मेरा Hero (भाग-5) - Fresher's Party की शॉप Priya Maurya द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मेरा Hero (भाग-5) - Fresher's Party की शॉप

Fresher's party के दिन --

आज सुबह से ही सारे लोग शाम की पार्टी के लिये तरह तरह के ड्रेस पहन कर देख रहे थे तो कोई शॉपिंग करने जा रहा था। अंजलि, श्रुति और अविका भी शॉपिंग के लिये मॉल ग्यी हुयी थी। मॉल के अन्दर इतने अच्छे अच्छे ड्रेस थे की किसीको समझ ही नही आ रहा था की क्या ले । तभी श्रुति और अविका दोनो को एक रेड कलर का लॉन्ग ड्रेस पसंद आ जाता है । अविका-" वाव यार कितना सुन्दर है मै तो यही लुंगी ।" श्रुति उससे ड्रेस छोड़ लेती है -" यह तो मेरा ड्रेस है तू दूसरा कोई देख ले ।" अवीका उससे ड्रेस छोड़ कर भागने लगती है और पीछे देखकर हाँफते हुये बोलती है -" यह तो मेरे साथ ही जायेगा।" तभी अचानक किसी से टक्करा जाती है। रोहित -" ओहह कौन है देख के चल नही सकती क्या ।" अविका आगे मुडकर आँखे बन्द किये ही बोलने लगती है-" सॉरी सॉरी गलती से मैने ....." तभी रोहित बोलता है-" अविका तुम। " अवीका जब रोहित को देखती बाई तो हंस कर कहती है-" अच्छा तो तुम हो ।" तभी श्रुति भी पीछे आकर कहती है -" अरे अविका की बच्ची मुझे यह ड्रेस दे दे ।" अवीका उसे चिढाते हुये-" नही दूंगी मै ।" श्रुति पैर पटक के उससे ड्रेस लेने की कोशिश करने लगती है तभी उसके कान मे कोई जानी पहचानी कडक आवाज आती है-" तुम सच मे जंगली बन्दरिया हो एक ड्रेस के लिये इत्ना लड़ाई कर रही हो।" श्रुति पिछे देखती है तो पाती है की वहा शौर्य था। " अच्छा बन्दर मुझे तो मत ही बताओ तुम भी तो एक नम्बर के कंजूस हो तुम्हारे लिये इतना जासूसी करती हूँ तुम मुझे एक ड्रेस नही दिला सकते।"
तभी अंजलि आके उसके कान मे कहती है -" अच्छा फसा यह भी आज।" तभी शौर्य बिना कुछ कहे श्रुति का हाथ पकड़ कर खीचते हुये VIP ड्रेस area मे ले जाता है और उसके पीछे अंजलि भी जाने लगती है तो अवीका उसका हाथ पकड़ कर अपने और रोहित के साथ ले लेती है और कहती है- " तुम्हे नही लगता श्रुति को शौर्य पसंद करता है उन्हे साथ रहने दो।" अन्जली भी कुछ सोचते हुये बोलती है-" शायद।" रोहित दोनो को देख कर मुस्कुरा रहा था और सोचता है-" मेरी अविका भी काफी स्मार्ट है सब कुछ समझ जाती है।" फिर तिनो अंजलि और रोहित के लिये ड्रेस देखने लगते है । अंजलि एक ब्लैक सिवलेस गाउन लेती है और रोहित अविका के ही matching का रेड
सूट ।

इधर श्रुति ने खुद ही ड्रेस दिलाने को बोली थी इसलिये उसके पास कोई चारा नही था सिवाय ड्रेस देखने के । वो सारे कपडो को ध्यान से देख रही थी तभी उसकी नजर एक सिल्वर कलर के बहुत ही सुन्दर लॉन्ग गाउन पर जाती है ।

