एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 10 ss ss द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 10

धीरे - धीरे इस हादसे की बात सारे गांव और आस- पास के गांव में आग जैसी फ़ैल गयी। ये सुनके सबके हाँथ - पाँव ठन्डे पर गए थे। ये बात मुखिया के पास भी पहुंची तो वो दंग रह गए और घर से निकल कर जाने लगे। तभी समीर और उसके दोस्त सीढ़ियों से नीचे आ रहे थे , तभी समीर ने देखा उसे पिता जल्दी में कही बाहर जा रहे थे ये देख के समीर ने अपनी माँ से पूछा माँ पिता जी इतनी जल्दी में कहा गए ?
इसपे मुखियाइन जी ने समीर और उसके दोस्तों से पूछा क्या तुम सब उस महल में गए थे ?
ये सुनके सब हके-बके रह गए तभी समीर ने हड़बड़ा कर कहा नहीं माँ , अगर हम उस महल में जाते तो ज़िंदा आते। इसपे समीर की माँ ने कहा - शुभ शुभ बोलो बेटा। इसपे समीर ने बोला अच्छा ठीक है माँ लेकिन हुआ क्या है ये तो बताओ।
तब समीर की माँ ने उन्हें गांव में हुए हादसे के बारे में बताया ये सुनके उन सबके होश उड़ गए। फिर सब एक दूसरे को घबराई नजरों से देखने लगे । मानो बोल रहे हो अगर किसी को पता चला हमने वो दरवाजा खोला तो सारे गांव वाले हमारे साथ क्या करेंगे । तभी शिवाय ने कहा हमे भी चलना चाहिए आखिर देखे तो सही ये किसने किया । इसपे समीर की मां ने शिवाय की तरफ देख के कहा ये सब उसने ही किया होगा । इसपे करन ने पूछा आंटी जी किसने ? तभी सावी ने कहा वो आ गया ? सावी के ये बोलते ही सब उसकी तरफ सवालिया नज़रो से देखने लगे। ये देखके की सब उसकी तरफ देख रहे है सावी ने कहा अभी आंटी ने ही तो कहा उसने किया। तभी समीर की माँ ने कहा हां बेटा वो आ गयी लगता है। तभी करन ने कहा ठीक है एक बार हम जा के देखते है। फिर सब वह से जाने लगे तभी शिवाय ने सावी और रीया से कहा तुम दोनों यही रुको। इसपे रीया ने कहा नहीं हम भी चलेंगे। वो दोनों जाने के लिए ज़िद्द करने लगी , हर कर फिर वो सारे एक साथ उस गांव की तरफ निकल गए।
वही मुखिया जब वह पहुंचा तो उनको सात्वन्ता देते हुए उनसे बात कर रहे थे। कुछ देर बाद शिवाय , समीर , करन , रीया और सावी वहा पहुंचे।
जब उन्होंने लोगो की बात सुनी तो वो आगे जाने लगे और जब वो आगे गए तो उन्होंने देखा वहां एक नही दो लाशे थी ये देख कर सब चौक गए । तभी कुछ गांव वाले बात करते हुए बोले मैने सुना किसी ने उस खंडर हुए महल को खोल दिया ,जिसकी वजह से ये हुआ है । ये सुनके वहा खड़े एक गांव वाले ने कहा पता नहीं किस बेवकूफ ने वो महल खोला और पता नहीं वो महल खोलने के बाद वो बचा भी होगा या वो भी मर गया होगा । तभी दूसरे गाव वाले ने कहा चाहे जिसने भी खोला हो इससे फर्क नहीं पड़ता , सोचने की बात ये है कि वो महल खुल गया है । गांव वालो की ऐसी बात सुनके सारे दोस्त एक दूसरे को देखने लगे । तभी एक तेज हवा का झोंका आया और उन दो लाशों के ऊपर से कपड़ा उड़ गया। उन दो लाशों को देख के सभी सन पर गए । रीया तो जैसे बेहोश ही होने वाली थी तभी सावी ने कहा ये कितना भयंकर है । इसपे समीर ने धीरे से कहा कही हमने गलती तो नहीं कर दी ।तभी समीर के पिता उनकी तरफ आए और बोले तुम सब यहां क्यू आए हो ? यहां माहौल ठीक नहीं है । इसपे करन ने समीर के पिता से पूछा ये किसने किया कुछ पता चला ? इससे मुखिया जी ने उदास होते हुए कहा "ये सब उसकी वजह से हुआ है" । आगे जाने क्या - क्या होने वाला है।
