1 साल पहले ......
अमित इनफ़ इस इनफ़ अब मे तुम्हें और मदद नहीं कर शकता,तुम्हारा प्रोजेक्ट एकदम वाहियात है,यह समय यात्रा और यह प्रोबेबलिटी सब कुछ अँग्रेजी फिल्मों में अच्छा लगता है हकीकत मेख नहीं होता। रंगा जो अमित नायक के कॉलेज के डायरेकटर थे उसने अपनी केबिन मे अमित को कहा।
अमित नायक एक साइंटिस है और अहेमदाबादकी एक बड़ी कॉलेज मे बतोर प्रोफेसर है,जिसने समय यात्रा की खोजके पीछे अपने सारे पैसे और जीवनके बारह साल बिता दिये।अपनी पैतालिश सालकी उम्रमे कई सारे ऐवोर्ड,मेडल और कई सन्मान हासिल किए।मगर मनमे एक ही बातकी रट लगाए बैठा था की कैसे समय यात्रा करे और बाराह साल पीछे जाकर अपना बिता समय बापस ले आए ।मगर अब तो उसके पास नातों पैसे थे नातों कोई आसिस्टंट जो उसका साथ दे शके। कुछ लोग तो उसे पागल ही मानते थे।
“सर,ट्राय टू उंडरस्टेंड, एक बार मेरे प्रोजेक्टको देखलो ,मेरी डिजाइन देखलो,सर समय यात्रा संभव है। हमारे वेदो मे भी यह जिक्र किया है ,हमारे ऋषि मुनि ने भी यह सब किया है।मे भारत और नेपाल के बीच एक आश्रम है वहाँ एक साल रहा हु ,वेद ही हमारी सबसे बड़ी साइंस है।सर हम सफल रहेगे तो इतिहास बनादेंगे।“ अमित ने कहा।
अमित मे जानताहु तुम बड़े होशियार और महेनतू प्रोफेसर हो,क्यू अपना करियर बिगाड़ रहे हो?पिछले चार सालो से कोई स्टुडन्ट भी तुम्हारे गाइडन्सके लिए नहीं आया।मजबूरन मुझे तुम्हें कॉलेजसे निकालना ना पड़े।डिन रंगाने जवाब दिया।
अमित मायूस होके अपनी केबिनमे वापस चला गया।और अपनी रिसर्च देखने लगा।
दो दिन बाद....
अमित अपनी केबीन मे बैठाथा और दरवाजे पर कुछ दस्तक सुनाईदी और एक मीठी आवाज आई, “मे आई कम इन सर?” और एक सुंदर सी 26 से 27 सालकी लड़की जिसने नीले रंगका डीप नेक वाला टॉप और सफ़ेद रंग का ऐंकल पेंट और काले रंग की नोक वाली जूती पहेनि हुई थी।होठ के थोड़े उपरका तिल उसे और भी खूबसूरत बना रहा था ।अमित उसको एकही नजरसे देखता रहा और बोला, “ यस कम इन ,बैठो क्या काम है??
मैंने आपके बारेमे बहोत सुना है ,आपके हर रिसर्च पेपरस देखे और पढे है,आपका तो क्वोंटम फिजिक्समे तो जवाब नहीं।मे अपनी रिसर्च के गाइड के रूपमे आपको रखना चाहती हु। मे मालिनी, मालिनी पांडे उसकी आवाज मे उत्साह था।
“ लोग मेरे पीछे क्या क्या बोलते है पता है ? पागल-पागल बोलते है मुझे,अब तो कॉलेज वाले भी निकाल रहे है। मेरा और अपना वक़्त बर्बाद ना करो कोई और गाइड ढूंढ लो तुम,अमित ने थोड़े चिड हुए आवाज मे कहा।
सर, मैंने आपका ब्लॉग पढ़ा है आप इतिहास बनाने जा रहे हो। ऐसा कोई फिल्मोंमे ही देखा है की ऐसी कोई टाइम मशीन होती है मगर हकीकत मे जो ऐसा होगा तो मजा आ जाएंगा ।मालिनीने अपने हाथ फेलाकर कहा।
“मगर एक मुश्केली है, अगर यह प्रोजेक्ट के साथ मे तुम्हें गाइड करूंगा तो मेरा कॉलेजसे निकलना तय है। और लोग पागलोकी बिरादरिमे तुम्हेभी शामिल कर देंगे। हम दो प्रोजेक्ट बनाएँगे,एक तुम जो सबमिट करोगी और एक हमारा “समय साथी” प्रोजेक्ट। अमित ने मालीनिको कहा।
आगे क्या होता है जान ने के लिए जुड़े रहिये नियति के साथ...
क्रमश: