अतीत... प्यार की एक कहानी - 2 PRATIK PATHAK द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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अतीत... प्यार की एक कहानी - 2

सागर और मानसी की कहानी का सफर अब आगे....


चेप्टर 3: अधूरा सा प्यार

मानसी सागरके ग्रुपकि अब अहम सभ्य हो गई थी।सब लोग साथमे फिल्म देखने तो कई बाहर घूमने जाते थे।दोनों एक दुसरेको प्यार करते थे मगर दोनों दिलकी बात बया नहीं करतेथे।एक बार पूरा ग्रुप शिमलाकी ट्रिप पे गया था। एक रात वहाँ होटल के सामने सभी लोग केम्प फायर कर रहेथे,तभी अचानक सागर उठा और मानसीको कहा
“मानसी मे तुम्हें कुछ कहेना चाहता हु”
मानसीने आश्चर्यसे पूछा “क्या?”
तभी सागर मेदान के बिचमे जाकर होटलके एक आदमिकों इशारा किया, और एक मस्त रोमेंटिक धुन बजी और सागर डांस करते हुए अपने शर्टमे से गुलाबका फूल और सोने की अंगूठी निकाली और घुटनोके बल बैठ कर मानसीको प्रपोज किया ओर कहा, “मानसी जबसे तुमको देखा है तबसे तुम्हें प्यार करता हु,क्या तुम मेरी डांस पार्टनरसे लाइफ पार्टनर बनोगी? आई लव यू मानसी। “
“ कितनी देर लगादी ईडियट कहेनेमे? आज तुम मुजे प्रपोज नहीं करते तो मे ही तुम्हें करने वालीथी, मेरी बहोत बड़ी हा है,आई लव यू टू सागर।
उस रात देर तक वो दोनों बाहर बर्फ़ की वादियोमे बैठे रहे और सबसे अंतमे होटलमे गए।सागर मानसीको अपनी गोदमे उठाकर अपने कमरेमे ले गया,उस रात मानसी सागरके कमरेमे ही सो गई,दोनों ने सारी हदें पार करके एक दुसरेकों बहोत प्यार किया।
सागरको कॉलेजके प्लेसमेंटमे बेंगलुरू मे एक अच्छी कंपनीमे,बड़े पद पर अच्छी तनख़ाह से नोकरी मिल गई थी।मगर मानसी की दूरी उसे खल रहीथी।महिनेमे दो बार मानसीको मिलने अहेमदाबाद जरूर आता और दोनों एक साथ अच्छा समय बिताते।
एक दिन दोनों होटेलके एक रूममे एक ही कंबल लिपटे हुए सो रहे थे,दोनों के कपड़े जमीनपर बिखरे हुए पडे थे।सागरने मानसीको अपनी बाहोमे लिया,और कहा मानसी क्या ऐसे ही प्यार करती रहोगी मुजे??
पर मानसीकी आंखोमे आँसुओ थे और कहा “काश सागर तुम मेरी बिरादरिके होते,पापा ने माना कर दिया सागर”।ऐसा कहके सागरको लिपट कर रोने लगी। “पापा को सिर्फ़् अपने डाइमंड के बिजनेस वाला लड़का ही चाहिए और हमारी बिरादरिका।”
“हम मनालेंगे उन्हे,मे अगले हफ्ते मेरे मम्मी पापा को लेकर तुम्हारे घर बात करने आऊँगा कहकर सागर उठकर कपड़े पहने लगा और मानसिको उसके कपड़े दिये और दोनों वहासे बाहर निकले।
एक हफ्ते बाद जब सागर वापस आया तो मानसीका कॉल नहीं लग रहा था।उसने बहोत कोशिशकी मानसी को संपर्क करनेकी मगर नाकामियाबी मिली,सागर उसके घर भी गया,मगर घर पे ताला लगाथा।वो पूरा हप्ता मानसीको ढूँढता रहा, मगर मानसीकी किसिकों खबर नहीं थी।मानसीके सारे सोसियल एकाउंट बंध हो चुके थे।एसेही एक महिना बीत गया था सागर मानसीके बिना पागल जैसा हो गया था।
एक दिन अचानक सागरकी एक दोस्त जो मानसीकी दूर की रिश्तेदार थी उसने सागरको मानसीकी शादी की तस्वीरे भेजी वो देखके सागरके पैरो तले जमीन खिसक गई,वो अपने घुटनोके बल बैठ कर बच्चोकी तरह रोने लगा। मानसी को पानेकी हर उम्मीद उसने छोड़दी थी।सागर अब पूरा टूट गया था। सागरने अब अपना नसीब मान कर मानसीको दुबारा संपर्क नहीं किया।मानसी कहा है? कैसी है ?वो सब सोचे बिना बेंगलुरू से सीधा दुबई चला गया।

