एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - भाग 18 ss ss द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - भाग 18


सारी बात बताने के बाद शिवाय ने कहा मुझे लगता है हमे बाबा से कल सुबह ही मिलना पड़ेगा और हमे पता लगाना ही पड़ेगा आखिर ये सब हो क्या रहा है। आखिर कौन है जो ये सब कर रहा है ?
"तभी समीर ने कहा शिवाय हमे वो किताब तो दिखा हम भी तो देखे उस किताब में ऐसा क्या है जो तुझे बाबा ने किसी को देने से मना कर दिया। "
इसपे शिवाय ने कहा अच्छा ठीक है रुको मैं दिखता हूँ तुम्हे। शिवाय ने फिर वो किताब निकली और उन्हें दिखते हुए कहा ये देखो। वो किताब देख कर करन ने वो किताब शिवाय के हाँथ से ली और उसे खोल कर देखने लगा। वो किताब के आखरी पन्ने पर गया जहा से कुछ पेज फाड़े गए थे। ये देख कर करन ने शिवाय से कहा शिवाय !! करन आगे कुछ कहता उससे पहले ही शिवाय समझ गया करन क्या पूछना चाहता है तभी उसने कहा हां पर बाबा को भी नहीं पता ये पेज कहा है। तभी समीर ने कहा ये खूबसूरत लड़की कौन है यार ? इसपे शिवाय ने उसे घूरते हुए कहा "एकजा " , ये सुनके समीर के हाँथ से वो किताब छूटने वाली थी की करन ने वो किताब उसके हाँथ से ले ली।
करन ने फिर समीर को देखते हुए कहा तुझे क्यों झटका लग रहा है बे !
समीर ने फिर कहा भाई ! क्या यही है जो उस महल में है और जो सबको मार रही है ? " इसपे शिवाय ने कहा पता नही , अभी कुछ कह नहीं सकते। "
अब तो बाबा ही बता सकते है आखिर कौन है जिसे मैंने कल देखा। चलो अब सोते है कल सुबह देखते है क्या करना है। " जहा ये तीनो बाते कर रहे थे वही कोई ऐसा भी था जो उनकी बाते सुनके मुस्कुरा रहा था। "
अगले दिन सुबह सब सो रहे थे। तभी उन्हें एक आवाज आयी। जो समीर को ही पुकार रही थी। " आवाज सुनके समीर तो नहीं उठा लेकिन करन की नींद खुल गयी "।
करन जब नीचे देखने गया तो एक लड़की दौर कर उससे गले लिपट गयी। और उससे बोली आई मिस यू सो मच !!! डफर।
तभी पीछे से मुखिया जी ने खासते हुए कहा ये समीर नहीं है।
ये सुनके उस लड़की झट से करन को छोड़ा और उसपे चिल्लाते हुए बोली बोल नहीं सकते थे तुम समीर नहीं हो।
करन ने कहा मैं
"करन आगे कुछ कहता उससे पहले ही वो लड़की फिर से बोल पड़ी मैं मैं क्या कर रहे हो बोल नहीं सकते। "
तब तक बाकि भी नीचे आ चुके थे। तभी समीर ने कहा " तुम उसे बोलने देगी तब ना वो कुछ कहेगा " चेटरबॉक्स। ये सुनके उस लड़की ने आवाज की तरफ देखा जहा समीर और उसके पीछे शिवाय खड़े थे। " समीर को देख कर उस लड़की ने उसके पास जा कर उसके कान पकड़ कर खींचते हुए कहा अच्छा तो अब तुम सिखाओगे मुझे क्या बोलना है। "
