नियति ...can’t change by anybody - 8 PRATIK PATHAK द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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नियति ...can’t change by anybody - 8

दूसरे दिन.....
माइकल के फोनमे रिंग बजती है,माइकल के फोन उठाते ही सामने से आवाज आति है ,
चलो माइकल देख आते है हमारे प्रिय मित्र को हॉस्पिटल मे, रंगा ने रात 8:00 बजे माइकल को फोन करके कहा।
दोनों हॉस्पिटल जाते हैं और अमित के बारे में रिसेप्शन में पूछते हैं।
सॉरी सर अमित नायक नाम का कोई आदमी यहां पर एडमिट नहीं हुआ है। रिसेप्शन पे बैठी लड़कीने कहा। आप फिर से चेक करो मेडम माइकल ने कहा। सॉरी सर ऐसे नाम का कोई यहा नहीं है।!!!
साला ये क्या हो रहा है?साला नायक गया कहा?? माइकल ने गुस्से मे आकार चिल्लाया।
शायद वो मालिनी के साथ होगा,रंगा ने कुछ भी सोचे बिना बोल दिया।
अभी कॉल करके पूछता हु मालिनि कों,माइकल मालिनी को कोल लगाने जाता ही है तब पीछे से मालिनीकी आवाज आई सब ठीक हैं ना? और अमित कैसा है और उसके पैर ??
“घंटा! कुछ ठीक नहीं है, नायक गायब है,वो हॉस्पिटल मे एडमिट हुआ ही नहीं है,उसका फोन भी ऑफ आ रहा है कुछ पता नहीं चल रहा क्या हो रहा हे ??!
वो शायद उसकी हवेली पर होगा वहा जाते है वो वही होगा रात के 9:00 बज गए हैं शायद अमित खुद कल में जाकर बच रहा होगा चलो जल्दी चलो। रंगा ने बताया और तीनों जल्दीसे हॉस्पिटल से अमितकी हवेली की तरफ जाने को रवाना हुऐ।
माइकल,रंगा और मालिनी तीनों हवेली पर पहुंचे। हवेली के अंदर जाकर देखा तो पूरी हवेली खाली कोई चीज नहीं थी। हॉलमे सिर्फ पीले रंगके पट्टे थे । ऊपर वाले कमरे में देखा तो वहां भी कुछ नहीं बीच में सिर्फ पीले रंगके पट्टे जिसमें अमित ने इन तीनों को कहा था कि उसके बीच में ही चले। पूरा रूम खाली सिवाय एक टेबल और दो कुर्शी। तीनों एक दूसरे की शक्ल देख रहे है और गुस्सा निकाल रहे है। कहां गया होगा वो पैसे और मशीन लेकर भाग तो नहीं गया होगा ना? मालिनी ने चिंतामे पूंछा।
नहीं भागा होगा मरेगा तो आज ही वो,रंगा ने कहा।
क्या मरेगा? कौन मारेगा उसको?कमीना कहां है,वो भी नहीं पता,माइकल ने चिल्लाते हुए कहा। उसके घर पर ही होगा वो याद है उसने कहा था कि नियति को कोई नहीं बदल सकता ना मैं ना कोई और इसलिए मरना तो तय है उसका आज। चलो उसके घर पे चलते हैं, 12:00 बजे से पहले मालिनी उसको देखते ही मार देना कुछ सोचना मत,माइकल मालिनिकों अपनी गन दे दो रंगाने कहा।
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ईस्पेक्टर शिंदे, भाऊ रिटार्यमेंट तोहफा है!! करियर का बड़ा केस चाहते हो तो आज रात 1:00 बजे एस.जी रोड अपर्णा अपार्टमेंट फ्लेट नंबर ३०६ मे पहोच जाना। कोई अज्ञात कोलर से इंस्पेक्टर शिंदे को कॉल आता है।
