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One Night Stand or 01:00 A.M. Talk

साल 2021 शुरू तो बहुत बेकार तरीके से हुआ पर बहुत कुछ सिखाया इस साल ने।
नही! नही! मैं कोई ज्ञान की बात नही करने आया हूँ, मैं तो बस वो एक किस्सा बतलाने आया हूँ जो दिए हुए शीर्षक से जुड़ा हुआ है।

मेरा नाम अंकित है और यह बात है उस समय की जब लॉकडाउन धीरे धीरे खुलने लगा तो और शहर की रौनक वापस आरही थी। अभी BHU खुला नही था तो हमारे लिए एक तरह से यह लॉकडाउन अभी कायम था। इस पूरे समय में हम और हमारा रूममेट राजीव एकदम आलसी भालू जैसे हो गये थे, वो कमरे के एक कोने में पड़ा रहता और हम दूसरे कोने में। इसी तरह पड़े पड़े पूरा दिन निकल जाता।

इन सब के बीच कहीं न कहीं सोशल मीडिया से भी मन भरने लगा था पर हम चाह कर भी सोशल मीडिया छोड़ नही सकते थें।
वो क्या है न कि इस lockdown में हमारी इंस्टाग्राम पर ही किसी से बात शुरू होगयी थी।
वैसे बात शुरू होने कोई बड़ी बात नही होती है पर बात बात में बातें होना एक खास रिश्ता सा बना देता है। ऐसा ही एक दोस्ती का रिश्ता बन गया था उससे उस वक़्त।

उधर राजीव जी भी किसी से दिल लगा बैठे थें क्योंकि उसके चहरे की हँसी बता देती थी उस स्मार्टफोन स्क्रीन पर क्या हो रहा है।
शायद इसी तरह वो भी सोचता होगा कि हम फ़ोन चलाते समय इतना मुस्कुराते क्यों हैं।

उस लड़की से इंस्टाग्राम पर कम से कम एक महीने बात हुई फिर हम दोनों वॉट्सऐप पर आ गये बात करने। कभी चैट तो कभी कॉल पर बात कर लेतें। क्या खाया, क्या बनाया, दिन कैसा रहा, क्या कर रहे.... ऐसे कई सवाल होते थें।
उसने लॉकडाउन में कैलीग्राफी सीखी थी तो हर दो दिन पर मेरा ही नाम एक अलग तरीके से लिख कर भेजती थी।
"लॉकडाउन के बाद मिला जाएगा यार", यह बात उसने और हमने ना जाने कितनी बार कहा था।

यह सोशल मीडिया इतनी भी बुरी चीज़ नही है।

यह हमें भी लगता था जब तक राजीव का वो वाक्या नही हुआ तब तक....

सोशल मीडिया क्या है और कैसा है इसपे अगर बहस करने लगे तो सुबह से शाम हो जाएगी, शाम से रात और रात में उससे बात भी तो करना है।

वो दिन भर घरवालों से घिरे होने के बावजूद थोड़ा सा समय निकाल लेती थी और हमारी बात हो जाती थी।

मुझे याद है वो दिन जिस दिन हमारी बहुत बुरी लड़ाई हुई थी और वजह थी एक छोटी सी बहस। उस दिन उससे लड़ाई करके मुझे अच्छा तो नही लग रहा था पर क्या कर सकते थें!
मैंने उसे एक सॉरी मैसेज किया पर वो ऑफलाइन थी तो मैंने भी फ़ोन एक साइड में फेंक दिया।

राजीव मेरी सारी हरकतों पर गौर कर रहा था और उसने मुझे पूछा कि आखिर बात क्या है! क्यों परेशान हूँ मैं!
मैंने भी बिना रुके अपनी सारी बात उसे बताई। सारी बात सुनने के बाद उसने बोला कि "क्या ही हो गया है, ये तो नार्मल सी बात है। इससे नही तो किसी और से बात कर ले।"

