मेरा Hero (भाग-6) - Beautiful श्रुति Priya Maurya द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मेरा Hero (भाग-6) - Beautiful श्रुति

शाम के वक्त--

अंजलि तैयार होकर सीसे के सामने बैठी अपनी कान मे इयरिंग पहन रही थी वही श्रुति बाथरूम मे ड्रेस चेंज कर रही थी। अंजलि-" श्रुति यार जल्दी आ तुझे तैयार भी होने नही आता है मै तुम्हे अच्छे से तैयार कर दूंगी लेकिन अगर तूने देरी की तो मै आज चली जाऊंगी ।" श्रुति अन्दर से ही बोलती है -" आ रही हू रुक।" श्रुति बाहर निकलती है तो दोनो एक दुसरे को अपनी फटी आँखो से देख रही थी। अंजलि-" बिना तैयार हुये बस इस सिल्वर गाउन मे ही क्या गजब कहर ढा रही है ।" श्रुति आते हुये -" तू भी तो ब्लैक फैरी की तरह लग रही है।"

अंजलि-" आ तुझे तैयार कर दूं।" श्रुति जल्दी से आ कर सीसे के सामने बैठ जाती है और अंजलि उसे तैयार करने लगती है । लगभग आधे घन्टे बाद जब श्रुति तैयार होकर खड़ी होती है तो अंजलि क्या श्रुति भी खुद को पहचान नही पाती है।सिल्वर गाउन मे लम्बे खुले बाल, कान मे लम्बे लम्बे इयरिंगस् होठों पर हल्के लाल रंग की लिपस्टिक और आँखो मे काजल - आईलाईनर के साथ श्रुति किसी bollywood ऐक्ट्रेस की तरह लग रही थी। अभी यह दोनो एक दुसरे को देख कर तारीफ कर रही थी की उनके रुम पर नॉक होता है।
श्रुति सैंडल पहनते हुये अंजलि से दरवाजा खोलने को कहती है। अंजलि ज्यो ही दरवाजा खोलती है तब तक बाहर से अविका चिल्लाते हुये आती है-" टन टाननन कैसा लगा मेरा सरप्राइज।" अंजलि-" तू यहा ।" अविका-" हा लेकिन तू तो आज ब्लैक गाउन मे गजब लग रही हो।" अंजलि हँसते हुये कहती -" अभी अन्दर आ फिर तू खुद ही सदमे से बिहोश हो जायेगी।" दोनो अन्दर आती है।
अविका श्रुति को देख कर बिहोश होने का नाटक करते हुये अंजलि के ऊपर गिरने लगती है। श्रुति-" बस कर नौटंकी अब चल जल्दी आज मै लेट नही होना चाहती।" अविका उठाते हुये-" यार तू अप्सरा की तरह लग रही है मन कर रहा है तुझे किस कर लू।" श्रुति-" तू भी तो परी की तरह लग रही है। अंजलि-" अब एक दुसरे की तारीफ हो गयी हो तो चले । फिर तीनो PG के बाहर आती है ।

अविका-" यार हम होटल इतने अच्छे ड्रेस मे टैक्सी से जायेंगे।" श्रुति आश्चर्य से-" हें... पार्टी होटल मे हो रही है क्या।" अन्जली उसके सिर पर मारते हुये-" बुद्धू तू किस दुनिया मे रहती है तुझे अभी यही नही पता की पार्टी कहा हो रही है। पार्टी गैलेक्सी होटल मे है और पता है उसका मालिक कौन है शौर्य शिन्घनीया के डैड।" श्रुति-"क्या..... लेकिन यार हम टैक्सी का कब तक इन्तजार करेंगे।" श्रुति अभी इतना कह ही रही थी की एक कार उनके सामने आती है उसका विंडो ग्लास नीचे होता है तो अन्दर रोहित बैठा था। रोहित पहले तो तीनो को पहचान नही पता है फिर जब उसे समझ आता है की यही तीनो है तो अविका को देखते हुये बहुत अच्छी लग रही हो इशारा करता है और श्रुति को देखकर मन मे सोचता है -" बेटा शौर्य आज तो तू गया । "
फिर दोनो से बोलता है-" तुम लोग आ जाओ कार के अन्दर सब साथ चलेंगे। " अंजलि और अविका कार के अन्दर बैठ जाती है लेकिन जब तक श्रुति बैठ पाती तब तक रोहित जल्दी से कार का दरवाजा बन्द करके कार स्टार्ट कर के चला जाता है।
अंजलि और अवीका रोहित से-" ये क्या किया तुमने उसे वही छोड़ दिया।" रोहित-" चिल यार ......शौर्य पीछे से आ रहा है वो लेकर आ जायेगा उसे उन्हे अकेले टाईम स्पेड करने दो।" अविका तो समझ जाती है लेकिन अंजलि बोलती है -" लेकिन क्यू।" रोहित-" बस ऐसे ही .......तुम चुप रहो अब तुम्हारी दोस्त को शौर्य पार्टी मे ले कर पहुच जायेगा।"
इधर श्रुति पैर पटक कर रोहित को मन ही मन गालिया दिये जा रही थी और परेशान हो रही थी की वो कैसे जायेगी अब। तभी उसके सामने एक कार रुकती है। जैसे ही श्रुति कार के अन्दर शौर्य को देखती है वो खुश हो जाती है आज श्रुति को पहेली बार शौर्य सिल्वर सूट मे बहुत हैंडसम लग रहा था लेकिन उसे आश्चर्य होता है की उन दोनो के कपड़े एक जैसे थे मानो किसी कपल ड्रेस की तरह हो।
शौर्य तो उसे देख कर पागल ही होने वाला था वो किसी तरह अपने आप को सम्हालते हुये बोलता है-" तुम्हे बैठना है या मै जाउँ। श्रुति-" अरे नही मै आ रही हू।" कह कर जल्दी से कार मे बैठ जाती है । कार चलते समय शौर्य बार बार चोर नजरों से उसे ही देखे जा रहा था तब तक उसके समाने एक गाड़ी आ जाती है और वो जोर से ब्रेक मार देता है। तेजी से ब्रेक लगने की वजह से श्रुति का सिर आगे लड़ने ही वाला था की शौर्य अपना हाथ उसके सिर के सामने रख देता है जिससे वो बच जाती है। किसी तरह ये दोनो भी होटेल पहुचते है।

