एक अजनबी से मुलाकात Atul Baghresh द्वारा क्लासिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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एक अजनबी से मुलाकात


रोज़ की तरह में वाक करने
घर से पार्क के लिए निकल रहा ता
हीड्फोने उठए, शूज पेह्ने
ओर निकल गया घर स।

तोडे देर पार्क में वाक करने के बाद
मे अपनी जगह बैठने गया
मेने देखा जहा में बेठता हु उधार ही
पास में आज कोई और भी बेठा है
मे भी जा के साथ में वहि बेथ गया।

मे अपने फ़ोन में मगन था
आउर मेरे बगल में जो बेठी थी
ओ बस एक ही तरफ देखे जा रही थी

ताभी धीमी सी आवाज में उसने पूछा मुझसे
तिमे क्या हो रहा है
मेने कहा ८ बाजे है अभी
उसने मैं मैं में बोल
आब चलना चाहिए ज़ायदा लेट हो गया है

उसकी आँखें चमक रही थी ौर
काफी लाल भी थी
एसए लग रहा था की शायद कितना रोई हो अभी
आवज में भी ख़राश थी
ओर चेहरा भी उदास था
आंसूं पॉच पॉच के मानो ुस्क
काजळ भी फाइल गया थ

वक्त वक़्त पे ऐसा लग रहा था की
सिस्कियाँ भर रही हो
एक दर्द था उसकी आँखों मे
जी उसका हाल जनने के लिये
ओ मुझे मजबूर कर रही हो

मेने सोचा पुछ्लऊ क्या स
की ारे यु ओके ?
लेकिन फिर मुझे वो अपना
एक बस वाला किस्सा याद आ गया
जाः ऐसे ही एक लड़की थी
जीस्के साथ में बस में बेठा त
ओ भी बहुत देर से रोये जा रही थि
तो मेने उससे पूछ लिया त

ओर फिर जो उसने जवाब दिया
व मेरे दिमाग से अब तक नहीं निकला
एक मूवी देख रही थी
इस्लिये थोड़ा इमोशनल हो गायी
आपको क्या मतलब है
आप अपना काम करो ना

कयूंकि आज कल किसी से कुछ पूछना भी बेकार है
पता नहीं किसका क्या रिएक्शन होगा
आउर हो सकता है ये भी कोई मूवी देख कर ही आई हो
लाद्कियो का कुछ भरोसा भी तो नहीं है ना

मे उठके जाने लाग, लेकिन फिर सोचा ीार
पच ही लेना चहिये
स मुझे एक संतुष्टि मिलेगि
काई मुश्किल में हो तो एटलीस्ट स
बाट तो करनी चैये

ओर में कोनसा इसे रोज़ रोज़ मिलने वाला ह
यार सामने रोटा हुआ किसीको देखा नहीं जाता
आउर कहते है बात बॉटने के लिये
अजनबी ही बेस्ट होते है
हो सकता है अकेले बैठे रहने से उसी
याही अछा लगे की चलो कोई मिल गया बात करने वल

मेने भी फिर एक गहरी सांस भर के उससे पूछ लिया
ही, यु ओके ना
उसने मेरी तरफ़ पलट के देखा और केहने लागि
एस, ी ऍम फाइन और ये कहते ही उसका आंसू तपका

मेने कहा सॉरी बूत अगर कुछ है
तो आप मुझे बता सकते हो
शायद आपको अछा लाग
ओर आज से पहले आपको यहाँ देखा भी नाहि
आप अभी आये होंगे नए नये

उसने बोलै येस।। ी ऍम नई हर
अभी एक वीक ही हुआ है शिफ्ट किये
ओर वैसे में ठीक ह, थॅंक्स पुछने के लिये

मेने कहा ोकय गुड और वह से जाने लगा
मेने दो कदम ही बढ़ाये होगे
ओर अचानक ही उसने काहा
आगर कोई तुम्हारे साथ चीट करे तो तुम क्या करोगे
मे कंफ्यूज सा होक पलटा ौर
तोड़ि देर तक उसको देखता राहा
उसके पास गया और बोलै अछा तो ब्रेकअप हुआ है
उसकी वजह से उदास हो, है न ?