मौलिक महेता, इस साल की सबसे तेज सनसनी खबर चाहिए तो आज रात 1:00 एस.जी रोड अपर्णा अपार्टमेंट फ्लेट नंबर ३०६ मे पहोच जाना। नेशनल टीवी चैनल के सीनियर रिपोर्टर को मेसेज आता है।
मंत्री जी नमस्कार प्रजा की समस्या तो आपने देख ली थोड़ी अपने पैसों की और रुक कर लो,माइकल आपके पैसे लेकर आज रात 1:00 बजे एस.जी रोड अपर्णा अपार्टमेंट फ्लेट नंबर ३०६ में से भागने वाला है। तीनों को मेसेज और कॉल करके अमित ने अपने मोबाइल में से सिम निकाल कर तोड़ कर फेंक दिया।

समय ११:५८ फ्लेट का दरवाजा मालिनि ने धडामसे खोला .... कुत्तों की अवाजे अचानक बढ़ गई, और जोरदार बिजली और बादलोकी अवाजे, यह चारो प्रक्रिया संयोग या नियति ..... दरवाजे के पास मालिनी ब्लेक लोवेस्ट साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउस पहने हुए खड़ी थी उसका गोरा और कसा हुआ बदन आज खूब निखर रहा था ,खुले बाल की एक लट उसके आंखोको छूती थी. बारिश की वजह से साड़ी थोड़ी बदनसे चिपकी हुई थी और चहेरे पे पडे थोडे बारिश की बुंदे उसकी सुंदरता को ज्यादा मोहक बनाता था। जोर से दरवाजा खोलकर मालिनीने ना ताओं देखना आओ और दो गोली सामने व्हीलचेयर पर बैठे अमित को और एक गोली लोलक घड़ी पर मारदी और वक़्त ११;५९ पर रुक गया। और उसने अमितके पास जाके बोली, ११;५९ हुए है अभी दिन पूरा नहीं हुआ, में जीत गई, अभी तुम जाओ छोड़ के दिल बहोत भर गया. हाह हा हा....और लाश को सीधा करनेकी कोशिश की और देख कर चिल्लाने लगी, यह अमित नहीं है हमारे साथ धोखा हुआ है पीछे रंगा और माइकल दौड़ते हुए अंदर आए देखा तो माथे पर सफेद पट्टी और चेहरे पर ज़ख़्म वाला अमित के कद काठी से मिलता हुआ एक आदमी जमीन पर पड़ा था। तीनों को कुछ पता नहीं चल रहा था कि यह सब क्या हो रहा है तभी अचानक रेडियो चल रहा था वह स्पीकर में आवाज आई,
हाय! कैसे हो दोस्तों मैं आपका दोस्त अमित हा हा हा जिंदा हूं मैं और आप सब को देख भी सकता हूं और सुन भी सकता हूं। मारना चाहते थे ना मुझे? पर मैं नायक हूं और इस कहानी का भी नायक। क्या सोच रहे थे तुम तीनों? तुम्हें लगा कि तुम मुझे फंसा रहे हो? फंस तो तुम लोग गए हो।
“अगर हिम्मत है तो सामने आ कमीने,माइकल ने कहा। अरे रे पाठक जी को गुस्सा आया। मनोहर रमाकांत पाठक उर्फ़ माइकल, गुस्सा मत कर। यही सोच रहा है ना कैसे मुझे तेरा असली नाम पता चला? वो सब आराम से बताऊंगा अगर दोबारा मिले तो। मालिनी के सामने मत देख उसने नहीं बताया। मालिनी यह तो वही है ना ग्लोरीया डिसूजा। ग्लोरीया डिसूजा जिसके लिए तुम माइकल बने। मालिनी...