सूर्या उस बाग में लहराते फूलो में उस टूटे भाले के हिस्सेको ढूंढता रहा थोड़ी देर बाद सूर्या हवा में गायब हो गया.
सूर्या त्या थोड़ी गड़बड़ लगी।और अचानक चारो ओर से बड़े बड़े पत्थर निकल कर सूर्या की ओर आने लगे। सूर्या ने अपनी जादुई शक्तियां से उन पत्थरों को रोकने की कोशिश की तो उल्टा उन पत्थरों की गति दुगनी हो गई. उनसे बचने के लिए सूर्या ने अपने चारो ओर एक जादुई दायरा बनाया .
जेसे ही वो पत्थर उस जादुई दायरे को टकराते वही पर खत्म हो जाते थे. अचानक एक बहुत ही शक्तिशाली और बड़ा पत्थर उस जादुई दायरे से टकराया
जादुई दायरा टूटा तो नही पर उस पहाड़ जैसे पत्थर के टकराने से सूर्या बहुत दूर एक गड्ढे में गिर गया.
वो गड्ढा कुएं से भी अधिक गहरा था. जब सूर्या छैक नीचे पहुंच गई. वहा पर एक रास्ता दिखा. सूर्या सोच में पड़ गया कि जमीन के भीतर इतनी गहराई में ये रास्ता बनाया किसने . खेर जिसने भी बनाया हो हमे क्या ये सोच कर सूर्या उस रास्ते से आगे बढ़ा...
और वो अपने आप से बात करने लगा की एक बार मुझे उस जादूगर ध्यानचंद का खेल समझ आ जाए तो फिर में उसकी वो हाल करूंगा कि वो खुद नही सोच सकता ये बोल कर सूर्या थोड़ा मुस्कुराया.....
और उस तरफ सूर्यगढ़ में सूर्या के अब्बू हजरत अली खान को सुल्तान महमूद मदनी साहब के दरबार मे लाया गया इनके साथ सीतल भी गायब हो कर आ गई थी. और वो जादूगर ध्यानचंद को लग रहा था कि सूर्या अब उसका गुलाम है...
दरबार मे अली खान से पूछा गया की तुम्हारा पुत्र सूर्या जादू जानता है और ये तबाई भी उसी ने मचाई है..
ये बात जादूगर ध्यानचंद अपनी जादुई शक्तियां से देख रहा था ओर अपने आप से बोला की अब चलो ये बोल कर वो हवा में गायब हो गया और सुल्तान महमूद मदनी साहब की दरबार मे प्रगट हुआ .. ये देख कर सब दर गए की ये नया कोन आ गया . जादूगर ध्यानचंद ने हस कर बोला की में इस दुनिया का सबसे बड़ा जादुई शक्तियां रखने वाला जादूगर हु.
बस इतना बोल कर उसने एक चुटकी बजाई और वो जादूगर ,अली खान और सीतल तीनो वहा से गायब हो गई... जब वो घर पहुंचे तब अली खान ने पूछा कि आपने हमें क्यों बचाया..
जादूगर ध्यानचंद बोला कि तुम सूर्या के अब्बू हो और वो मेरा काम कर रहा है तो मेरी भी कुछ जिम्मेदारियां बनती हैं ऐसा बोल कर वो अपने ठिकाने पर पहुंच गया.
और उस तरफ सूर्या का भेटा एक नागिन से हो गया .. सूर्या ने नागिन से पूछा कि आप कोन हो ..
नागिन बोली मेरा नाम नमीना है... और तुम यहां वो भाले का टुकड़ा लेने आए हो...
सूर्या ने कहा कि हा ने वही लेने आया हु क्या आप मुझे भाले का टूटा टुकड़ा दे सकती हैं..
हा, नमीना बोली
वो टूटा टुकड़ा एक बक्से में है पर वहा पर एक बड़ा हैवान रहता है तुम्हे वहा संभल कर रहना होगा...
नमीना अपने भाई को पहचान गई थी
सूर्या ने कहा कि ठीक है में वहा संभल कर रहूंगा चलता हूं ये कहे कर वो हवा में गायब हो गया... सूर्या जब उस बक्से के पास पहुंचा की उस हैवान ने सूर्या पर आक्रमण कर दिया वो अपनी बाजुओं की शक्ति से प्रहार करता था...
पर सूर्या भी राजकुमार था वो भी कम नहीं था .. सूर्या ने अपनी जादुई शक्तियां से एक ही वार में उस हैवान का काम तमाम कर दिया.
पर लड़ते बख्त सूर्या के हाथ पर चोट आ गई थी.
सूर्या ने देखा की उस हैवान का शव एक बक्से में बदल रहा था.. थोड़ी देर में वो शव पूरी तरह से बक्से में बदल गया. उस बक्से पर एक चमकदार हीरा था उसकी चमक इतनी थी की पूरी गुफा में उजाला हो गया .
सूर्या ने अपने हाथ से टपकता लऊं को उस हीरे पर फेका की वो बक्सा खुल गया और उसने एक टूटा टुकड़ा था . जेसे ही वो टुकड़ा सूर्या ने अपने हाथ में लिया की वो गुफा गिरने लगी सूर्या के पास समय नहीं था की वो ठीक से टुकड़े को देख सके उसने एक चुटकी बजाई और वहा से हवा में गायब हो गया और वो अपने घर वापस जाने लगा.