वो खुशी से वहाँ काम करने वाली लड़की से बोलती है-" मुझे यह ड्रेस पसंद है मुझे यही चाहिये ।" फिर शौर्य की तरफ घूम कर देखने पर पाती है तो वह उसी ड्रेस को घूर र्हथा और कुछ समझने की कोशिश कर रहा था लेकिन फिर वो बोलती है -" मेरे ऊपर अच्छी लगेगी यह ड्रेस ना शौर्य।" शौर्य- " हा ।" तभी वहाँ जो लड़की काम कर रही थी वो बोलती है-" लेकिन यह ड्रेस तो ..... वह उसके आगे कुछ नही बोल पाती है क्योकि शौर्य उसे घूरने लगता है और बोलता है-" इसे पैक कर दो ।" श्रुति खुशी से वह लेकर बाहर अंजलि और अविका के पास आती है और बोलती है-" रोहित कहाँ गया।" अंजलि बोलती है-" उसको किसी का कॉल आया था इसलिये वह चला गया।" इतना कह कर तीनो मॉल के बाहर आ जाती है।

मॉल के अन्दर वो लड़की शौर्य से बोलती है-" सर वो ड्रेस तो हमारे यहा की सबसे महंगी ड्रेस थी आपने उसे क्यू दिलवा दिया और ऊपर से कपल ड्रेस थी इसके male पार्ट को कौन लेगा अब ।" शौर्य उसे गुस्से से बोलता है-" यह मॉल किसका है मेरा ना तो उस लड़की को कभी भी कोई तकलिफ नही होनी चाहिये और कोई भी ड्रेस वो मंगाए उसे मिलना चाहिये चाहे वो कितना भी महंगा हो या किसी ने बुक ही क्यो ना कर लिया हो और रही बात मेल पार्ट की तो वह तुम मेरे लिये पैक कर दो।" यह सुन कर वो लड़की भौचक्की रह जाती है और आस पास के कम करने वाले भी खुसर फुसुर करने लगती है। एक लड़की दुसरे से बोलती है-" लगता है सर की girlfriend है।" दुसरी-" सुन्दर भी नही है फिर भी इतने अमीर लड़के को फसा ली।" तीसरी-" सही कह रही हो लेकिन कुछ तो बात है उसमे नही तो शौर्य सर लडकियो को भाव तक नही देते।" शौर्य जब उन्हे घुरने लगता है तो वह फिर से अपने-अपने कामों मे लग जाती है।

मॉल के बाहर श्रुति अंजलि और अवीका टैक्सी का इंतिजार कर रही थी की अंजलि अपने सिर पर मारते हुये बोलती है-" वो तेरी की मै तो अपना पर्स बिलिन्ग काऊंटर पर ही भुल गयी चल अवीका लाते है।" अवीका और अंजलि दोनो यह कह कर वापस मॉल के अन्दर चली जाती है।
श्रुति अकेले बाहर टैक्सी देख रही थी तभी उसके नजर highway के दुसरी तरफ एक गुजुर्ग महिला पर जाती है जो एक पर्स टागें चेहरे पर मकेउप लगाए और आँखो पर sunglasses लगाए जा रही थी और उसके ठीक पीछे एक तेज रफ्तार से कार आ रही थी तभी श्रुति दौडते हुये उन्हे धक्का दे देती है और दोनो ही किनारे जाकर गिर जाती है ।

जब उस औरत को कुछ समझ आता है तो वह खड़ी हो जाती है और श्रुति भी फिर वह बोलती है- थैंक यू बेटा तुमने तो मेरी आज जान ही बचा ली अगर तुम्हे कुछ भी लेना हो तो हमारे मॉल मे आ जाना और ले लेना यह मॉल हमरे पोते का ही है।" यह कह कर वो औरत जिस मॉल से अभी वो सब निकली थी उसकी की तरफ इशारा करती है और अपना कार्ड निकाल के उसे दे देती है और यह औरत और कोई नही शौर्य की दादी थी। श्रुति भी थैंक्स बोलकर अवीका और अंजलि के साथ टैक्सी मे बैठ कर चली जाती है। शौर्य की दादी अभी उससे उसका नाम पूछना चाहती थी लेकिन पुछ नही पाती हैं ।

