नियति ...can’t change by anybody - 5 PRATIK PATHAK द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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नियति ...can’t change by anybody - 5

सर प्रोजेक्ट के लिए आपको कितने रुपए की जरूरत है? माइकल ने पूछा है मालिनीने कहा
मतलब तूने हमारे प्रोजेक्ट के बारे में उसको बता दिया ? अमितने बेचैन होकर पूछा
नहीं नहीं सर मैंने नहीं बताया पर कितने रुपए चाहिए मालिनी ने पूछा
दो सों करोड़ अमित ने जवाब दिया
क्या दो सों करोड़? मालिनी की आंखें खुल गई और बोली कल मिलने बुलाया है माइकलने।
दूसरे दिन मीटिंग एक बड़े रिसोर्ट में थी मालिनी और अमित को बारी-बारी सिक्योरिटी ने चेक किया चारों ऑर गनके साथ सिक्योरिटी गार्ड तैनात थे मानो माइकल कोई बड़ा आदमी हो,वो एक बड़ी कुर्सी पर बैठा था ओर अपने पैर टेबल पर चड़ाकर एक महंगी सिगार को पी रहा था और अमित को देखकर बोला वेलकम,वेलकम टू माइकलस एंपायर। माइकल को देखकर अमित उसे देखते ही रह गया।
मनोहर पाठक उर्फ माइकल शहरके सब काले धंधे में उसका हाथ दारू से लेकर चरस,जुहा और स्मग्लारिंग का बादशाह, किड्नापिंग और खून उसके एक इशारे पर हो जाता है, नाम का बिल्डर पर बड़े-बड़े राजनेताओं और कई रईस का काला धन वाइट करना और सब के पैसों का हवाला उसके पास था। 6 फुट 2 इंच की ऊंचाई और कसरती शरीर,बड़े घुंघराले बाल और स्टाइलिश बढ़ी हुई दाढ़ी, स्टाइलिश कपड़े और कार का शौकीन और एक रंगीन मिजाज का आदमी काम विलन वाला पर लगता हीरो जैसा अपनी एक मासुका ग्लोरीया के इश्क में पड्कर मनोहर में से माइकल बना।

हाय मैं डॉक्टर अमित नायक अमितने हाथ मिलाते हुए कहा।
अरे डॉक्टर साहब आप को कौन नहीं जानता क्या खातेदारी कर सकता हूं मैं आपकी?
“दो सों करोड़, दो सों करोड़ चाहिए”। अमित ने कहा
“क्या दो सों करोड़ पॉलिटिक्स में उतरना चाहते हो या कोई आईलैंड खरीदना चाहते हो माइकल ने कुरसीसे खड़े होकर कहा।
अरे ऐसी कोई बात नहीं है एक रिसर्च के लिए चाहिए।अमित बोला
इतने सारे?कोई टाइम मशीन नहीं बना रहे हो ना? ऐसा सुनते ही अमित का मुंह खुला रह गया अरे डॉक्टर साहब मजाक कर रहा हूं कल आपको पैसे मिल जाएंगे। मगर पैसे समय पर वापस नहीं मिले तो माइकल अपने बाप का भी नहीं है यह बात याद रखना।
माइकल के रिसोर्ट में से बाहर आते वक़्त अमितने मालिनी से आश्चर्य से पूछा तुम कैसे जानती हो इतने पावरफुल आदमी को??
अरे सर वो छोड़ो लंबी स्टोरी है फिर कभी बताऊंगी आपको आपके पैसे मिल गए ना अब तो हम वो लेब में काम कर सकते हैं ना अब मैं ब्लूप्रिंट देख सकती हूं ना? मालिनी ने पूछा
हां हां क्यों नहीं पहले सब पार्ट्स तो मैं लेकर आऊ फिर मैं सब बना लूंगा और हां माइकल को बोलना इस अकाउंट नंबर मैं सब पैसे डाल दे। में दो दिन बाद रशिया जाने वाला हूं उसके बाद हम प्रोजेक्ट का इंस्टॉलेशन स्टार्ट करेंगे,अमितने बहोत शांतिसे मलिनिकों कहा।
मालिनी को ड्रॉप करके अमित अपने घर पर आया
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Good morning this is the announcement of the flight 39A2 Passengers for Moscow please have your boarding pass and passport for journey अनाउंसमेंट सुनते ही अमदाबाद एयरपोर्ट के वेटिंग बेंच में कच्ची नींदमें सोया हुआ अमित बोर्डिंग के लिए रेडी हुआ फ्लाइट में बैठते ही अपने आप में खोए हुए अमितने खुद को ही बात करने लगा,“क्या कर रहे हो अभी और कितने दुश्मन बनाओगे अपने?” “बस एक बार बदला लेलूं। मेरा प्यार मेरा पैसा सब कुछ लूट लिया है उस आदमी ने आजभी वैशालिकी चीख मुझे सुनाई देती है आजभी उसकी यादें मुझे रुलाती है, मुझे सोने नहीं देती है”। पर कैसे लेगा तू बदला उसके पाले हुए दो भेड़िए अभी तेरे पीछे हाथ धोकर पड़े हैं।
