मोनू ,बब्बू और शेर महाशय - भाग 1 Premyad kumar Naveen द्वारा बाल कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मोनू ,बब्बू और शेर महाशय - भाग 1

मीना अपने लड़के को दवा लाने को कहती है,और मोनू अपनी टूक टूक (सायकल) में सवार हो कर पर्चा हाथ मे लेकर निकलने लगता है।
वो अपने घर के मुख्य दरवाजे के पास पहुँचा ही होता है,की तभी घर के अंदर से मीना आवाज लगाती है.!
ओ मोनू रुक ..?
(मीना ----- मोनू की मम्मी )
अरे पूरी बात सुनके तो जा..!
यहां वहां घूमने और खेलने मत लग जाना।
और तुझे इतनी दूर जाने को नही कह रही सिर्फ बाजू वाले गली शर्मा जी के स्टोर में जाकर दवा लानी है।
इतना दूर नही भेज रही,जो तू अपना टूक-टूक लेकर जा रहा है।
मोनू अपनी मम्मी की बात सुनकर भी अनसुना कर निकल जाता है। दवा स्टोर में जाकर शर्मा जी को पर्ची देकर कहता है,अंकल ऊपर में जो दवा लिखी है वही देना है।बाक़ी दवा बची है।
पर्ची पढ़कर शर्मा जी
बेटा मोनू ये दवा अभी नही मिलेगी कल शहर
से मंगाकर देता हूं।
मोनू ―
अंकल पर मम्मी को तो आज ही जरूरत है..?रुको मैं पूछकर आया और पर्ची जल्दबाजीP में वही भूलकर घर चला आया।
मोनू ―
घर के बाहर खड़ा होकर आवाज लगाकर मम्मा को बाहर बुला के सारी बात बताता है।

मीना
चल छोड़ हटा आ जा घर अंदर तेरे पापा को कहूंगी वो दफ्तर से आते हुए लेकर आएंगे ।

मोनू ―
रहने दो मम्मी मैं ही लेकर आ जाता हूं इतने के लिए क्या पापा को फोन करोगी । और भी तो मेडिकल स्टोर है। मैं वहां जाकर देखता हूं। और मैं दवा पर्ची शर्मा अंकल के यहां भूल आया हूँ वो भी लेकर आ जाऊँगा।
मैं चला ....मम्मी बाय..!
और टूक-टूक लेकर निकल पड़ा।
सारे गाँव के मेडिकल स्टोर छान मारे पर वो दवा उसे कहि नही मिला सब एक ही बात बोले कि कल शहर से मंगा कर देता हूं।
मोनू
सोचने लगता है सब शहर से मंगा कर देने की बात कर रहे पर कोई अभी मंगा देता हूं ऐसा कोई मेडिकल स्टोर वाले नही कह रहे।क्यो न मैं खुद शहर जाकर ये दवा खरीद लाऊँ पैसे भी है और पर्ची भी है,और शहर जाने का मुझे छोटा शॉर्ट कट रास्ता भी पता है।
इतना सब सोचते-सोचते वो अपने मित्र बब्बू के यहाँ पहुँच जाता है,उसे आवाज लगाकर बुलाता है।पर बाहर बब्बू नही आंटी निकलती है।

आंटी ( पूर्णिमा ) ―
बेटा मोनू बब्बू पढ़ाई करने बैठा है। खेलने जाना है तो वो अभी नही आयेगा । तुम जाओ वो अभी-अभी तो घर आया है। पता नही कहां घूमते रहता है।
मोनू
आंटी हमे खेलने नही जाना मम्मा ने दवा मंगाई है। और मुझे बब्बू की इस काम मे मदद चाहिए । क्या कुछ देर के लिए उसे अपने साथ ले जाऊं । उसे इंग्लिश अच्छे से आती है,और जो दवा मेडिकल वाले से मांगेंगे उसे पर्ची से मिलाकर वो मुझे देगा।

आंटी ( पूर्णिमा ) ―
अरे मोनू बेटा तुम पर्ची मेडिकल वाले को देना वो दवा निकालकर तुम्हे दे देगा फिर तुम अपनी मम्मी को दे देना।

मोनू ―
आंटी जी आप ठीक कह रही है पर मुझे दवा ले जाने में तीन से चार बार गड़बड़ी हो गई है। पर्चे में कुछ और दवा होती है और स्टोर वाले कुछ और दे देते है। इसलिए मुझे बब्बू की मदद चाहिए उसे इंग्लिश आती है दवा कौन सा है वही है कि नही ये बस बतायेगा । मैं इंग्लिश में कमजोर हूँ ना तो मैं उसे अपने साथ ले जाऊं हम जल्द ही आ जायेंगे।


कहानी जारी है...........?
अगला भाग जल्द ही आएगा इंतिजार करे