अभी बताती हूँ। तब तक रीया और सावी भी नीचे आ गए और ये सब देख कर हैरान थे। रीया सावी से बोली ये कौन है। समीर ने कभी हमे इसके बारे में नहीं बताया। इसपे सावी ने कहा मुझे क्या पता कौन है। चल इससे ही पूछ लेते है। "करन चुप - चाप अभी भी उस लड़की को ध्यान से देख रहा था। " उस लड़की ने एक सिंपल सा सूट पहना हुआ था और अपने बालो को जुड़े में बंधे हुए थे और कानो में छोटे - छोटे झुमके पहने हुए थे। वो लड़की काफी सुन्दर भी लग रही थी और उसके चेहरे पर मुस्कान मनो जैसे कमल के फूल पर पानी की बुँदे। करन तो जैसे उसकी खूबसूरती में खो सा गया। पहली बार करन किसी लड़की को ऐसे देख रहा था। तभी समीर ने उस लड़की से कहा अरे !!! प्लीज मुझे छोड़ो। मेरे कान दर्द हो रहे है। ये सुनके उस लड़की ने उसे छोड़ दिया।
वही रीया को वो लड़की अच्छी नहीं लग रही थी , या यू कहे वो समीर के साथ उस लड़की को देख कर कुछ खुश नहीं थी। वैसे तो वो समीर को परेशान करती थी लेकिन कही ना कही उसे समीर पसंद था लेकिन वो उस बात को मानना नहीं चाहती थी। "तभी शिवाय ने कहा ये कौन है समीर ?? "
शिवाय का ये सवाल सुनके समीर कुछ कहता उससे पहले ही वो लड़की बीच में बोल पड़ी। ये क्या बताएगा मैं ही बता देती हूँ।
" मेरा नाम नैना है और मैं पास के गांव के मुखिया की बेटी हूँ। " हम दोनों बचपन में अचे दोस्त थे फिर ये शहर चला गया आगे की पढ़ाई के लिए। "
ये सुनके शिवाय ने कहा आप करती क्या है वैसे ?? शिवाय को उस लड़की से ऐसे बात करता देख सावी भी अब चिढ़ने लगी।
तभी नैना ने कहा मैं गांव में स्कूल है वहाँ बच्चो को पढ़ती हूँ। तभी बीच में ही मुखिया जी बोल पड़े बेटा ये भी शहर गयी थी और वहा से पढ़ाई करके आने के बाद गांव में ही बच्चो को पढ़ना शुरू कर दिया। इसका मानना था की हमे अपनी जड़ो को नहीं भूलना चाहिए और गांव के लिए कुछ करना चाहिए।
ये सुनके नैना ने कहा अरे ! अंकल आप भी ना मेरी तारीफ करते रहते है। "तभी शिवाय ने आपके विचार तो बहुत नेक है नैना जी !! " तभी सावी शिवाय के पास आ कर , शिवाय के पास खड़ी हो गयी। उसे देख कर नैना ने कहा मैंने तो बता दिया मैं कौन हूँ समीर तुम नहीं मिलवाओगे अपने शहर के दोस्तों से ?
इसपे समीर ने कहा क्यू नहीं नैना। समीर ने फिर अपने दोस्तों के तरफ इशारा करते हुए कहा ये शिवाय है , इसके पास में खड़ी सावी है , तभी रीया बीच में बोल पड़ी मैं रीया हूँ। " तभी नैना ने धीरे से समीर से पूछा वो कौन है " ???
ये सुनके समीर हसते हुए बोला " और जिसे मुझे समझ कर तुमने पकड़ रखा था और जिससे बोलने का मौका ही नहीं दिया ये मेरा दोस्त करन है। "नैना ने करन की तरफ देख कर कहा I'm really sorry .मुझे नहीं पता था आप समीर नहीं है। ये कहते हुए नैना ने अपने एक हाँथ से अपना कान पकड़ लिया। उसका क्यूट सा चेहरा देख कर करन ने कहा कोई बात नहीं।
क्या होगा इस कहानी में आगे ?
क्या शिवाय को बाबा से कुछ पता चलेगा ऐसा जो उसे नहीं पता ?
कौन है ये लड़की , क्या ये जो है वही दिख रही है ? या है कोई बात ?
जानेगे आगे ......!😇