मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 3 Vishnu Dabhi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • आई कैन सी यू - 39

    अब तक हम ने पढ़ा की सुहागरात को कमेला तो नही आई थी लेकिन जब...

  • आखेट महल - 4

    चारगौरांबर को आज तीसरा दिन था इसी तरह से भटकते हुए। वह रात क...

  • जंगल - भाग 8

                      अंजली कभी माधुरी, लिखने मे गलती माफ़ होंगी,...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 51

    अब आगे मैं यहां पर किसी का वेट कर रहा हूं तुम्हें पता है ना...

  • तेरे इश्क मे..

    एक शादीशुदा लड़की नमिता के जीवन में उसने कभी सोचा भी नहीं था...

श्रेणी
शेयर करे

मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 3


सुल्तान महमूद मदनी साहब ने कई दिनों तक चाल बाजी की पर वो सूर्या को नहीं मार पाए। पर उल्टा सूर्या पर हमले करवाके सूर्या को और ज्यादा शक्तिशाली बना दिया। सूर्या की तालीम हो गया। हजरत अली खान एक दिन वो अपने गुरु को मिलने के लिए बाहर गए थे।
रास्ते में एक बड़ी गुफा अली खान को दिखी। इस गुफा को अनदेखा कर के केसे ही अली खान आगे की ओर बढ़े तो उस गुफा से आवाज आई अली खान यहा आओ जरा। अली खान पहले तो गभरा गए। और थोड़ी देर तक वहा पर रुक गए।
फिर एक बार गुफा ने अली खान को अंदर आने की बिनती की। अली खान दबे गुफा के अंदर जाने लगे उन्होंने अपनी समसीर निकाली और वो गुफा में प्रवेश किया।वहा गए और जो देखा उससे दंग रह गए। उन्होंने देखा की वहा पर सालों से एक नागिन कैद थी।
अली खान ने कहा कि आप कोन हो। और हमे केसे जानती हो।
नागिन ने अपना सिर ऊपर किया और कहा कि में नागिन नही थी।
या खुदा !नही थी। अली खान ने पूछा। तो कोन है आप और यहां पर क्यों ।
सुंदर चहेरे से मोती केसे आसू निकल आया।और नागिनी बोली कि में अमृजाबाद की सुल्ताना हु और वहा के दुश्मनों ने मेरी ये हालत की है।
ये सब तो ठीक है पर आप हमे कैसे जानती हो। अली खान ने पूछा।
अब मैं अंतर्यामी बन चुकी हूं। में किसी से कुछ भी बिना पूछे जान सकती हूं कि मेरे सामने कोन है।
अली खान ने अपने हाथ में समसिर लेकर नागिन को वहा से आजाद किया ।
नागीन बोली भाई आपको जो चाहिए वो मांगो।
अली खान ने हस कर कहा कि आप पहले मुझे भाई कहकर बुलाते है और दूसरी तरफ मदद करने का इनाम मांग ने कहे रही हो।
नही आपको कुछ तो मांगना होगा वरना मैं फिर से वहा पर कैद हो जाऊंगी। नागिन ने कहा।
अली खान बोले तो ठीक है आपन मुझे भाई मानती हो इस लिए आजसे तुम हमारे साथ हमारे घर रहोगी।
सच!. नागिन बोली।
तो ठीक है पर मुझे मेरा होलिया बदल ना पड़ेगा। ऐसा कहेकर नागिन एक चुटकी बजाती है और वो एक सुंदर कन्या के रूप मे बदल जाती है
ये देख कर अली खान ने कहा कि क्या तुम हमारे लिए एक हवा में उड़ वाली कोई वस्तु बना सकती है।
हा बिलकुल ! यू काहेकर नागिन ने अपना हाथ आगे कि और किया तो उनके पास जादुई कपड़ा आगया।
इस कापड़ को नागिन ने जमीन पर बिछाया और दोनो उस पर चढ़ गए। और वो कपड़ा हवा उड़ने लगा
रास्ते में अली खान ने पूछा कि तुमारा ना क्या है।
नागिन ने कहा कि मेरा नाम सोभाग्या है। बाद में सोभाग्या ने हस कर कहा कि भाईजान आप कितने समय से मेरे साथ हो पर आप को हमारा नाम तक पता नहीं। थोड़े देर के बाद सोभाग्या ने कहा कि सूर्या कोन है। मुझे ये क्यों लग रहा है कि वो तुम्हारा तो पुत्र नही है।
हा वो मेरा पुत्र नही है। पर वो सुल्ताना मित्रा का पुत्र है। हजरत अली खान ने कहा।
क्या मेरी बहन का पुत्र सोभाग्या ने कहा।
तुम्हारी बहन । अली खान ने कहा। वो आपकी बहन थी। पर खुदा ने उनके साथ बहुत ही बुरा खेल खेला था।
पर हमारा सम्राट सूर्यसिंग केसे है । सोभाग्या बोली।

सम्राट ये कैसा नाम है। अली खान बोले।
हा ये नाम हमारे मायावी भाईजान ने रखा था । और आगे चलकर वो एक बड़े योध्या भी बनेंगे । इसी भविस्यवानी की थी।
अरे हा सूर्या तो जादूगर है वो छोटे मोटे जादू भी जानता है। अलीखान बोले।
हा वो उनकी बहन ने दिया था।