धर्म से अंजान प्यार - 5 shama parveen द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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धर्म से अंजान प्यार - 5

दोनो अपने अपने घर चले जाते हैं। फिर सुबह होती है और रोशनी काफी खुश होती है कि आज मै सब को अपने और रेहान के बारे में बता दूंगी

तभी बाहर से शोर शराबे की आवाज़ आती है तो फिर रोशनी बाहर जाकर देखती है कि बाहर बहुत ही भीड़ है वो भी वही जा कर खड़ी हो जाती है। और क्या देखती है कि गांव के बलिया काका सर झुकाए खड़े है और रोशनी के पिता जी उन्हे भला बुरा बोल रहे हैं

तुम अपनी बेटी को अच्छे से नही रख सकते थे। उसे अच्छी शिक्षा नही दे सकते थे। जब तुम्हे पता था कि वो एक लड़की है तो तुमने उसे इतनी आज़ादी क्यू दी। घर की दिवारी में बंद करके क्यू नही रखा। तुम्हे उसे इतना ज्यादा क्यों पढ़ाया । आज तुम्हारी वजह से पूरा गांव बदनाम हो गया है। हम किसी को शकल दिखाने लायक भी भी नही रहे।

मै कुछ समझ नही पा रही थी कि बलिया काका की बेटी ने एसा क्या किया था की पिता जी उन पर इतना चिल्ला रहे थे। फिर मैं धीरे से मां के पास गई । फिर मैने मां से पूछा की मां पिता जी बलिया काका के ऊपर इतना क्यों चिल्ला रहे हैं। तब मां ने बताया की बलिया काका की बेटी किसी नीची जात के लड़के के साथ भाग गई। और बोली की बताओ कैसी लड़की थी ना लाज थी ना शर्म । मां बाप के बारे में भी नहीं सोचा बस मुंह काला करके भाग गई। ये भी नही सोचा की मेरे मां बाप को लोग कितना भला बुरा बोलेंगे। तभी तो लोग कहते है की लड़कियों को ज्यादा नही पढ़ाना चाहिए और ना ही ज्यादा आज़ादी देनी चाहिए । क्युकी ये इस लायक ही नही होती।

फिर मेरी मां ने मुझसे कहा की बेटा देख तू ऐसा कुछ मत करियो की जिसकी वजह से मुझे और तेरे पिता जी को लोगो की बाते सुननी पड़े और हम किसी के आगे खड़े होने के लायक भी ना रहे। वरना हम तो जीते जी ही मर जायेगे में चुप चाप सब सुनती रही । फिर मै स्कूल के लिए निकल पड़ी।

स्कूल जाते ही में सीधा रेहान से मिली और उसे बताया की आज हमारे यहां क्या क्या हुआ। तो थोड़ी देर हम दोनो शांत हो गए । और फिर मैने बोला की रेहान जब इन लोगो को ऊंची नीची जात से इतना फर्क पड़ता है तो सोचो की अगर हम इन्हें अपने बारे में बताएंगे तो ये लोग क्या करेंगे। तब रेहान ने कहा की पता नही की अब हमारा क्या होगा । मगर मुझे ये पता है की में अब तुम्हारे बिना नहीं रह सकता हु। क्युकी मै तुमसे बहुत प्यार करता हु। तब मैने भी कहा की मै भी तुम्हारे बिना नही रह सकती हू।

तब मुझे रेहान ने बताया की अब हमे जरा संभल कर रहना होगा क्योंकि अभी गाव का माहोल सही नही है और जब तक सब कुछ ठीक नही हो जाता हम ज्यादा मिलेंगे भी नही क्युकी किसी को भी हम पे शक हो सकता है। इसलिए हमे कुछ दिन तक शांत रहना होगा उसके बाद ही हम कुछ सोचेंगे।