Excuse me sir would you have tea or coffee? खूबसूरत एयर होस्टेस की खूबसूरत आवाज ने अमित को अपने आप में खोए हुए मै से जगाया। नो थैंक यू आई एम फाइन, अमित ने जवाब दिया और फिर सोने की कोशिश करने लगा मॉस्को में प्रस्थान करने के बाद अमित वहां एक आदमी से मिला।
अमित उस आदमी से गले लगा और वह आदमी ने कहा कैसे हो? वेलकम टू मॉस्को।
बस ठीक हूं मैं अमित ने जवाब दिया।
चलो घर पर तुम्हारा कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा है। घर पर जाते ही घर का दरवाजा खोलतेही अमित की आंखों में एक सुकून सा आ गया उसके सामने उसकी 13 साल की लड़की उसका बेसब्री से इंतजार कर रही थी और बोली “पापा आप आ गए कितना इंतजार करवाया आपने? मैंने आपको बहुत मिस किया”,अमित ने उसकी लड़की को गले लगाया और कहा मैंने भी बेटा तुमको बहुत मिस किया।
भाई तुम अब थोड़ी देर आराम करो बाद में खाना खाते हैं वह आदमी जो अमित का भाई था उसने बोला।
थोड़ी देर आराम करने के बाद तीनों ने खाना खाया। खाना खत्म होने के बाद अमितके भाई आशीष ने बोला, “भाई अब कितना समय इंडिया में निकालोंगे यहां आ जाओ ना”। बस थोड़ा वक्त बाकी है फिर फिर मैं आजाद एक बार बदला ले लूं मैं अपना। यह कुछ चीजें है कल उसको खरीदना है और इंडिया कुरियर करना है अमितने आशीष को कहा। चीजों की लिस्ट देखते हुए आशीष ने कहा यह सब चीजें तो इंडिया में भी मिल सकती है तो यहां से क्यों? क्या प्लान है भाई साहब? प्लान तो समय और दिमाग की माया जाल है।अमित बोला “और आपका वह टाइम मशीन।?”-आशीष “वह तो मैंने कब का बना कर नष्ट कर दिया है गुरु जी का आदेश था और अगर इसको कोई गलत इंसान इस्तेमाल करता तो इतिहास बदल जाएगा जो न होना है वो हो सकता है अमित ने कहा। आपने कभी उसे इस्तेमाल नहीं किया भैया?
मैंने किया पर हम नियति को नहीं बदल सकते हैं आशीष,मैं अतीत में जा शका पर कुछ कर नहीं शका मगर उन सब को देख लिया है जिसने हमारी जिंदगी से बहुत कुछ छीन लिया है। आज मां-पापा वैशाली,पायल और नक्श जिंदा होते तो हमारा परिवार कितना खुश होता। वो तीन लोग हैं दो मेरे और एक तुम्हारा दुश्मन तीनों आपस में मिल हुए थे।
“मेरा दुश्मन कौन?आशीष ने पूछा
सब बाद में बताऊंगा मगर अभी के लिए यह सब चीजें और दो सों करोड़..... अमित की बात कटते हुए आशीष बोला, “दो सों करोड़ आशीष की आंखें खुली ही रह गई भाई साहब करना क्या चाहते हो आप?”
सब बताऊंगा तुझे बस 1 महीने के अंदर दो सों करोड़ इस अकाउंट नंबर पर डाल देना चिंता मत करना स्विस बैंक अकाउंट है ।
दूसरे दिन अमित और आशीषने सब चीजे खरीदी और मालिनी के पते पर सब कूरियर करवा दी और 10 दिन अमितने मॉस्कोमे अपने भाई और बेटी के संग समय बिताया तब तक कुरियर मालिनी के घर पर पहुंच चुका था। अमित मॉस्को से नेपाल गुरु जी के आशीर्वाद लेने के लिए गया बर्फ की वादियों में एक बड़ा सा आश्रम, आश्रम की एक छोटी सी कोठी में एक योगी समाधि में बैठे हुए थे और अमित उन्हें दूर से ही प्रणाम कर के सामने बैठा। कुछ देर बैठने के बाद गुरुजी गुस्से में बोले, “कर लीना अपनी मनमानी। कहा था मैंने तुम नियति को नहीं बदल सकोगे”। माफी चाहता हूं गुरुजी पर मैंने उसका एक ही बार प्रयोग करके उसको नष्ट कर दिया है उसके कागज भी जला दिए हैं बस एक बार वो खूनी दरिंदो को देखना चाहता था।दो हाथ जोड़ के अमितने गुरुजी को कहा । मेरा आशीर्वाद तेरे साथ है तू जो करने जा रहा है उसमें बहुत जान की संभावना है जोभी कर वो ध्यान से करना गुरजीने अमितको कहा।
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आखिर अमित क्या करने जा रहा है ? जानने के किये जुड़े रहिये नियति के साथ