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थप्पड़

" हाय दीदी।"उमेश शाम को ऑफिस से लौटा तो प्रिया को देखकर बोला,"न कोई फोन,न चिट्टी अचानक कैसे आना हुआ?"
"तू इस फोटो को देख,"उमेश की बात का जवाब न देकर उसके हाथ मे एक फोटो को पकड़ाते हुए बोली,"यह लड़की कैसी है?"
",बीयूटीफुल।सुन्दर है,"फोटो को देखकर उमेश बोला,"किसकी फोटो है?"
"मेरी ननद की जेठानी की बेटी नताशा की है।बी टेक है।"प्रिया ने फोटो के बारे में बताया था।
"तो क्या नताशा के लिए लड़का देखने के लिए आई हो?"
उमेश ने अपनी दीदी से पूछा था।
"लड़का तो देखा हुआ है,"प्रिया बोली,"ननद की जेठानी अपनी बेटी की शादी तुमसे करने के लिए तैयार है।"
"मुझसे?"दीदी की बात सुनकर उमेश आश्चर्य से बोला,"मैं टी विवाहित हूँ।"
"अर्चना को तलाक देकर नताशा से शादी कर लो।"
"तलाक दे दूं।क्यों?"उमेश ने प्रश्नसूचक नज़रो से देखा था।
"अर्चना बांझ है।वह खानदान की बेल को आगे नही बढ़ा सकती।"
"दीदी यह आप कैसे कह सकती है?"
"तुम्हारी शादी को पांच साल हो गए।अगर अर्चना बांझ नही होती तो अब तक माँ बन चुकी होती,"प्रिया अपने भाई को समझाते हुए बोली,"तुम अर्चना को तलाक देकर नताशा से शादी कर लो।"
"दीदी आपकी शादी को तो सात साल हो गए,"अपनी दीदी की बात सुनकर उमेश बोला,"फिर तो जीजाजी को भी---
उमेश ने बात को अधूरा छोड़ दिया था।लेकिन उसकी बात का आशय समझते हुए उसे ऐसा लगा मानो भाई ने थप्पड़ मार दिया हो
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सिंदूर

"नेहा तुमने पहली मुलाकात में ही मेरे दिल मे जगह बना ली थी।"संजय लेक्चरार था।नेहा उसके कालेज में नई आयी थी।नेहा लम्बे कद, छरहरे बदन और तीखे नेंन नक्श की सुंदर युवती थी।पहली मुलाकात मे ही संजय के दिल मे कुछ हुआ था।समय गुज़रने के साथ वह उसे चाहने लगा।प्यार करने लगा।और एक दिन संजय ने अपने दिल की बात कह ही दी।
"तो?"संजय की बात सुनकर नेहा बोली।
"मैं तुम्हे अपनी बनाना चाहता हूँ।"
"समझी।"
"क्या समझी?"
"तुम्हे मेरे गोरे सूंदर शरीर से प्यार हो गया है और तुम इसे पाकर उपभोग करना चाहते हो।"
"तुम मेरी बात का गलत अर्थ लगा रही हो,"संजय बोला,"मैं तुम्हे पाना चाहता हूँ।मतलब शादी करना चाहता हूं।"
"तुम विवाहित हो फिर मुझसे कैसे शादी करोगे?"नेहा बोली,"एक पत्नी के रहते दूसरी शादी कानूनन अपराध है।"
"मालूम है,"संजय बोला,"तुमसे शादी करने से पहले रेखा को तलाक दे दूंगा।"
"आखिर तुमने अपने दिल की बात कह ही दी।हर मर्द सुंदर औरत का जिस्म का उपभोग करना चाहता है।उपभोग कर चुकने के बाद ,वो ही औरत उस मर्द को कुरूप और नीरस दिखाई देने लगती है।मर्द की यह स्वभाविक मानसिकता है,"नेहा,संजय के दिल की बात जानकर बोली,"आज तुम मेरे लिए अपनी पत्नी को छोड़ने के लिए तैयार हो।भविष्य में तुम्हे कोई और पसंद आ गई तो मुझे छोड़ दोगे।"
"तुम मुझे गलत समझ रही हो।"
"सब मर्दो की फितरत एक सी होती है,"
नेहा की सूंदरता ने मानव का मन मोह लिया।वह उसे चाहने लगा।प्यार करने लगा।नेहा उसके प्यार को समझ नही पाई।और उसकी प्यार भरी मीठी बातो में आकर उससे शादी कर ली।मानव,नेहा के रंग रूप और सूंदरता का दीवाना था।रात दिन पत्नी के रंग रूप और सूंदरता कि तारीफ करते हुए नही थकता था।लेकिन शादी के दो साल बाद ही मानव को नेहा नीरस लगने लगी।क्योंकि उसकी जिंदगी में श्रेया आ चुकी थी।उसे अपना बनाने के लिए मानव ने नेहा को तलाक दे दिया।
अपना अतीत याद करके नेहा की आंखे नम हो गई।
"तो तुम तलाकशुदा हो?"
"एज मर्द द्वारा उपयोग करने के बाद ठुकराई औरत,"नेहा बोलू,"श्रेया ने मेरी मांग के सिंदूर से अपनी मांग सजा ली थी।लेकिन मैं अपनी मांग भरने के लिए रेखा की मांग का सिंदूर नही लुंगी।"
नेहा की बाते सुनकर संजय का सिर शर्म से झुक गया।




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