भक्तो की आस Amanat Malik द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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भक्तो की आस

ॐ नमः शिवाये।  ॐ नमः शिवाये।।

ॐ नमः शिवाये।  ॐ नमः शिवाये।।

ॐ नमः शिवाये।  ॐ नमः शिवाये।।

ॐ नमः शिवाये।  ॐ नमः शिवाये।।

अब पूरी कर दे आस रे।  भोले बाबा कर दे बिनाश रे।।

तू अघोड़ी - तू नसेड़ी - शिव विराजे शमशान

बिष पी के है अभिनाशी - क्यों बचा रहा इन्शान

जब जात पात में तुझे भी फसा रहा कलयुगी जुबान

कहे का तू शिव - जब बड़ा रह गया पहचान

मेरी गंगा माँ को त्रापित कर के किया मिला तुझे भगवान्

जब अहंकार ही न्याय मांगे ऐसा ही क्या बना बैठा जहान

कहे का तू शिव - कहे की तेरी ईमान

बताओ किसको चाहिए तर्पण - करता कौन यहाँ है अर्पण

सबको यहाँ चढ़ना चढ़ाना आता है - बलि चढ़ा देंगे - भोग लगा देंगे

फोटो को दिया दिखा - हीरो हीरोइन को मन मैं जपता।

बेढंगे शरील के मालिक देखो इनको शर्म न आता     ।

करता श्रम हो जाता  कर्म - काम को ही कहता दुष्कर्म

प्रकृति का दोहन करता बेशरम - कैंची जुबान अहंकार इनका क्रम।

क्या किया कमाल संभु = तेरा ही जब सुंदरम

अब पूरी कर दे आस रे।  भोले बाबा कर दे बिनाश रे।।

ॐ नमः शिवाये।  ॐ नमः शिवाये।।

ॐ नमः शिवाये।  ॐ नमः शिवाये।।

ॐ नमः शिवाये।  ॐ नमः शिवाये।।

ॐ नमः शिवाये।  ॐ नमः शिवाये।।

ॐ नमः शिवाये।  ॐ नमः शिवाये।।

ॐ नमः शिवाये।  ॐ नमः शिवाये।।

अब पूरी कर दे आस रे।  भोले बाबा कर दे बिनाश रे।।

देखो चामुंडा महा काली - ये बेचारी खून की प्यासी

जब सब स्त्री को काली दुर्गा बन जाना चाहती

अब कौन बनेगी रिद्धि सिद्धि - माँ के मैले तन से जन्मे को प्रेम देगी

आर्य वर्थ की देख चालाकी - बाँट लिया व्यभिचारी

उठक बैठक लंगड़ी खेले - समझते खुद को ब्रह्मचारी

विगोरा खा के  पोर्न देखो - फिर रोक के दिखाओ अपना पानी

पसीने के पहले वीर्य निकलना - यही तो है दुराचारी

हत्या पाप - कटार मारे ईर्ष्या करते ये शभ्याचारी

लंगोट पहन के जब सब को बनना है हनुमान

क्यों दिया गंगा माँ का तुमने बलिदान

हाथ मैं कटार जुबान पे तान -

कहे का तू शिव - कहे का तेरा ईमान

अब पूरी कर दे आस रे।  भोले बाबा कर दे बिनाश रे।।

ॐ नमः शिवाये।  ॐ नमः शिवाये।।

ॐ नमः शिवाये।  ॐ नमः शिवाये।।

ॐ नमः शिवाये।  ॐ नमः शिवाये।।

अब पूरी कर दे आस रे।  भोले बाबा कर दे बिनाश रे।।

गंगा कहती बुझा मेरी प्यास रे -

जीवन कहती बुझा मेरी आस रे -

प्रेम तो हो गया  लाचार  रे -

भक्त हो गए मानशिक बीमार रे -

महंगाई है सब का दुश्मन ।

कैसा हो गया शिव देखो बचपन।।

कुछ लोगो को अहंकार कुछ लोगो को कुरधन।

बहुत सुन लिए इस कान ने -देख लिया शक्ति तेरी नामाये

जोर से बोलो ॐ नमः शिवाये

जोर से बोलो ॐ नमः शिवाये

जोर से बोलो ॐ नमः शिवाये

अब पूरी कर दे आस रे।  भोले बाबा कर दे बिनाश रे।।

धर घर धरा धर - न रहे पल भर

रहे बस जल भर - मान ले मेरी बात शिवम्

करता हूँ मैं बहुत परश्रिम - फिर भी यह राजा मंत्री सब यह खा जाते

ज्योतिष डॉक्टर पुलिस कोर्ट कचहरी - लिख लिख न हुई बाते पूरी

हर बन्दर बाँदा बन के - बनना चाहता रोबोट- बन गया एक वोट

अब पूरी कर दे आस रे।  भोले बाबा कर दे बिनाश रे।।

जोर से बोलो ॐ नमः शिवाये

जोर से बोलो ॐ नमः शिवाये

जोर से बोलो ॐ नमः शिवाये

हे तू ही है अगर है शिव विनाशी

अब पूरी कर दे आस रे।  भोले बाबा कर दे बिनाश रे।।

 

पशु पक्षी पेड़ पौधे फिर उग आएंगे दिलबर जानी

फिर ऐसा मानव मत बनाना हे शिव शम्भू अभिमानी

शिव तेरी गुलिस्तां कैलाश से श्रीलंका आर्य वर्थ और हिन्दुस्तान

सीढ़ चढ़ के बोल रहा मानस जनम स्थान

कहे का तू शिव कहे का तेरा ईमान

अब पूरी कर दे आस रे।  भोले बाबा कर दे बिनाश रे।।

जोर से बोलो ॐ नमः शिवाये

जोर से बोलो ॐ नमः शिवाये

जोर से बोलो ॐ नमः शिवाये

हे तू ही है अगर है शिव विनाशी

अब पूरी कर दे आस रे।  भोले बाबा कर दे बिनाश रे।।

देख बाबा डिबेट चिलम चिल्ली बाज रहे

शवाल देखो कैसे दाग रहे

नंदी तेरे पास रे - मन पत्नी पुत्र ही खाश रे

फिर भी भगत की कर दे पूरी आस रे

भोले बाबा कर दे विनाश रे कर दे विनाश रे

जोर से बोलो ॐ नमः शिवाये

जोर से बोलो ॐ नमः शिवाये

जोर से बोलो ॐ नमः शिवाये

हे तू ही है अगर है शिव विनाशी

भोले बाबा कर दे विनाश रे कर दे विनाश रे

 Writen By Amanat Malik