शौर्य कार को पार्किंग मे लगा कर कार से नीचे उतरता है और किसी gentleman की तरह श्रुति के तरफ का भी दरवाजा खोलता है। श्रुति भी बाहर निकलती है ।
वो दोनो साथ मे हाथ पकड़ कर चलते हुये पार्टी हाल तक पहुचते है । साथ मे दोनो किसी परफ़ेक्ट कपल की तरह लग रहे थे। लड़किया जहा पर श्रुति से जल रही थी वही लड़के उससे बात करने की कोशिश मे थे। कुछ ही समय मे श्रुति- शौर्य पार्टी के सेंटर ऑफ़ attraction बन चुके थे।मानसी भी अपनी दोस्त जिया- सिया के साथ थी और उसके चेहरे पर श्रुति को लेकर नफरत साफ दिख रही थी। कनिस्का टिया और अफताब भी पार्टी मे आ चुके थे।

उधर से अनिकेत और कीर्ति साथ मे किसी कपल की तरह आते है। शौर्य उन्हे बहुत ध्यान से देख रहा था की तभी अंजलि बोलती है-" यार इस अनिकेत का कुछ समझ नही आता है ये इसके साथ क्यू है ।" लेकिन शौर्य तो उनकी तरफ देखकर कुछ और ही समझने की कोशिश कर रहा था। जब शौर्य कुछ नही बोलता है तो अंजलि वहाँ से चली जाती है और डांस करने लगती है। पूरा हाल सुन्दर लडकियो और हैंडसम लड़को से भरा था और सब DJ बीट्स पर एक दुसरे के साथ थिरक रहे थे ।

इधर अवीका बस खाने पर ही टूट पडी थी और उसके पीछे रोहित इधर से उधर भाग रहा था । जब वह पेट भर खा लेती है तब रोहित बोलता है-" हो गया अब तो चलो मेरे साथ डांस करने।" अविका -" ठीक है।" दोनो डांस फ्लोर पर डांस करने लगते है जिसे देख कर बहुत सारे लोग आने लगते है। तभी एक लड़का श्रुति के पास आता है और कहता है-" हे ब्यूटीफुल , आई एम आरव । मे आई डांस विथ यू।" श्रुति मुस्कुराते हुये बोलती है-" या श्योर।" फिर दोनो एक दुसरे का हाथ पकड़ कर डांस करते हुये डांस फ्लोर तक आ जाते है।

