The Author Miss Chhoti फॉलो Current Read Best friend - 1 By Miss Chhoti हिंदी रोमांचक कहानियाँ Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books राजा और दो पुत्रियाँ 1. बाल कहानी - अनोखा सिक्काएक राजा के दो पुत्रियाँ थीं । दोन... डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 76 अब आगे,राजवीर ने अपनी बात कही ही थी कि अब राजवीर के पी ए दीप... उजाले की ओर –संस्मरण नमस्कार स्नेही मित्रो आशा है दीपावली का त्योहार सबके लिए रोश... नफ़रत-ए-इश्क - 6 अग्निहोत्री इंडस्ट्रीजआसमान को छू ती हुई एक बड़ी सी इमारत के... My Wife is Student ? - 23 स्वाति क्लास में आकर जल्दी से हिमांशु सर के नोट्स लिखने लगती... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Miss Chhoti द्वारा हिंदी रोमांचक कहानियाँ कुल प्रकरण : 4 शेयर करे Best friend - 1 (5) 5k 9.5k कुछ रिश्ते ऐसे होते है की उसे कितना भी सजाके रखो, पर हाथ से छुट ही जाते है। ये कहानी एक लड़का और लड़की की दोस्ती की है। ऐसी दोस्ती जिसमे झगड़ा बहोत होता पर कभी मनाने की जरूरत नहीं पड़ती थी। सिर्फ छोटी सी स्माइल से सारी नाराजगी खतम हो जाती। पर कुछ ऐसा हुआ की सात साल पुरानी दोस्ती एक छोटी सी गलतफेमि से टूट गई।"जैन" दिखने मे ठीक था। उसका बात करने तरीका ऐसा था की कोई भी उसकी बातों मे आ जाए। झूठ भी बहोत आसानी से बोल देता, वो भी ऐसे सब उस पर भरोसा कर लेते। कुछ कुछ अच्छा और कुछ कुछ बुरा दोनों गुण उसमे थे। और "चाहत" सावली, मासूम, गुस्से वाली और दिल से सोचने वाली।जैन और चाहत की फैमिली रिश्तेदार थे। इसलिए दोनों बचपन से एक दूसरे को जानते थे। ये दोनों बहोत अच्छे दोस्त थे। दोनों की दोस्ती कमाल की थी। मोबाइल मे बहोत कम बात होती, साथ मे कोई फोटो नहीं थी। बस दिल मे कुछ अच्छी यादे थी। चाहत ने जब से दोस्त का मतलब समझा था तब से जैन उसका दोस्त रहा है। रोज मिलना, रोज बात करना, ऐसा नहीं होता था। चाहत जैन के घर जाती या फिर जैन चाहत के घर आता तब दोनों मिलते। जैन के लिए चाहत किसी से भी झगड़ा कर लेती। वो अक्सर सबसे बोलती जैन मेरा बेस्ट फ्रेंड है। कुछ खट्टी कुछ मिठी सी दोनों की यारिया। हर कहानी मे कुछ बुरा होता है। इस कहानी मे भी हुआ। सात साल पुरानी दोस्ती पल भर मे टूट गई। जिस भरोसे पर ये रिश्ता निभाया था। वो भरोसा टूट गया।हुआ यू की जैन को एक लड़की से प्यार हो गया। उसका नाम हीर था। जैन अच्छी तरह जानता था। चाहत प्यार व्यार के चक्कर से दूर रहती है। इसलिए पहले उसे कुछ नहीं बताया। पर वो बताये बिना रहा भी नहीं। एक दिन जैन ने चाहत को कॉल करके अपने और हीर के बारे मे बताया और दोनों की बात करवाई। चाहत को इनसब मामलों से दूर रहना पसंद है। पर जैन उसका अच्छा दोस्त था इसलिए वो जैन की खुशी मे खुश हो गई। जैन