जिंदगी - 2 Jay Khavada द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 47

    पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स को एक औरत बार बार दिखती...

  • इश्क दा मारा - 38

    रानी का सवाल सुन कर राधा गुस्से से रानी की तरफ देखने लगती है...

श्रेणी
शेयर करे

जिंदगी - 2

ए कहानी उस कहानी से थोड़ी सी अलग ही हे । किसी शहर में दो भाई रहते थे। उनमें से एक शहर का सबसे बड़ा बिजनेसमैन था तो दूसरा निठल्ला और शराबी था। लोगों को उन्हें देखकर हैरत होती थी कि आखिर दोनों में इतना अंतर क्यों है?

जबकि दोनों एक ही माता-पिता की संताने हैं। एक जैसी शिक्षा प्राप्त हैं और बिलकुल एक जैसे माहौल में ही पले-बढ़े हैं। कुछ लोगों ने इस बात का पता लगाने का निश्चय किया और शाम को भाइयों के घर पहुंचे।

अंदर घुसते ही उन्हें नशे में धुत एक व्यक्ति दिखा। वे उसके पास गए और पूछा, भाई तुम ऐसे क्यों हो? तुम बेवजह लोगों से लड़ाई-झगड़ा करते हो? नशे में धुत होकर अपने बीवी-बच्चों को पीटते हो। आखिर ये सब करने की वजह क्या है?

मेरे पिता- भाई ने उत्तर दिया।

वो कैसे? लोगों ने पूछा।

भाई बोला, मेरे पिता शराबी थे। वे अक्सर मेरी मां और हम दोनों भाइयों को पीटा करते थे। ऐसे में तुम लोग मुझसे और क्या उम्मीद कर सकते हो? मैं भी वैसा ही हूं। फिर वे लोग दूसरे भाई के पास गए।

लोगों ने उससे भी वही प्रश्न किया। आप इतने सम्मानित बिजनेसमैन हैं। सभी आपकी प्रशंसा करते हैं। आखिर आपकी इसकी वजह क्या है?

मेरे पिता- उत्तर आया। लोगों ने आश्चर्य से पूछा, भला वो कैसे?

मेरे पिता शराबी थे। नशे में वो हमें मारते-पीटते थे। तभी मैंने निश्चय कर लिया कि मैं वैसा बिल्कुल नहीं बनना चाहता। मैं नहीं बना। भाई ने अपनी बात पूरी की।

जीवन में जो कुछ भी घटता है उसके दो पहलू होते हैं, एक अच्छा और दूसरा बुरा। जरूरत इस बात की है कि हम अच्छे पर ध्यान दें और उसी से प्रेरणा लेने की कोशिश करें।


जिंदगी के 5 नियम जो आपको सफल बनाते है


1) भीड़ से हटकर चलो -

हर किसी के अन्दर कोई न कोई हुनर जरुर होता है. इंसान को अपने अंदर छुपे उस हुनर को पहचानना चाहिए. अपने उसी हुनर या Skill को Follow करते हुए अपनी जिंदगी को एक नया मुकाम देना चाहिए. लेकिन बहुत से लोग ऐसा नहीं कर पाते. वो दुनिया की भीड़ में कही खो जाते है. जिंदगी का नियम यही कहता है की जो दुनिया करती है उसे ध्यान में ना रखते हुए, आपके अंदर जो हुनर है


2) कभी सीखना ना छोड़े -

जिंदगी का हर एक पल हमें कुछ न कुछ जरूर सिखाता है. जिंदगी में कोई भी घटना होती है तो उसके पीछे कोई कारण और कोई न कोई सीख जरूर होती है. हमें हमेशा सीखते रहना चाहिए, जो भी हमारी जिंदगी में होता है उससे सिख कर, आगे की Planning करनी चाहिए. हमेशा सीखने की चाहत रखना, जिंदगी को और आसान बना देता है.




3) दूसरों से तुलना मत करो -

सफलता हर किसी को पसंद होती है. व्यक्ति अपने जीवन में सफल होने के लिए बहुत कड़ी मेहनत भी करता है.लेकिन कुछ लोग एक गलती कर बैठते है. वो खुद की तुलना दूसरों से करने लगते है. खुद की तुलना दूसरों से करने में हमारा आत्मविश्वास कमजोर होता है और हम अपने काम को ठीक ढंग से अंजाम नहीं दे पाते. हमें अपने काम में लगे रहना चाहिए, दूसरों की सफलता या उनकी उपलब्धियों से खुद की तुलना करना गलत है. जिंदगी का नियम यही कहता है कि “महल की तुलना अपने घर से करोगे तो तुम्हारा घर छोटा ही दिखेगा, लेकिन महल को भूलकर अपने घर में तुम राजा बन के जियोगे तो तुम्हारे जीवन में कभी उदासी नहीं आएगी.”




4) कभी हार मत मानो -

अगर व्यक्ति खूब मेहनत करता है लेकिन फिर भी उसे अपनी मेहनत का फल नहीं मिलता है तो वो हार मान लेता है. जिंदगी का नियम ऐसा करने के बिल्कुल खिलाफ है. मेहनत करने के बाद भी अगर आपको असफलता मिली है, तो हार मत मानिए पूरी ऊर्जा के साथ फिर से अपने काम में जुट जाइये

5) सोच के सागर से निकलो -

अपनी जिंदगी के बारे में हर कोई अच्छा ही सोचता है. जीवन को बेहतर बनाने के लिए लोग Planning करते है. हर कोई सोचता है की मैं कड़ी मेहनत करूंगा/करुँगी तो अपने जीवन में सफल बनुगा/बनुगी. लेकिन जिंदगी का नियम कहता है की केवल सोचने से ही कुछ नहीं होता. अगर हमें सफल होना है तो हमें मैदान में उतरना ही होगा. कुछ लोग केवल अपने जीवन के बारे में सोच-सोच कर ही आधा जीवन बर्बाद कर देते है. किसी चीज के बारे में Limit से ज्यादा सोचना हमारे फैसले और आत्मविश्वास को कमजोर बनाता है.