The Author Appa Jaunjat फॉलो Current Read दिलसे प्यार तक - भाग-२ By Appa Jaunjat हिंदी लघुकथा Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books प्रेम कहानी के पात्र यूँ तो कई मसले निज़ी किस्म के होते हैं पर कई बार वो बा- वजह... डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 58 अब आगे,अब खुशी अपनी कार को पार्किंग में लगा कर उस को लॉक कर... लड़के कभी रोते नहीं आया था मैं जब दुनिया में,मां बाप मेरे थे मुस्करा उठे ।इकलौता... इंद्रधनुष उतर आया... 2 "अरे तीन महीने तो एक-दूसरे को समझने में ही निकल जाते हैं। इं... किस्मत की डोरी से बंधे दिल 1.किसी के रंग में रंगने से अच्छा है, अपनी पसंद के रंगों का ख... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Appa Jaunjat द्वारा हिंदी लघुकथा कुल प्रकरण : 2 शेयर करे दिलसे प्यार तक - भाग-२ (1) 1.2k 5.2k काहाणी शुरु करते हे हमणे पिछले अध्याय मैं देखा कि मानसी पोलिस बन जाती है तब शुभम बोलता हे मानसी तुमणे तुम्हारी मा का सपना पुरा कर दिया लेकिन मेरी और एक काम बाकी है तुम्हारी शादी तब मानसी बोलती हे नही मे शादी नही करोगी तब शुभम बोलता हे कभी ना कभी तो तुम्हे शादी करणी होगी तब वो बोलता हे घरमे तुम और सोनाली हो अब मेरा भी वक्त आगया हे तब शुभम मर जाता है तब मानसी बोलती हे पापा दो साल बाद मानसी गुंडे लोग को मार रही थी तब वाहा पे एक लडका आता हे उसका नाम सागर था तब वो बोलता हे मानसी बस होगया तब मानसी बोलती हे नही सर इन लोगो ने एक लडकी को छेडा हे तब वो बोलता हे चलो तब वो बोलता हे मे तुमसे बोहत प्यार करता हो तब वो बोलती हे नही मुझे देखणे लडके वाले आणे वाले है तब मानसी घर जाती हे और सागर भी घर जाता है तब उसकी मा राणी बाई बोलती हे चलो तब वो मानसी के घर आते है तब सोनाली बोलती हे आइये तब राणी बाई बोलती हे हमे लडकी से मिलना हे तब आती है मानसी तब सागर बोलता हे मुझे इसके साथ ही शादी करणी हे तब राणी बाई बोलती हे शादी कि तयारी शुरु करु दस दिन बाद मानसी और सागर कि शादी हो जाती है तब उसकी मा बोलती हे चलो खाना बनावो और घर के सारे काम करलो तब मानसी सब काम करती है तब मानसी काम केलिए निकलती हे तब राणी बाई बोलती हे कहा जारही हु तब वो बोलती हे काम केलिए तब वो बोलती हे ठिक है सागर भी काम केलिए जाता है तब वाहा आती है सागर की बेहन और वो बोलती हे मा मेरा मोबाईल इस मानसी ने तोड दिया हे तब मानसी बोलती हे तुमणे फोन फोडा हे और मुजपे इलजाम लगा रही हो तब राणी बाई नंदिनी को मार ती है तब नंदिनी एक प्लेन बनाती हे तब वो गुंडे के पास जाती हे तब वो उसे छेडते हे तब मानसी उन गुंडो को मार देती है तब दोनो घर जाते हे तब राणी बाई बोलती हे ये क्या होवा तब मानसी बोलती हे कोछ गुंडे इसे छेड रहे थे तब मेने इसे बचा लिया तब मानसी पोलिस स्टेशन जाती हे वाहा पे उनका बाॅस आता हे और वो बोलता हे भारत मे बोहत आतंकवादी आगए हे तब मानसी बोलती हे तो हम उन्हे मार सकते हैं तब सागर बोलता हे उन्होंने हर जगह बाॅम लागाए हे तो हमे वो निकालणे होगे तब वो सब बाॅम निकालणे जाते हे तब हे तब मानसी का पेर एक बाॅम पे पडता है तब सागर मानसी को बचा लेता हे तब वाहा पे कोछ आतग वादी गोली मानसी को मारते हे तब मानसी को गोली लगती हे तब मानसी सबको मार देती है तब सागर बोलता हे सब मरगए तब वो Hospital जाते हे तब वाहा सागर का बॉस आता हे और बोलता हे तुम्हे और सागर को बडा पुरस्कार मिलेगा तब दो महिने बाद मानसी को और सागर को बच्चा हो जाता है तब उन्हे पुरस्कार मिलता हे . THE END ‹ पिछला प्रकरणदिलसे प्यार तक Download Our App