की शादी का वो कब से इंतजार कर रही थी। चाहत ने तो सोच लिया था की जैन की शादी मे वो सबसे आगे रहेगी। सब सही चल रहा था। कुछ दिनों की मुश्किलों के बाद जैन और हीर का रिश्ता पकका हो गया। चाहत बहोत खुश थी क्युकी उसके दोस्त की शादी होने वाली थी। पर पता नहीं हीर के मन मे चाहत और जैन के रिश्ते को लेके गलतफेमि कैसे हो गई? वो दोनों सिर्फ अच्छे दोस्त थे। उससे ज्यादा उनके बीच कुछ नहीं था। ये बात सब लोग जानते थे। पर हीर ने कुछ गलत सोच लिया था। अचानक एक दिन जैन ने चाहत को कॉल किया, चाहत को पता नहीं था जैन उसे क्या कहने वाला है।... उसने चाहत को कॉल और मेसेज करने से मना कर दिया। चाहत ने बिना कोई सवाल किये जैन से बात करना बंध कर दिया। जैन ने भी चाहत के साथ बात करना बंध कर दिया।उसके बाद जैन और हीर की शादी हो गई। चाहत भी अपने परिवार के साथ वहाँ गई थी। हल्दी से लेकर संगीत की सारी रसमो मे चाहत ने अपना फर्ज निभाया, पर पूरी शादी मे उसने जैन से कोई बात नहीं की। क्युकी कहीं ना कहीं चाहत उस वक्त भी जैन से नाराज थी। शादी के बाद जैन अपनी ज़िंदगी मे खुश था और चाहत अपने काम मे व्यस्त हो गई। पर चाहत उस बात को भुली नहीं थी। कहिबार अकेले बैठकर रो लेती। "वो कहते है ना रोने से दिल हल्का हो जाता है।" कुछ सवाल, कुछ गलफेमिया, कुछ आधे जवाब, वो इनसब मे उलझी थी। दो साल बाद........ दो साल बाद फिर जैन और चाहत का आमना सामना हुआ। उस जगह जैन हीर के साथ आया था। जैन को देखकर चाहत को पुरानी बाते याद आ गई। कुछ सवालो से उसे आजाद होना था। उसने हिम्मत करके जैन से बात की, उसे बुलाया और बोला "क्या कभी भी मैने तुमसे फालतू बाते की है? क्या कभी भी मे तुम्हारे और हीर के बीच आई थी?" जैन के पास चाहत के सवाल का कोई जवाब नहीं था। नजर झुकाकर सामने खड़ा था। सिर्फ इतना बोला, जो भी हुआ वो भुल जा, मुझसे गलती हो गई। फिर चाहत वहाँ से चली गई।चाहत ये बात जानती थी की जैन ने ऐसा क्यु किया। फिर भी वो एकबार जैन से सुनना चाहती थी। वो कब झूठ बोलता है कब सच बोलता है। ये सब उसका चेहरा देखकर चाहत को पता चल जाता। जैन का कुछ ना कहना भी वो समझ गई थी। दोनों की दोस्ती उसी दिन टूट गई थी। जब जैन ने हीर की गलतफेमि की वजह से चाहत को बात करने से मना कर दिया था। अगर वो चाहता तो हीर को समझा सकता था। पर उसने तो रिश्ता ही तोड़ दिया। फिर तो जैसे चाहत को बेस्ट फ्रेंड नाम से नफरत होने लगी। उसके बाद उसने किसीको अपना बेस्ट फ्रेंड नहीं बनाया। दोस्त बहोत है पर जैन जैसा दोस्त उसका कोई नही है। चाहत को एक सवाल आज भी है।"एक साल के प्यार के लिए सात साल पुरानी दोस्ती को तोड़ दिया। क्या जैन ने ये सही किया या गलत???"_प्लीज़ स्टोरी पसंद आये तो रेटिंग जरूर दीजिये। 🙏_miss Chhotti › अगला प्रकरण Best friend - 2 Download Our App