एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 3 ss ss द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 3


New visitors उस हादसे के बाद, गांव के सभी लोग बहुत डर गए थे जिसकी वजह से जो लोग उसके आसपास भी रहते थे वह भी उस महल से काफी दूर हो गए उसके कुछ दिनों बाद कहीं पर भी कोई हादसा नहीं हुआ पर कहते हैं ना - कई * बार जब हमें लगता है कि सब कुछ ठीक हो गया है तभी अचानक से कुछ ऐसा होता है जो हमारी सोच से परे होता है ऐसा ही कुछ अजबगढ़ में होने वाला था।उस हादसे के बाद लोग उस महल के आसपास जाना तो बंद कर चुके थे लेकिन क्योंकि उसका पहला दरवाजा खुल चुका था जिसकी वजह से वहां से आने वाली वह भयानक आवाज अब उस गांव में दूर-दूर तक सुनाई देती थी और जो आवाज सिर्फ अमावस की रात को आया करती थी अब वह आवाज रोज आने लगी थी जो चीख- चीख के कहती है मैं एकजा अपना बदला जरूर लूंगी, जरूर लूंगी।
कुछ दिनों बाद वहां पर कुछ दोस्त आए जो वहा अपने हॉलिडे पे आए हुए थे । जिनमे करन , समीर, रिया , सावी और शिवाय शामिल थे । ये 5 दोस्त यहा अजबगढ़ के महल को देखने आए थे , क्यूंकि सबने उसके बारे में बहुत कुछ सुना था तो उन्हे बहुत एक्साइटमेंट थी उस महल को देखने और उसके बारे में जानने के लिए । ये 5 अलग - अलग प्रोफेशन में है । करन एक माइथोलॉजिस्ट है साथ में एक राइटर है ,रिया एक ब्लॉगर , वही सावी एक डिजाइनर है और शिवाय एक मस्त मौला इंसान है जिसे ट्रैवलिंग करना और ट्रैकिंग करना पसंद है । समीर इसी गांव का रहने वाला है लेकिन जब वो बहुत छोटा था उसके पापा ने उसे यहा से दूर शहर पढ़ने भेज दिया था और आज समीर 20 सालो बाद वापिस आया है वो भी अपने दोस्तों के साथ ।ये पांचों कॉलेज में साथ पढ़े और कॉलेज के बाद भी ये सारे अच्छे दोस्त है। और ये सब यहा घूमने के लिए आए है । क्यूकि समीर इसी गांव का था और उसके दोस्तों ने कभी गांव नहीं देखा था
जैसे ही ये सभी अजबगढ़ पहुंचे , चारो तरफ से तेज़ हवाएं चलने लगी। मनो जैसे उनका स्वागत कर रहे हो।
समीर अजबगढ़ के पास रामगढ़ गांव है उसी के मुखिया का बेटा है जिसकी हवेली से वो खंडर हुआ महल साफ- साफ दिखाई देता है , समीर सबको अपने घर ले कर जा ही रहा था कि तभी उसे बूढ़े बाबा दिखे , जब बाबा ने देखा कि कौन है तो बोले अरे तुम बेटा कितने बड़े हो गए हो , मैं गलत नहीं हूँ तो तुम समीर हो ना मुखिया राम किशन के बेटे।
समीर ने हां बोलते हुए उनके पैर छू के उन्हें प्रणाम किया।
फिर बाबा ने समीर के पीछे सभी को देखा और कुछ देर शिवाय को देखते रहे , तभी समीर बोला बाबा ये मेरे दोस्त है शहर से आये है गांव देखने। तो समीर के सभी दोस्तों ने बाबा को प्रणाम किया। तभी बाबा ने तुरंत कहा बेटा गांव देखना है देखो लेकिन गलती से भी उस महल के पास मत जाना। समीर के दोस्त मन ही मन सोचने लगे अभी तो आये है और ये पहले ही डराने लगे। समीर ने हां में सर हिला दिया और बाबा से बोला , बाबा अब चलते है ये सभी थक गए होंगे , बाबा बोले ठीक है बेटा जाओ घर और तुम सभी आराम करलो बाते तो होती रहेगी।
फिर समीर और उसके दोस्त वहा से चले गए , बाबा उन्हें जाते हुए देख रहे थे। समीर जब अपने घर पहुंचा तो उसके माता पिता पहले तो खुश हुए लेकिन जब उन्हें कुछ दिनों पहले का हादसा याद आया तो उनके चेहरे पे डर साफ दिखाई देने लगा , तभी समीर बोला क्या हुआ आप लोग मुझे देख के खुश नहीं हुए। तो उसके माता पिता चेहरे पे फिर से मुस्कानं लेट हुए बोले अचानक आ गया , बताया भी नहीं , वर्ण हम तयारी करके रखते न। चलो कोई नहीं अब तुम आ गए ना , तभी उन्होंने समीर के पीछे कुछ शहरी लोगो को देखा और जब उन्होंने लड़कियों को देखा जो सूट में नहीं थी बल्कि जीन्स में थी तो बोले ये सब कौन है ?
समीर ने सबका परिचय देते हुए कहा ये कारन , रीया, सावी और शिवाय मेरे बहुत अच्छे दोस्त ये यहां मेरे साथ गांव देखने आये है। तो सभी ने उन्हें नमस्ते कहा , समीर कि माँ बोली अरे बहुत अच्छी बात है तुम सब आये , समीर से हमने फ़ोन पे सुना था तुम सबके बारे में। तुम सबसे मिलके बहुत ख़ुशी हुए। चलो बच्चो अंदर आओ थक गए होंगे मुँह हाँथ धो लो तब तक मैं सबके लिए नास्ता बनवाती हूँ।तभी समीर के पापा ने कहा चलो बेटा मैं तुम सबको तुम्हारे कमरे दिखा देता हूं। सारे समीर के पापा के पीछे चल दिए । सारे लड़के एक कमरे में रुके और लड़किया एक कमरे में । जब सब फ्रेश हो जाना तो बेटा तैयार होके नीचे आ जाना । कुछ देर बाद सभी नीचे आ गए और सभी टेबल पे बैठ गए और लड़किया सबको नाश्ता देने में उनकी मदद करने लगी। सब नाश्ता कर ही रहे थे की शिवाय ने अचानक पूछा अंकल ये महल का क्या राज है , जब हम आ रहे थे तब हम एक बूढ़े बाबा मिले थे वो कह रहे थे वहा मत जाना ? क्या आप बता सकते है वहा ऐसा क्या है जिसकी वजह से वो हमे वहा जाने से मना कर रहे थे ।
क्यूंकि शिवाय को एडवेंचर पसंद था तो उससे वो महल देखने की और उसके बारे में जानने की एक्साइटमेंट बहुत थी । ये सुन कर राम किशन (समीर के पापा ) के हांथ वही रुक गए और जो उनके हांथ में निवाला था उसे नीचे रख कर बोले बेटा ! इसकी बहुत लंबी कहानी है तुम सब अभी आए हो धीरे - धीरे सब पता चल जायेगा । अभी खाने पे ध्यान दो, इसके बारे में बाद में बात करेंगे ।
क्या शिवाय और उसके दोस्तो को पता चल जायेगा महल का राज ?
क्या एकजा का इंतजार खत्म होने वाला है ? जानेंगे नेक्स्ट पार्ट में । तब तक जुड़े रहे हमारे साथ ।