तभी पीछे से शौर्य कार लिये आता है और दादी को डाटने लगता है-" दादी आप कहा चली गयी थी और इतना धुल मिट्टी क्यो लगा रखी हैं।" दादी मुह बनाते हुये सारी बातें उसको बता देती है की कैसे उनको एक लड़की ने बचाया।

टैक्सी के अन्दर -----

तीनो एक दुसरे से गप्पे लडा रही थी की अंजलि की नजर सामने वाली कार पर पड़ती है जिसमे कीर्ति बैठी थी और साइड मिरर मे उसका चेहरा पीछे टैक्सी मे दिख रहा था । अंजलि -" ओए .. वहाँ देखो वो कॉलेज वाली अप्सरा जा रही है जिसके पीछे वो अनिकेत का बच्चा पड़ा है।" श्रुति भी कार की तरफ देखती है और देखकर पहचान जाती है की यह तो वही कार थी जिसने उस बूढ़ी औरत का ऐक्सीडेंट करने की कोशिश की थी। श्रुति सोचने लगती है की आखिर कीर्ति क्यूँ उस औरत का ऐक्सीडेंट करना चाहेगी। वो अभी सोच ही रही थी की अवीका चिल्लाते हुये बोलती है-" भैया टैक्सी रोको जल्दी।" टैक्सी रुक जाती है और सब अविका को घुरने लगते है तो अवीका भी झल्लाकर कहती है -" मुझे नही सामने देखो वो मिस रुपोर्त्शी ही है ना ।" अंजलि-" अरे लेकिन यह कीर्ति कार रोक कर मिस रुपोर्त्शी से क्या बात कर रही है कुछ समझ नही आ रहा लेकिन लग रहा है की मिस डांट रही है कीर्ति को।" श्रुति भी ध्यान से देखते हुये बोलती है -" यार क्या घपला चल रहा है अब यह कीर्ति भी इनसे मिली हुयी है क्या और यह खडुस भी हमे कुछ अच्छे से नही बताता है बस बोलता है की कुछ देखना तो मुझे बता देना।"

अंजलि-" तो उसे फ़ोन कर के बता ना जल्दी ।" श्रुति शौर्य को कॉल करने लगती है ।

इधर थोड़ी ही दूर पर रुपोर्त्शी कीर्ति से-" एक काम दिया था उस शौर्य की दादी को खत्म करने का वो भी नही होता ना तुम लोगों से । अरे समझो अगर हम शौर्य को कुछ कर के नही रोकगें ना तो वो सब बर्बाद कर देगा उसे डराना जरुरी है बहुत ।" कीर्ति सर झुका कर -" सॉरी मिस ।" रुपोर्त्शी गुस्से मे- " यहा मुझे मिस विस ना कहो समझी और चलो जल्दी । फिर दोनो कार मे बैठ कर चल देती है और उनके पीछे अंजलि लोगों की टैक्सी भी। लेकिन वो दोनो शायद यह समझ जाती है की कोई उनका पीछा कर रहा है इसलिये वो चकमा देकर आगे निकल जाती है । टैक्सी के अन्दर श्रुति गुस्से मे फ़ोन को देखते हुये -" यह शौर्य अब कॉल क्यू नही उठा रहा है।" अंजलि-" अरे नही यार कहाँ गयी कार।" अविका चॉकलेट खाते हुये-" लगता है हमे उल्लु बना के चली गयी दोनो।"

दुसरी तरफ शौर्य कार चला रहा था और साथ ही दादी भी बैठी थी इसलिये वो श्रुति का कॉल नही उठाना चाहता था क्योकि दादी बाद मे फालतू के सवाल पुछ कर उसे पका देती । लेकिन श्रुति के बार बार कॉल करने की वजह से वह परेशान हो जा रहा था तभी दादी बोलती है-" किसका फ़ोन है उठा लो ना शौर्य।"
शौर्य अब ना चाहते हुये भी फ़ोन उठा लेता है। दादी जब कॉलर का नाम देखती है-" जंगली बंदरिया" तो उनको उस दिन के कॉल की बात याद आ जाती है और वो ध्यान से उसकी बातो को सुनने की कोशिश करने लगती है की पता लग पाये की आखिर यह लड़की है कौन जिसे खुद शौर्य ने अपना नम्बर दिया था।