"किसी और से!!", मैंने उससे पूछा

राजीव ने हँसते हुए बोला की "तुम्हे क्या लगता है कि मेरी सिर्फ एक लड़की से ही बात होती है! नही मेरे भाई ऐसा नही है मैं जिससे चहता हो उससे बात करता हूं।"

"लेकिन यह तो गलत है न!", मैंने उससे गुस्से में कहा

उसने फिर हँसते हुए बोला, "कुछ गलत नही है मेरी जान। इवन मेरी जिन लड़कियों से बात होती है उसमे से एक दो तो खुद जानती हैं कि मैं कैसे हूँ और बाकी जान जाएंगी तो चल जाएंगी, क्या की जाता है। यह लॉकडाउन खत्म हो तो देखना, तेरा भाई हर नाईट वन नाईट स्टैंड करेगा।"

"मतलब तुम इतने दिनों से यही कर रहे थे।", मैंने उससे पूछा

उसने हाँ में सर हिलाया और हँसने लगा।
उसकी इन बातों को सुनकर पहले लगा कि मैं उसे समझा दुं पर फिर मैंने उसपर बात ही नही की जब आपकी सोच नही मिलती है न तो समझ मे कुछ नही आता है।

मैं यह सोचने लगा की राजीव जैसे कितने लड़के-लड़किया सोशल मीडिया को इसीलिए उसे करते होंगे, "आई लव यू" बोल दिया और मतलब पूरा होने बाद छोड़ दिया।

इधर राजीव मुझे बार बार एक ही चीज़ कहे जा रहा था कि किसी और से बात करो और उधर वो ऑफलाइन ही थी।

फिर मैंने हिम्मत करके फ़ोन उठाया और.......

ज़िंदगी में कभी कभी ऐसा लगता है न कि कुछ समझ ही ना आ रहा हो कि क्या करें! क्या गलत है और क्या सही !

राजीव के बातों को सुनने के बाद मानो मैं दंग था कि ऐसा भी कुछ होता है और दिन भर वो यही करता था।
मैं इतना सोच ही रहा था कि राजीव ने बोला कि फ़ोन उठाओ और किसी और से बात करो।

मैंने बहुत सोचा और आखिर में फ़ोन उठाया और चेक किया कि वो ऑनलाइन है या नही। उसे ऑनलाइन ना देखकर मैंने हिम्मत की और उसे कॉल कर दिया।
हिम्मत इसलिए क्योंकि हो सकता था कि कॉल घर का कोई और उठा ले।
हुआ भी वही उसके पापा ने ही कॉल उठाया होता पर उसने पहले उठा लिया और बताने लगी कि घर का कुछ काम कर रही थी इसीलिए फ़ोन साइड में रख दी थी।
जाते जाते उसने कहा कि "चलो बाद में बात करती हूं। और सुनो! सॉरी मुझे बहस नही करनी चाहिए थी। अच्छा अब रखती हूं।"
उससे बात कर मानो कोई पॉजिटिव वाईब आ जाती है।

मैं भी सोचना लगा कि किसी ने क्या सही चीज़ कहि है कि "हर चीज़ के दो पहलू होते हैं...एक अच्छा और एक बुरा", ठीक वैसे ही सोशल मीडिया के और रिलेशनशिप के भी दो पहलू होते हैं।

हर चीज़ सही होती है अगर आप किसी को धोखा और दुःख ना दे रहे हो तो।

राजीव गलत था क्योंकि वो सभी को नही बताता था कि वो असल में क्या सोचता... कुछ समय बाद हम दोनों का ही इस बात को लेकर खूब झगड़ा हुआ और अब यह कि मेरी राजीव से बात नही होती है।

मेरा पहलू यह कि "01:00 A.M. Talk is much better than One Night Stand"

"चाहो किसी को तो.... जी भर चाहो...
एक रात की चाहत को... इश्क़ नही कहते..."

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Written By :
Ansh Sisodia | @mere.ansh

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