Asafal Kahaani khud ki - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

असफल कहानी खुद की... - पार्ट 1

कैसे हो सब लोग ठीक हो , में आपका दोस्त Mahesh P Zala एक नई कहानी लेके हाजिर हु पर इस बार थोड़ी अलग कहानी है ये कहानी मेरे खुद की है उम्मीद है आप लोगो को पसंद आए ,,
वैसे तो मेरी जिंदगी में कुछ खास नहीं है ना ही आप लोग मेरी जिंदगी से कुछ सीख पाओगे पर के ये कह सकता हु की आप को शायद ये पसंद आए , क्यू की सीखने वाले बुरी बातों में से भी कुछ न कुछ सीख ही लेते है

2001 जून 1 को एक किसान के घर एक बेटे का जन्म होता है, घर पे ! दोपहर के 11 -12 के बीच में , सब बहोत खुश थे लोग आ रहे थे देखने को सब बधाईयां दे रहे थे

फिर थोड़ा थोड़ा बड़ा हुआ वो लड़का स्कूल जाने लगा पढ़ाई करने लगा मस्तीखोर तो होते ही है लड़के ये थोड़ा ईमानदार बांदा था , स्कूल में 1st or 2nd क्लास के बाद वो लड़का कभी टॉप पर नही गया , पता नही ऐसा क्यों हुआ पर ये होने के दो कारण होते है 1- स्कूल के बारे में सब से गलत कहता था या 2 - उससे अच्छा लड़का पढ़ाई करने आया होगा 2 क्लास के बाद
ये रीडर में आप के ऊपर छोड़ देता हु. आप क्या सोचते है ।

2 क्लास के बाद वो लड़का हर क्लास में नीचे चला गया क्लास 3 में नंबर 4 आया और उसके बाद तो किसी नंबर पे आया ही नहीं वो सिर्फ पास हो जाता था ।

पर सच कहूं तो वो लड़का पढ़ाई में था बहुत तेज अंग्रेजी सीख गया था वो घर में सबको ऐसा लगता था कि ये बंदा पढ़ाई में हमारे कूल को बहुत आगे लेके जाएगा पढ़ाई के मामले में अगर कोई पढ़ाई का काम होता था घर में दादाजी के घर में बड़े पापा के घर में इस लड़के को बुलाया जाता और वो काम कर देता पर जो उसकी पहचान थी वो ही बदल गया पढ़ाई

तकरीबन 15 साल की उम्र में लड़का आया था 10th क्लास में स्कूल के बच्चो का सबसे डिफरेंट और डिफिकल्ट एग्जाम , ये एग्जाम से अगर कोई निकल गया तो समझो वो 12th आराम से कर लेगा सब को यही लगता था धीरे धीरे परेशानियां बढ़ती गई , वो लोग जिसे ज्यादा चिंता थी पढ़ने की वो लोग रात को भी पढ़ा करते पर ये लड़का नही पढ़ता था उसे घमंड था अपने काबिलियत पर के वो तो 10th को बड़े आराम से क्लियर कर लेगा , अक्सर जो हम सोचते है उसका उल्टा ही होता है ,

उसका घमंड कुछ काम नही आया , धीरे धीरे एग्जाम शुरू होने को थे सब अपनी मस्ती और डर में एग्जाम की तैयारी कर रहे थे सब को उम्मीद थी या तो पास हो जाए तो भगवान की कृपा नही तो फेल तो होना ही है तो जायेंगे हीरा के धंधे में ।
हीरा का धंधा मतलब रत्नकलाकार जो गुजरात में बहुत फेमस काम है क्यू की ज्यादा से ज्यादा नौजवान ये काम करते थे गुजरात में ।
तो सब को लगता था कि वो ये कर लेगे
एग्जाम के आने में सिर्फ 5 दिन बचे थे सब अपना अपना डबल काम यानी की पढ़ाई शुरू कर दिए थे



To be Continue.............
Part 2

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