चेप्टर 4: मिलना जरुरी था

सब गेम और डिनर खतम करके सागर और मानसी दोनो अकेले सबसे दूर गए।मानसी की आंखे अभी भी नम थी।उसकी आंखोमे अभीभी सागर आँसू देख नहीं सकता था। “कुछ तकलीफ मे है तू ?? “सागरने पूछा।
“नहीं नहीं आई एम ओके,बस तुजे आज देख कर सब याद आ रहा है, तेरी गुनेहगारहु मे मैंने तुम्हें धोका दिया है।मेरी एक बात अब मानले सागर शादी करले”। मानसीने कहा ।
“शादी, मानसी कैसे करलु शादी,अब किसीसे प्यार नहीं कर शकता,इनफेस्ट करना ही नहीं चाहता। वास्तव मुजे अब किसी लड़की पे विश्वास नहीं है, और करना भी नहीं चहता।तुम मुजे छोड़ कर क्यू चली गई ?? मैंने तुम्हें कितना ढूंढा” ऐसा बोलकर सागर मानसीका हाथ पकड़कर रोने लगा।सागरको ऐसा रोते हुए शायद मानसीने पहेली बार देखा था पार सागर ने कई राते ऐसे रोते हुए गुजारिथी।
रीयूनियन पार्टी अब खतम हो गई थी सब लोक एक दुसरेको मिलकर वापस लौट रहेथे।
चलो मानसी मे तुम्हें तुम्हारे घर पे छोड़ देता हु। मानसीने बिना हिचकिचाये हुए सागरकी बात मानली।
एक मिनिट रुको मानसी में विशाल से मिलकर आया। इतना कहते विशाल खुद सागर और मानसी के पास आया।
“तुम दोनों को इतने साल बाद साथ मे देखकर मजा आया” विशाल ने सागर को गले लगाते हुए कहा। थैंक यू भाई आज तेरी वजह से में यहाँ आ पाया, तेरे और पायल के बारे में सुना मैंने, कोई इतना कैसे गिर सकता है? तुम दोनों की कहानी तो पूरे कॉलेज को पता थी फिर भी देवेन सर ने पायल के साथ शादी की?मगर अफसोस पिछले महीने ही उनकी मौत हुई,सुना है हार्ट अटैक था,पर उनके घर वालोंने,सीबीआई जाँच मांगी है।और क्यू ना मांगे,पूर्व विधायक का दामाद जो था। पायल का कॉन्टेक्ट किया तूने कैसी है वो? सागर ने विशाल से कहा । हां मैने सब सुना वो पर मेरे लिए उसे भूल जाना ही अच्छा है,चलो तो मिलते है कहके विशालने मानो सागर की बातको टाल के चला गया।