मालिनी कहूं या ग्लोरिया ?, माइकल तेरी माशूका है बड़ी कुत्ती चीज मजा बहुत दिया उसने। हर दिन ब्लूप्रिंट - ब्लूप्रिंट करती रही ब्लूप्रिंट के चक्कर में क्या-क्या नहीं किया उसने मेरे साथ। माइकल मालिनी के सामने गुस्से में देख रहा था। नहीं माइकल मैंने कुछ नहीं किया उसके साथ वह तो बस... मालिनी की अधूरी बात काटते हुए अमित बोला वह तो बस रंगा सर ने सोने को कहा था मेरे साथ। कुछ भी करो पर ब्लूप्रिंट हासिल करो ऐसा कहा था। रंगा सर मैंने तो आपको भगवान माना था और आपने ही धोखा दिया मुझे मुजे पता है तूने और तेरे कुत्ते माइकल ने मेरी वाइफ का रेप किया और मेरे पूरे परिवार को एक्सीडेंट में मार डाला। हमारी दुश्मनीमे तुमने मेरे भाई कोभी नहीं छोड़ा? मालिनी तेरी वजह से मेरे भाई की बीवी मरी थी। मेरा भी तुम तीनों ने मारने का प्लान बनाया था पर रंगा तुझे पता था कि मैं टाइम मशीन बना सकता हूँ इसलिए तुम लोगों ने मुझे जिंदा रखा है। मैंने टाइम मशीन बनाई थी में अतीत में भी गया वहां तुम लोग लोगों का असली चेहरा मैंने देखा और उसी दिन ठान लिया तुम लोगों को बर्बाद कर दूंगा। मैंने अपने मशीन को नष्ट किया और अगले दिन आपके पास आया कि मेरी मशीन को देखकर प्रोजेक्ट में लेलो। मैंने सिर्फ़ कुत्ते को हड्डी दी थी बाकी का काम आपने खुद कर दिया ग्लोरिया को मालिनी बनाकर मेरी स्टूडेंट के रूप में मेरे पास भेज दिया। और सबसे आसान काम तो माइकल को मेरे पीछे लगाकर कर दिया तुम तीनों साथमे थे तो बदला लेने में मुझे मजा आया।
“तो वह मशीन कौनसी थी जहां मैं 1 दिन पीछे गई थी?” मालिनी ने आश्चर्य से पूछा। अच्छा सवाल है तुम्हारा अमितने कहा याद है मैंने पहले ही दिन कहा था हम दो मशीन बनाएंगे जो तुम्हें बाद में बताऊंगा यह वह मशीन है। मेरी नई खोज,मशीन वही दिखाता है जो तुम्हारे अर्धजागृत दिमाग यानी अनकोनसियस माइंडमें हो। तुमने अपना भूतकाल नहीं बल्कि जो तुम्हारे अर्धजागृत मन में तुम्हारे कल की यादें थी वह तुमने देखी इसलिए तुम वहां कुछ बदल नहीं शकती थी सिर्फ देख रही थी। अगर तुम्हें वह नहीं दिखाता तो माइकल ज्यादा पैसे के लिए कैसे मानता। पर बर्बाद तो मैं तुझे करूंगा तूने अपना मोबाइल नहीं देखा? एक वीडियो आया होगा तेरे मोबाइलमे। तूने मेरे भाई की ब्लू फिल्म बनाईथी ना! अब मैंने तेरी बनाई है मेरा चेहरा नहीं दिखेगा। अब तक को कई लोगों ने देख लिया होगा तेरा यह वीडियो।पर आहह ... उस रात मजा कमाल का आया था तेरे साथ।
मैं तुम्हें मार दूंगी माद***** सामने आ मालिनी चिल्लाते हुए और रोते हुए घुटनों के बल बैठ गई।
पाठकजी उर्फ़ माइकल सबसे बड़े बेवकूफ तो तुम हो हड्डी फेंक ही नहीं और कुत्ते ने अपनी जीभ लबलबाईं। मैं मॉस्को कोई सामान नहीं बल्कि पैसे लेने गया था सामान तो तुम सबको बेवकूफ बनाने के लिए था। तुम्हारे अकाउंट में जो तिनसों करोड़ आए हैं वह रशियन माफिया के अकाउंट में से हेक करके डाले थे। रशियन माफिया मुझे नहीं तुम्हें ढूंढ रही है और पंद्रह सौ करोड़ के लिए थैंक यू।
पंद्रह सौ करोड़? मैंने तो तुम्हें दो हजार करोड़ दिए थे माइकल ने कहा।
