अघोरी का शाप - अंतिम नवीन एकाकी द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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अघोरी का शाप - अंतिम

समय के साथ साथ वो सब भूल गयी। बाबा के पिता ने भी उसे कुछ भी न बताया और वो भी अपनी गृहस्थी में रमने की कोशिश करने लगा। उस अघोरी को वो कभी नही भूला था और न ही उसकी कही बातों को। वो हमेशा अंदर से डरा ही रहता अपने आने वाले बच्चे के बारे में सोच कर पर इसे नियति का खेल मानकर अपने को झूठी तसल्ली देता रहता।

सही समय पर बालक ने जन्म लिया और धीरे धीरे सभी बच्चों की तरह ही बड़ा होने लगा वो पूरी तरह स्वस्थ और बुद्धिमान था। पर जैसे ही उसको कपड़े पहनाए जाते वो कमर के नीचे कुछ भी पहनने से इनकार कर देता, जबर्दस्ती कुछ पहना भी दो तो उसे तुरंत उतार फेकता। बहुत कोशिश करने के बावजूद उसने कभी भी नीचे कोई कपड़ा नही पहना। उसकी माँ हमेशा परेशान रहती उसे पीट भी देती पर उसपर कोई असर न होता।

एक दिन बाबा के बाप ने अपनी पत्नी को अघोरी की वो सारी बात बता दी और साथ ही साथ उसके शाप के बारे में भी। और उसे उस अघोरी के चरणों की वो धूल भी दिखाई जो वो वँहा से उठकर लाया था। उसे वो हमेशा कंही छुपा के रखता था।

बाबा की मां अब नही रही पर उस अघोरी का शाप सत्य साबित हुआ और वो मरते दम तक अपने आपको कोसती रही। अक्सर वो रो रो कर गांव की औरतों से उस अघोरी के शाप के बारे में बताती रहती, कुछ मानते तो कुछ उसकी रची कहानी समझ उसका मजाक उड़ाते। ये सब बातें बालक बाबा को भी सुनने को मिली पर उसने कभी भी अपने माँ बाप से कुछ नही पूंछा। कभी कभी वो सोचता तो था कि आख़िर वो क्यों ऐसा करता है, क्या कारण है कि वो नीचे से नग्न ही रहना पसंद करता है ? पर जब कोई जवाब न मिलता तो सोचना बंद कर देता।

अब तो बाबा के पिता भी गुज़र गए। उनके गुजरने के बाद बाबा ने वो चरण धूल बहुत ढूंढा पर उसे कभी न मिली, वो भी जैसे गायब हो गयी उसी अघोरी की तरह।

बाबा की उम्र के साथ साथ उसकी कमर के नीचे कुछ न पहनने की ज़िद भी उतनी ही मजबूती से बढ़ती गयी और आज भी वो कभी कमर के नीचे कुछ नही पहनता, हमेशा अपनी नग्नता को ढकने के लिए लम्बे लम्बे कुर्ते ही पहनता है।

ये थी बाबा की कमर के नीचे कुछ न पहनने की अजीबोगरीब व रोमांचक कहानी...अब क्या सच है या क्या झूठ ये ईश्वर जाने पर वो बाबा आज भी वैसा ही रहता है जैसा उस अघोरी ने शाप में कहा था....कमर के नीचे से पूरी तरह नग्न....

ये आपके विवेक पर निर्भर करता है कि आप इस घटना को सत्य समझते हैं या सिर्फ एक दंतकथा की तरह मानते हैं पर मैं सिर्फ यही कहूंगा कि मेरा मकसद किसी तरह का अंधविश्वास फैलाना नही है परंतु मैं ये ज़रूर मानता हूं कि "ईश्वर ही सत्य है और वो हर कंही है... जो भी होता है उसी की मर्ज़ी से होता है"...🙏🏻

(ये एक जीवंत पात्र से जुड़ी सत्य घटना है कोई काल्पनिक कहानी नही, आज भी वो बाबा अपने गांव में ही रहता है)

🕉️हर हर महादेव🔱

#एकाकी