“ वाह! मिस्टर भारद्वाज इतनी आलीशान गाड़ी,काम क्या करते हो ?’’ गाड़ी मे बैठते वक़्त मानसीने कहा
“मेरा डाइमंड एक्स्पोर्ट का बिजनेस है।एक अहेमदाबाद और एक दुबई मे ब्रांच है। एस.एम डाइमंड। सागर ने गाड़ी चलाते हुए कहा।वैसे बातों बातोंमे पूछना भूल गया की तुम्हें कहा छोडु?
छोड़े हुए को अब कहा छोड़ोगे ?? मानसी धीरे से गुनगुनाई।
“ कुछ कहा तुमने ?? और तुम्हारा पति कैसा है?क्या करता है नाम क्या है?और तुम्हारी बच्ची बड़ी क्यूट है आई हॉप तुम्हारे पति पे नहीं गई हो ,हा हा हा।सागर ने मज़ाक करते हुए कहा।
“ बस ठीक है वो,मानसी धीरे स्वरमे बोली और मुजे मेरे पापा के घरपे छोड़ दो।बोलते बोलते मानसीकी आंखोमे आँसू आ गये।सागर ने गाड़ी रोकी और पूछा क्या हुआ मानसी?मानसी सागरके कंधोपे सर रखकर रोती रही।
मुजे माफ करदो सागर मैंने तुम्हारे साथ बहोत बुरा किया,काश हम भाग जाते,मम्मी पापा ने कहा था अगर हार्दिक से शादी नहीं करोगी तो हम नींद की गोली खाके मर जाएंगे।मैंने सब का सोचा मगर तेरा नहीं सोचा।आई एम रियली वेरी सॉरी सागर।
सागरने मानसीकी पीठ पर हाथ फेरते हुए बोला अरे कोई बात नहीं मैंने तो कबकी अपनी मानसी को माफ कर दिया है।आज मुजे पता था की तुम जरूर आओगी इसी उम्मीदमे मे सिर्फ तुमसे मिलने आया हु।

“ममा आप क्यू रो रही हो ?और यह अंकल कौन है ?’’ अनन्या ने अपनी माँ को रोते हुए देख बोला।
कुछ नहीं हुआ बेटा आंखोमे कचरा चला गया था और ये अंकल तेरे ओर तेरी ममा के सबसे खास है। मानसी ने जवाब दिया।
“बड़ी समजदार है तेरी बच्ची। कितने साल की हुई ? सागरने पुंछा।
“जीतने साल पहले हम दोनों आखरी बार मिले थे उससे दो महीने कम है इसकी उम्र।
मे कुछ समजा नहीं मानसी सागर ने कहा।
हमारी आखरी मुलाक़ात याद है तुजे ? इसके ठीक पंद्रह दिनमे मेरी शादी हुई।ठीक एक महीने बाद मेरे पति को पता चला की मे प्रेग्नेंट हु,मेरा तीसरा महिना चल रहा है उसके पूरे परिवारने मुजे बेइज्जत करके घरसे निकाला और एकही महीनेमे मेरी शादी टूट गईथी।
सागर यह सब ध्यानसे सुन रहा था ओर समज नहीं पा रहा था की मानसी क्या बोल रही है।मतलब तुम्हारा तलाक हो गया है? सागरने पूछा
हा सागर मेरा तलाक हो गया है। सागर ध्यान से देखो अनन्या को और कुछ महेसूस हो रहा है?मानसीने कहा
सागरने अनन्या को देखा ओर देखते ही रह गया।
क्या सचमे मै जो सोच रहा हु वो सही है? क्या अनन्या मेरी बेटी है ??सागरने बड़े उत्साह से पूछा।
हां सागर हां अनन्या तुम्हारी बेटी है,मुजे तुम्हारी बहोत जरूरत थी सागर। मैंने भी तुम्हें बहोत ढूंढा पर तुम नहीं मिले। थेंक्स टू विशाल के उसको मेरी यह हालत का पता चला और हमको मिलाने के लिए ये रीयूनियन रखा।
सागर की आंखोमे खुशी के आँसू बह रहेथे।उसने गाड़ी स्टार्ट की और कहा चलो तुम्हारे पापाके घर अपनी बेटी और उसकी माँ को वापस मांगने।
दोनों एक दुसरेका हाथ पकड़के हंसने लगे।
एक महीने के बाद दोने ने शादी करली।