अरे हां वह दो मंत्रियों के पैसे तुमने हजम किए है। मंत्री लोग तुम्हें नहीं छोड़ेंगे। अमितने हस्ते हुए कहा।
पर तुमने हमें भविष्य कैसे दिखाया? रंगा ने पूछा। “आर्टिफिशियल इंटेलिजंस”, सर तुम लोगों के दिमाग में मेरे मारने का प्लान हीं चल रहा था। मैंने मेरी जान का खतरा, मैं मरने वाला हूं वह सब आपके दिमाग में ऐसी वाते बताकर ऐसा प्रोग्राम बताया कि आपको सिर्फ मेरी मौत दिखाई दें और इल्यूजनसे मेरी हवेली पर जो चीजे तुम लोगोको दिखाई दे रही थी वो एक कम्प्युटर प्रोग्राम था। इस लिए वो सब छूने की मनाई थी। वास्तव में वहां वह तीन कुर्सियां और एक टेबल और कंप्यूटर के अलावा कुछ नहीं था।
अगर याद है तो रंगा सर यह फ्लेट आपका है और सामने एक लाश पड़ी है जिसका खून अभी-अभी मालिनी के हाथों हुआ है और ठीक सोफे के पीछे पाँचसो करोड़ पड़े हैं बस 5 मिनट रुकिए और मजा आएगा।
तभी अचानक ईस्पेक्टरशिंदे पूरी पुलिस फोर्स लेकर फ्लेट नंबर ३०६ में पहुंचे। पूरे घर की तलाशी ली और घर में पाँचसो करोड़ रुपये नकद मिले। पीछे-पीछे मीडिया भी घर पर पहुंची
“ब्रेकिंग न्यूज़, जैसा कि आप सब देख रहे हो हम अपर्णा अपार्टमेंट के फ्लेट नंबर ३०६ में है ,अंदर पुलिस एक लाश मिली है और पाँचसो करोड़ मिले है ।लाश किसकी है और पैसे किसके है उसकी अभी तक कोई पुस्टी नहीं हुई। पर फ्लेट पर हम देख सकते हैं कि कॉलेज के डिंन रंगनाथ और कई अपराधों शामिल माइकल खड़े है और एक लड़की हाथों में गन लेकर घुटनोंके बल बैठी है। और पुलिस तीनों को ऐरेस्ट करने जा रही है।
शिंदे सर प्लीज़,बताइये यहा क्या हुआ है? और यह लाश किसकी है?
हम पूरे केश की जांच कर रहे हे अभी कुछ कहना मुश्किल है, ईस्पेक्टर शिंदे ने बताया।
इस सनसनी केश की पल पल की खबर के लिए हमारे साथ जुड़े रहिए मैं मौलिक महेता, केमेरा मेन शिवम के साथ सिटीन्यूज़ लाइवसे।

तीनों के मोबाइल में एक ही साथ मेसेज आया मुझे बर्बाद करने चले थे खुद ही बर्बाद हो गए ना? मुझे रोकने के लिए आपको सिर्फ टाइम मशीन की जरूरत है डिजाइन की ब्लूप्रिंट दु? हाहाहाहा मुझे ढूंढने की कोशिश मत करना क्योंकि मैं अब नहीं मिलूंगा पुलिस और मीडिया से तो बच जाएंगे पर वो दो मंत्रि नहीं छोड़ेगे। अगर उसे भी बच गए पर नियति, नियति से कोई नहीं बच सकता।
लंडन की फ्लाइट टेक ऑफ होते ही अमितने अपना सिम कार्ड तोड़ कर फ्लश कर दिया।
अमित का इंतकाम पूरा हो गया पर क्या यह नियति को मंजूर होगा??
जानने किए जुड़े रहिए, “”नीयती” की अगली कड़ी “नियति-The Chase Begins”

दोस्तो में प्रतिक पाठक मैंने अपनी पहली स्टोरी Matrubharti के माध्यम से प्रकाशित की,वाचको के ढेर सारे प्यार के बदले में खूब खूब धन्यवाद ,आशा रखता हु मेरी आने वाली स्टोरी को भी ऐसे ही प्यार और प्रोत्साहन मिलता रहे।
तो जुड़े रहिये नियति और Matrubharti के साथ।
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