वो पहली बारिश - भाग 3 Daanu द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

वो पहली बारिश - भाग 3

“तू देखिओ वो कल शाम से पहले ना सॉरी बोलते हुए कॉल करेगा। मैं जानती हूं ना अंकित को, कभी कभी गुस्से में कुछ कह देता है, पर बाद में माफी मांग लेता है”, निया फोन पे अपनी सहेली सिमरन से बोलती हैं।

वैसे तो उसे सिमरन को बताना था, कि सब ठीक जाएगा, पर ऐसा लग रहा था की जैसे वो खुद से कह रही थी, की सब ठीक है।

“यार.. दिन ही खराब था मेरा कल, ये तो जो हुआ सो हुआ उसके बाद एक पागल मेरे पीछे पड़ गया, पता नहीं कैसे कैसे ठग हो गए आजकल..." निया अभी बोल ही रही होती है, की अचानक उसे याद आता है, की जो चाय उसने चढ़ाई है, उसके लिए दूध नहीं है , “मैं तुझे बाद में कॉल करती हूँ”, ये कह कर वो बाहर चली जाती है।

वापस आते हुए, उसे सामने से आता हुआ ध्रुव दिखता है, ये सोच कर की वो उसका पीछा कर रहा है, वो तेज़ी से लिफ्ट की ओर भागती है, पर वो वहाँ पहुँच कर लिफ्ट में चढ़ी ही होती है, की ध्रुव दूसरी तरफ़ से भागते हुए आकर लिफ्ट को हाथ से रोक कर उसमें चढ़ जाता है। निया पीछे की तरफ, अपने चेहरे पे हल्का हाथ रख कर खड़ी हो जाती है। लिफ्ट चलने के बाद भी ध्रुव जब कोई बटन नहीं दबाता है, तो निया थोड़ा परेशान हो जाती है।

9th फ्लोर पे पहुँच कर लिफ्ट जैसे ही रुकती है , निया साइड से निकल जाती है, वहीं ध्रुव फोन में ऐसे खोया हुआ होता है, की उसे फ्लोर का अंदाजा कुछ सेकंड बाद लगता है पर निया के पीछे पीछे ध्रुव भी वहाँ उतरता है।

इस बात का आभास होते ही, किसी तरह निया अपने डर पे काबू पाते हुए, गुस्से से ध्रुव की और बढ़ते हुए बोली, “एक्सक्यूज मी.. तुम्हें बिल्कुल अकल नहीं है ना? मेरा पीछा करते हुए यहाँ तक आ गए...”, साथ ही निया ने पूरी ताकत लगाते हुए दूध की थैली उसके सर पे दे मारी।

ध्रुव का सर दूध से लत पत हो जाता है, वो तो शुक्र है, की दूध की थैली भी एक थैली में थैली थी,इसलिए ध्रुव का थोड़ा बचाव हो गया। वहीँ तभी लिफ्ट के एकदम साथ वाले घर का दरवाज़ा खोलता है और ध्रुव का दोस्त कुनाल बाहर आता है।

“ध्रुव.., ये क्या कर लिया तूने, पानी कम था क्या की अब दूध से भी नहाने लग गया है!!? ओह.. तूने तो कहा था की इन्होंने तेरी बात नहीं मानी, मान ली क्या? तभी तू इन्हें यहाँ लाया है.. बाई दी वे.. हाय आई एम कुनाल।”, कुनाल निया की तरफ बढ़ाते हुए बोला।

“ओह.. हाय...आई एम... ", निया को कुछ समझ तो नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है, पर उसने हाय बोलने में कोई हर्ज़ नहीं समझा।

"साइको.. साइको.. है ये”, ध्रुव निया को काटते हुए बोला, “इसी ने मेरा ये हाल किया है", ध्रुव गुस्से वाली नज़रों से निया की तरफ देखते हुए बोला।

“और तुम जो मेरा पीछा कर रहे थे वो कुछ नहीं?”, निया फट से खुद को बचाते हुए बोली।

“पीछा… पीछा, सुना नहीं तुमने अभी, मैं यहीं रहता हूँ, वैसे भी मैं सिर्फ तुम्हारी मदद करना चाहता था, पर तुम्हारी ऐसी हरकते देख कर तो मुझे लग रहा है, अगर तुम कभी आगे बढ़ कर मदद माँगने भी आओगी तो भी मदद नहीं करना चाहूँगा।”

"ओए.. क्या हो रहा है??", सामने वाले घर से निया की रूममेट रिया, शोर सुन कर बाहर आते हुए पूछती है।छोटा गोलाकार पतला चेहरा, छोटी भूरी सी सुंदर आँखें और उसके साथ ही नए ताज़े हेयर स्टाइल में कटे हुए कंधे से हल्के नीचे तक आते हुए बाल।

"निया.. ध्रुव.. ये कैसे हो गया तुम्हे??", रिया ध्रुव के पास भागते हुए बोली। "निया.. क्या हुआ है, वहाँ चाय रख कर यहाँ क्या कर रही है?" निया को गुस्से से देखते हुए ध्रुव को देख कर, रिया भी हल्के गुस्से से पूछती है।

"रिया तू इसे..", कुनाल ने पूछा।

"हाँ, ये मेरी नई रूममेट है.." रिया ने फट से जवाब दिया।

"रिया, इसने मेरे पे.. छोड़ो यार, इसे प्लीज बताओ कि मेरे पास किसी के पीछे पड़े रहने का टाइम नहीं है, और किसी और के पैसे में कोई दिलचस्पी नहीं है..", ध्रुव अंदर जाते हुए बोला।

"निया यार अभी तो आई है तू, अभी से तूने हमारे पड़ोसियों से लड़ना भी शुरू कर दिया। मुसीबत में काम आने वाले पड़ोसी है ये हमारे। चल एक काम कर, सबसे पहले हम सबके लिए चाय बना दे। अंदर फ्रिज में मेरा दूध पड़ा है, उसे ले लियो.. " रिया निया को जाने का इशारा करते हुए बोली।

"ध्रुव.. ध्रुव.. आकर चाय पिलो यार.. उसे छोड़ो ना.. कभी कभी ऐसे हो जाता है.." रिया चिल्लाते हुए ध्रुव को बुलाती है।
"कुनाल यार.. ले आ उसे, चाय पीते है, और फिर बात करते है की क्या हुआ है, अभी के लिए मैं सॉरी बोलती हूं निया की जगह।"

"हम्म.. मैं बात करके लाता हूँ उसे, चल तू।"

थोड़ी देर में, कुनाल और ध्रुव निया के फ्लैट पे आते है, रिया से बातचीत करते उन दोनो को, निया जब चाय देती है, तो रिया उसे टोकती हुई बोली, "देख निया मुझे नहीं पता तुम्हारे बीच क्या हुआ है और क्या नहीं, और सच कहूं तो मेरे में जानने की हिम्मत भी नहीं है अभी, बस इतना समझ ले, ये दोनो बहुत अच्छे पड़ोसी है, और बहुत अच्छे इंसान भी, तो सॉरी बोलते हुए बात को खत्म कर।"

"है ना कुनाल?? " कमरे में एकदम से छाई हुई चुप्पी को तोड़ने के लिए रिया ने पूछा।

"हाँ यार, बिलकुल है", कुनाल फट से जवाब देता है।

"आई एम सॉरी.." निया ध्रुव की तरफ देखते हुए धीरे से बोली।
"इट्स ओके.. " ध्रुव ने दूसरी ओर मुँह घुमाते हुए बेमना जवाब दिया।