वही दूर शौर्य रेड वाइन का सिप लेते हुये उन्हे ही देख रहा था। उसे ना जाने क्यू श्रुति को किसी और लड़के के साथ देखकर गुस्सा आ रहा था। वो गुस्से मे वाइन के ग्लास को दबाए जा रहा था की तभी मानसी आकर उसके कंधे पर हाथ रखती है लेकिन उसके घुरने की वजह से हटा लेती है।
मानसी-" वैसे शौर्य मैने सुना है तुम जिस लड़की के पीछे भाग रहे हो वो तुम्हे भाव तक नही दे रही है।" शौर्य गुस्से से बोलता है-" वो मुझे भाव दे या ना दे लेकिन तुम मेरा भाव लेने की कोशिश न करो और ये बात मैने तुम्हे दो साल पहले भी समझाई थी जब तुमने मुझे प्रोपोज किया था।" मानसी तिलमिलाते हुये बोलती है-" शौर्य तुम सिर्फ मेरे हो और अगर वो श्रुति हमारे बिच आई तो फिर उसका अंजाम भुगतना पड़ेगा उसे।" इतना कह कर मानसी वहा से चली जाती है।
शौर्य अब भी गुस्से से श्रुति को घूर रहा था और जब जब श्रुति डांस करते वक्त आरव से हँसते हुये बात करती तो उसके दिल मे दर्द सा उठता था। जब उसे रहा नही गया तो वो उठकर डांस फ्लोर पर जाता है और धीरे से आरव को हटाते हुये श्रुति के साथ डांस करने लगता है। वो श्रुति की कमर को जोर से जकडे जा रहा था और श्रुति दर्द से छटपटाते हुये बोलती है -" शौर्य छोडो मुझे । मै तुम्हारे साथ डांस नही करना चाहती।" शौर्य गुस्से मे-" क्यू उस लड़के के साथ तो तुम्हे बहुत मजा आ रहा था लेकिन अब क्या हुआ।" श्रुति के बार बार बोलने पर भी जब शौर्य उसे नही छोड़ता है तो उसके बड़ी बड़ी आँखो से आंसू गिरने लगते है । ज्यो ही शौर्य के ऊपर उसके आंसू गिरते है उसे होश आता है की वो क्या कर रहा था और फिर वो जल्दी से उसे छोड़ देता है।

शौर्य के छोड़ते ही श्रुति भागते हुये डांस फ्लोर से नीचे आ जाती है और हाल के कोने मे एक चेयर पर बैठ कर रोने लगती है। मानसी यह सब देख रही थी जैसे ही वो श्रुति को अकेला देखती है वो जिया को बुलाती है। जिया-" क्या हुआ मानसी ।" मानसी मुस्कुराते हुये-" जिया तुम ना एक ग्लास शरबत और एक ग्लास अल्कोहल लाओ।" जिया मानसी का ओर्डेर पाते ही उसके सामने शरबत और अल्कोहल हाजिर कर देती है। मानसी-" गुड .....अब सिया तुम इन दोनो को मिला दो।' सिया भी वैसा ही कर देती है जैसा मानसी उससे करने को बोलती है।

फिर मानसी दोनो ग्लास को ले जाकर एक वेटर को देती है और साथ मे कुछ पैसे भी । मानसी वेटर से-" ये लो पैसे और ये दोनो ग्लास के ड्रिंक किसी भी तरह उस सिल्वर गाउन वाली लड़की को जो कोने मे बैठी है उसे पिला दो ।

वेटर भी पैसों की लालच मे ड्रिंक ले जाकर श्रुति के पास आ जाता है और कहता है-" मिस क्या आप ड्रिंक लेंगी ।" श्रुति नीचे ही मुह किये हुये-" सॉरी मै वाइन या अल्कोहल नही पीती ।" वेटर -" मिस आपको गलतफैमी हुयी है यह शरबत है । मुझे लगता है आपका मन भारी है इसलिये आप यह पियेंगी तो आपका मूड फ्रेश हो जायेगा।" श्रुति भी अब बहस नही करना चाहती थी इसलिये वो एक ड्रिंक उठा के पीने लगती है। वेटर अभी भी वही खड़ा था क्योकि उसे दूसरा ड्रिंक भी उसे पिलाना था । श्रुति-" अब आप जाईये।" वेटर-" मिस मुझे लगता है अगर आप इस शरबत को पियेंगी तो अच्छा लगेगा इसलिये मैंने दूसरा ग्लास भी लाया है।" श्रुति का मूड पहले से खराब था वो उसे ड्रिंक वही रख कर जाने को बोल देती है। वेटर ड्रिंक को बगल वाली टेबल पर रख कर चला जाता है। श्रुति एक गिलास ड्रिंक पी चुकी थी उसे बहुत अच्छा लगता है तो वो दूसरा भी पी लेती है । मानसी , सिया और जिया यह सब देख रही थी और मानसी खुश होते हुये बोलती है -" अब आयेगा असली मजा जब श्रुति खुद का पुरे कॉलेज के सामने मजाक उड़वाएगी ।" हँसते हुये वो सब वापस चली जाती है।

श्रुति का भी कुछ समय बाद सिर घुमने लगता है और वो सही से खड़ी भी नही हो पा रही थी उसे लगता है की अब वो ज्यादा देर तक यहा नही रह सकती तो वो किसी तरह अंजलि को बताने के लिये जाने लगती है लेकिन जैसे ही वह जाने के लिये उठती है उसका पैर लडखडा जाता है और वो नीचे गिरने ही वाली थी की शौर्य उसे पकड़ लेता है । जब वो ध्यान से देखता है तो श्रुति के मुह से अल्कोहल की महक आ रही थी और श्रुति भी नशे मे कुछ बड़बड़ाये जा रही थी।