देंगे जो आपकी जेब में कुछ पैसे बिना पूछे डाल देते हैं।

फिल्म के गाने धमाल हैं और कमाल हैं। बलम पिचकारी, बदतमीज दिल माने ना, ए कबीरा मान जा। सभी गाने आपको १०१% मनोरंजन देते हैं और आप इन्हें बार बार गाना भी चाहेंगे। गाने प्रीतम ने बनाए हैं जो इस समय के सबसे सफल संगीतकारों में से एक हैं।

निर्देशक हैं आयान मुखर्जी, जिन्होंने हाल ही में ब्रह्मास्त्र निर्देशित की, पहले उन्होंने वेक अप सिड और स्वदेस जैसी फिल्मों में भी निर्देशन और सहायक निर्देशन किया है।

इस फिल्म को मैने ५ बार देखा है क्योंकि
१. अदाकारी बिलकुल रियालिस्टिक है।
२. कहानी कुछ अलग है, यहां प्यार है, मस्ती है, दोस्ती है।
३. गाने बहुत ही दिलचस्प हैं जो याद रह जाते हैं।

आपको फिल्म कैसी लगी?
– महेंद्र शर्मा 19.04.2023