शौर्य- " क्या हुआ अब .... अभी तो मॉल मे मिली थी ना।" दादी मन मे -" इसका मतलब यह मुझे मॉल मे अकेले छोडकर इससे मिलने गया था।" श्रुति की उधर से गुस्से वाली आवाज आती है- " हाँ एक तो तुम्हारा काम कर रही हू ऊपर से मुझसे ऐसे बात कर रहे हो तुम्हे कुछ बताना था रुपोर्त्शी मिस के बारे में अभी पता चला है लेकिन तुम तो अपने ही attitude मे हो।"

इतना सुनते ही शौर्य शान्त हो जाता है और धीरे से पूछता है -" क्या पता चला।" इधर दादी तो कुछ और ही तर्क वितर्क भिड़ा रही थी-" अच्छा ये आखिर है कौन जिसके डांटने पर शौर्य भी शान्त हो गया।" श्रुति जोर जोर से सारी बाते बोलने लगती है कि शौर्य बोलता है-" धीरे बोलना मेरी दादी भी है साथ मे।" श्रुति फिर धीरे धीरे सारी बाते उसे बताने लगती है की कैसे कीर्ति एक औरत को टक्कर मार कर चली जाती है और रुपोर्त्शी से उसकी बहस होती है और फिर दोनो कार मे बैठकर चली जाती है जब उनका श्रुति , अंजलि और अविका पीछा करती है तो उनको वो चकमा देखकर निकल जाती है लेकिन उसने यह नही बताया की उस बूढ़ी औरत को उसने ही बचाया था।

शौर्य जैसे जैसे सब सुन रहा था उसकी आँखे आश्चर्य से बड़ी होती जा रही थी । और वो बात करने के बाद श्रुति और सबको सिधे अपने अपने घर जाने को बोल कर फ़ोन काट देता है। दादी को धीरे बोलने की वजह से कुछ समझ नही आता है और वो सोचती है की शायद शौर्य शौर्य कुछ रोमांटिक बाते अपनी girlfriend से कर रहा था इसलिए वो भी चुप चाप बैठी रहती है और उस लड़की के बारे मे पता लगाने के खूरापाती आइडिया सोचते हुये शिन्घानीया विला तक पहुच जाती है।

शौर्य विला के अन्दर घुसते ही सिधे मामा जी को काल कर के सबकुछ बताता है और फिर रोहित को कॉल कर के सारी बाते बता देता है। शौर्य-" रोहित अब उन सबक़ो हमारे ऊपर सक होने लगा है की हमलोग उनकी जासूसी कर रहे है इसिलिए वो हमारे करीबी लोगों को निशाना बना रहे हैं और यह कीर्ति भी इनसे मिली हुयी है यह तो मैने नही सोचा था।" रोहित थोड़ा शरारत से-" यार कही वो श्रुति को कुछ कर ना दे।" इतना सुनते ही शौर्य घबरकर उसकी शरारत न समझते हुये बोलता बोलता है-" नही श्रुति को कुछ नही होगा ।"

लेकिन रोहित जोर जोर से हंसने लगता है तब शौर्य को समझ आता है उसका मतलब और वो गुस्से से बोलता है-" हो गया ना अब... तो शान्त हो जाओ ।" रोहित -" तू मान क्यू नही लेता की श्रुति को पसंद करता है।" शौर्य गुस्से से बिना उसकी बात सुने ही फोन काट देता है लेकिन फिर जब उसे रोहित की बात याद आती है तो मुस्कुराने लगता है और फिर मॉल से लाये गये सिल्वर कलर के सूट को देखने लगता है।