इसपे शिवाय ने कहा - आप बार -बार ये क्यू कह रहे है उसने किया है , आप साफ - साफ क्यू नहीं बताते किसने किया है ये सब ?इसपे एक बूढ़े बाबा उनके पास आते हुए कहा "एकजा "। ये बाबा देख कर 100 साल के लग रहे थे , जिसने सारे बाल सफ़ेद और उनकी लम्बी - लम्बी दाढ़ी थी। ये गांव के सबसे बुजुर्ग थे। जिन्हे सब गांव वाले मानते भी थे और इज़्ज़त भी करते है।
इसपे शिवाय ने उनकी तरफ देख के कहा आखिर क्या है ये एकजा ? बाबा
उस बाबा ने कहा ने शिवाय की तरफ देखते हुए कहा सब पता चल जायेगा ,इतनी जल्दी किस बात की है तुम्हे।
तभी मुखिया जी ने कहा बाबा हमे इनके अंतिम संस्कार के लिए जाना है ये बाते बात में करते है। और फिर मुखिया समीर की तरफ़ा देखते हुए बोले तुम सब यही रुको।
ये सब सबके और उन दो लाशो की ऐसे हालत देख के वहा सब घबराये हुए थे , वही शिवाय और उसके दोस्तों के दिमाग में एकजा नाम घूम रहा था। लेकिन दिर्फ़ सावी थी जिसे ये सब सुनके कोई हैरानी या घबराहट महसूस नहीं हुई। तभी सावी ने मन ही मन कहा अच्छा तो तुम आ गए। तुम्नसे जल्द मुलाकात होगी लेकिन इस बार वो नहीं होगा जो तुम चाहते थे।
कुछ देर बाद सब उनके अंतिम के लिए निकल गए। जब सरे वह से चले गए तो समीर ने सबसे कहा यार कही हमसे बहुत गलती तो नहीं हो गयी। ये सब हमारे वजह से तो नहीं हुआ।
इसपे रीया ने कहा समीर तू चुप रह कोई आत्मा या भूत नहीं होते ये सब पक्का किसी ने अफवा फैलाई है ताकि कोई उस महल में ना जाये।
इसपे करन ने कहा नहीं रीया ऐसा नहीं होता ये सब होते है , ये सुनके सब उसकी तरफ देखने लगे। और सबने एक साथ करन से पूछा तुझे कैसे पता और क्या तू इन सबपे विश्वास करता है ?
इसपे करन ने जवाब देते हुई कहा - मैंने बहुत सी किताबे पढ़ी है तुम्हे पता है मुझे किताबो का कितना शौक़ है और वो भी पुरानी। और इंडिया में कई ऐसी जगह है जहा ये सब बातो पर लोग विश्वास करते है , और ये गलत भी नही है।
देखो जैसे भगवान है , क्या उन्हें किसी ने देखा है ?
इसपे सबने अपना सर ना में हिला दिया। इसपे करन ने कहा उसी तरह भूत और आत्माये होती है। बेशक हमने उन्हे देखा नहीं लेकिन हम नहीं जानते हमारे आस - पास कौन है। और हम इस बात को नज़रअंदाज नहीं कर सकते की ये हो सकता है।
वैसे भी ये दो लाशो को देख कर लगता नहीं ये किसी इंसान का काम है , कोई भी इंसान इतनी बेरहमी से किसी को नहीं मार सकता और एक लाश की बात होती तो मान भी लेते लेकिन यहाँ दो लोगो की जान गयी है। ये सुनके रीया ने कहा यार ये आत्माये या भूत जो भी है काफी खतरनाक लगती है। इसपे समीर ने भी हां कहते हुई कहा हां यार। जहा ये तीनो इन बातो में बिजी थे वही शिवाय और सावी कही और ही खोये हुई थे , शिवाय जो करन की बात को ध्यान से सुन रहा था और कुछ नहीं बोल रहा था वही सावी शिवाय को एक टक नजर से देखे जा रही थी।आखिर क्या हुआ आगे ?
क्या महल का राज जान पाएंगे शिवाय और उसके दोस्त ?
जानने के लिए पढ़ते रहे -"एकजा "