वो पहली बारिश - भाग 12 Daanu द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

वो पहली बारिश - भाग 12

अगले दिन सुबह निया दरवाज़े से कान लगा कर खड़ी थी।

"ओए.. क्या हो गया है तुझे?", उसे यूं खड़े देख रिया ने पूछा।

"मुझे? मुझे क्या ही होना है अब।" निया बोल ही रही थी की इतने बाहर दरवाज़ा पटकने की आवाज़ आई।

ये सुनते ही निया ने साथ पड़े शू रैक से अपनी चप्पल उठाई और बाहर भागी।

पर बावजूद इसके, जब तक वो बाहर आई, सामने वाली लिफ्ट बंद हो चुकी थी। उसने फट से फिर से नीचे जाने का बटन दबाया, पर लिफ्ट पहले ही 8th फ्लोर पे पहुंच गई थी।

ये देखते ही, ध्रुव को पकड़ने के चक्कर में निया सीढ़ीयो से नीचे जाने के लिए भागी। पर फिर भी उसके नीचे पहुंचने से पहले ही ध्रुव वहां से निकल चुका था। निया ने फिर बाहर निकल कर फटाफट जो पहली सवारी मिली, ऑफिस जाने के लिए वो ले ली। वो उसमें बैठ के चले ही थे, की उसका ध्यान ध्रुव पे जाता है,जो अब सोसायटी से बाहर निकल कर आ रहा था।

"ये.. अब आया है?", अपने माथे पे हाथ रख निया खुद से बोली।

ऑफिस पहुंच कर, अपनी बिल्डिंग के बाहर की सीढ़ियों पे बैठ निया ध्रुव का इंतजार करने बैठ जाती है।

"हाय..", सामने से आते हुए ध्रुव को देख कर निया फट से उठ कर बोलती है।

"हाय", ध्रुव भी सामने से जवाब देता है।

"कैसा रहा कल सब? तुमने क्या किया उसके लिए?" निया ने पूछा।

"उसका ब्रेकअप हुआ था, पिछले हफ्ते, तो मैंने उसके बॉयफ्रेंड को बुलाया था, पहली बारिश के बारे में सब बताना के लिए।"

"और..??"

"वो दोनों मानने को तैयार तो नहीं थे, पर फिर भी जैसे तैसे मान गए, एक दूसरे को एक और मौका देने के लिए।"

"क्या!! सच में??"

"हां"

"क्या ऐसा होता है, मतलब की अगर अंकित से भी, क्या तुम अंकित से भी बात कर सकते हो फिर?"

"हां.. अगर तुम्हें ठीक लगे तो। क्योंकि इन दोनो के ब्रेकअप में ब्रेकअप से दोनो में से कोई भी ब्रेकअप से खुश नहीं था, तो समझाना आसान था।"

"अच्छा.. एक बार कोशिश तो कर ही सकते है हम भी।.... नहीं.. नहीं.. रहने दो, हमे कुछ नहीं करना।", कुछ सोच के निया अपना मन बदलते हुए बोली।

"पर.. मैं भी अगली बार इसका हिस्सा बनाना चाहती हुं, तुम मुझे बुलाओगे ना अगली बार भी?"

"नहीं.. मुझे लगता है इस समय तुम्हें अपने ऊपर ध्यान देना चाहिए.. औरों पे नहीं।", ध्रुव अंदर चलने का इशारा करते हुए बोला।

"पर मैं करना चाहती हूं।"

"देखते है।", ध्रुव बोला और दोनो चुप चाप लिफ्ट में चढ़ गए।

वो दोनो अपनी सीट पे बैठे ही थे, की धीरे से कानाफूसी करते हुए, चंचल और सुनील उनके पास आए।

"हमारे पास तुम लोग के लिए एक बहुत ज़रूरी ख़बर है।", चंचल ने बोला।

सब उनकी तरफ़ ध्यान से देखने लग गए।

"नीतू ने कहा है, की आने वाले प्रोजेक्ट के लिए वो हम दोनो टीम्स से एक एक वर्किंग मॉड्यूल देखना चाहती है।"

"हमारे पास 2 हफ्ते का टाइम है इसके लिए, और जिस भी टीम की एप्रोच और काम नीतू को पसंद आएगा। उसे नेक्स्ट प्रोजेक्ट मिलेगा।", सुनील की बात को खत्म करते हुए चंचल बोली।

"साथ ही..", सुनील को आगे बोलते हुए देख, चंचल उसे बड़ी बड़ी आखों से देख रही थी।

"इन्हे सब पता होना चाहिए।", चंचल की बड़ी आखों को नरम करने के लिए सुनील बोला।

"साथ ही इस प्रोजेक्ट के शुरू होते ही, दूसरी टीम को ये ऑफिस छोड़ कर अपने ऑफिस वापस जाना होगा। यहां नई हायरिंग के चलते अभी जगह की थोड़ी दिक्कत चल रही है। तो यहां फिर बस एक ही टीम रहेगी।"
"पर मै’म?", निया कुछ पूछने के लिए बोल ही रही थी की इतने में ध्रुव बोल पड़ा, "ये तो ठीक नहीं है।"
"हां.. वही तो।", निया फटाफट हां में हां मिलाते हुए बोली।
"एक चीज और थी.. जो मैं ऐड करना चाहती थी।", पीछे से आई नीतू बोली। "क्योंकि टाइम कम है, तो इसलिए हम चाहते है की इन मॉड्यूल्स की टेस्टिंग हम आपस में करे, तो जो जो जितने दूसरे की कमियां ढूंढ पाए, उतना उसके लिए बढ़िया।" नीतू ने बड़ी सी मुस्कराहट के साथ बोला और वहां से चल दी।
सुनील और चंचल तुरंत ही एक दूसरे को देखते है, और फटाफट अपनी टीम की तरफ़ मुड़ कर बोलते है।
"टाइम कम है, तैयारी करनी है, इसपे नीतू के साथ पहली मीटिंग कल है।", ये कहते ही दोनो अपनी अपनी टीम को अलग अलग मीटिंग रूम में ले जाते है।
२ घंटे बाद पानी लेने के लिए मीटिंग रूम से बाहर आया ध्रुव जब निया को उसके डेस्क पे सिर पकड़ कर बैठे हुए देखता है तो अपना रास्ता बदल कर वहां से आगे बढ़ जाता है।
कुछ ५ मिनट बाद, वो अपने डेस्क पे वापस आता है, और इस बार लैपटाप में घुसी हुई निया के सामने कॉफी का मग रख देता है।
"अपने लिए लेने गया था, पर मेरे लिए तुम्हरा इसे पीना ज्यादा अच्छा होगा।"
"क्या मतलब?"
"मतलब मेरे इतने पास बैठ कर ये जो उबासियां ले रही हो ना तुम, मेरे काम में खनन पड़ जाता है। ढंग से काम करो अपना, ऐसे की मुझे मज़ा आए तुम्हें हराने में, दया नहीं।"
"हहमम.. बिल्कुल, अब तो करना ही पड़ेगा", कॉफी की सिप लेते हुए निया अलग ही जोश में बोली।