ओ आगे कुछ बोलने ही वाली थी
पर मेने ही उसे रोक दिया
ही ी ऍम अतुल एंड यू ? ी ऍम अडिटि
भा अब बोलो क्या हुआ

उसने भारी सी आवाज में काहा
य लव्ड हिम् सो मच एंड हे वास् चीटिंग ों मे
विथ सम इतर गर्ल सो ी ब्रोके उप
उसके बाद भी वो जस्टिफिकेशन देने के लिये
आ रहा था सॉरी सॉरी कह रहा था
मे क्या करू ाब

मे प्यार करना तो नहीं छोड सकती ना
ड़ो दिन से मेरी हालात ऐसी ही है
यूष और मेरा रिलेशन बहुत अलग सा ता
आब तो अपनी स्टोरी भी ैनवायी है

मेने बोलै में ज़ायदा तो नहीं जनत
लेकिन रिलेशनशिप में सबसे जरुरी ट्रस्ट ही होता है
ओर वो ट्रस्ट ही टूट जाये फिर क्या ही बाचा
य क्नोव ये बहुत ज़ायदा मुश्किल टाइम है तुम्हारे लिये
पर फिर भी थोड़ा खुद को वक़्त डॉ
तूम्हे इस फेज से बहार निकलना ही होगा

कपणा ध्यान कही और लगाना शुरू करो
ज़िन्दगी में और भी चीज़े है
अपने दिमाग को न खाली रहने ही मत देना
ये आंसू बहा के अब कोई फायदा नहीं है

तूम्हे बस थोड़ा सा वक़्त चाइये खुद के लिये
देखना तुम खुद ही इस चीज़ से आगे बढ़ जओगि
बास खुश रहने की कोशिश करो
काई मूवी देख के या किसी से बात करके
तुम धीरे धीरे सब भूलने लग जओगि

ओ मुझे देख के मुस्कुरायी और बोलि
तूम कोई कौन्सेल्लोर हो क्य
इतना ाचा कोई की बोल सकता है
मेने हस्ते हुए कहा मेरे दोस्त भी मुझे
याही कहते है की तू अद्विसेस बहुत सही देता है

वेसे स्माइल इतनी प्यारी है तुम्हारी
पहिर रोटी क्यों हो
उसने तुम्हे खोया है, तुमने नाहि
उसने और बड़ी स्माइल से मुझे देखा
तुमसे बात करके बड़ा ाचा लगा ीार
तोड़ा ठीक लग रहा है अभी

लोग सही कहते है किसी से बात कर लेनि चैये
मण सच में हल्का जो जाता है
आंड ंर। अतुल आपकी अद्विसेस की कभी
दोबारा ज़रूरत पड़ी ट
आपसे की मिला जा सकता है

मेने कहा में रोज़ शाम ७ बजै
ईधार ही मिलूँगा और अगली बार
मीलो तो स्माइल साथ लेके ाना
उसने बोलै हां बिलकुल क्यों नाहि
वेसे फ़िलहाल अभी जाना होगा ८:३० बज गए है ना
मूंमा शुरू हो गयी होगी छीलना

मे कल भी आउंगी लेकिन अब से रोज़ ही मान लो
मेने कहा ठीक है फिर, बाई एडिटि
कहुड का ख्याल राखो

मे भी फिर अब घर ही जाने लगा
आज १०००० स्टेप्स का गोआल तो पूरा नहीं हो पाया
पर ाचा लगा उससे बात करके
मेरे थ्रू अगर उसकि
तोड़ि सी भी हेल्प हो पायी

उसका चेहरा मेरे सामने अभी तक आ रहा ता
जाबकी अब तो में अपने दरवाज़े पे खड़ा ता
पहिर थोड़ी देर बाद डायरी एंट्री लिखना शुरू किया
पहिर बचा ही क्या में और मेरी तन्हायी

कब अगली शाम को भी में पार्क के लिए निकला
आउर पता नहीं सच में ये उम्मीद जगा ली की वो ायेगि
रून्ड लगते लगते बस नज़र
उसे ही धुंध रही थी
हर जगह देखा पर लगता है आज आई नाहि

ओर ऐसे ही अगली शाम में भी में पार्क में था
तोड़ा सा साइड में रुक के आज की अपनी पलायलिस्त
सेट कर रहा त
ओर आज अचानक ही मेरे समणे
आकेँ वो खड़ी हो गयी और उसने हे किया
मे सुप्रिसेंड था उसको देख क
मेने बोलै है, कल नहीं आयी थी क्या ?

उसने कहा नहीं कल कुछ काम आ गया ता
तो नहीं आ पायी, लेकिन आज तो आ गयी ना
चालो वाक करते करते बात करते है
बाडे दिनों से मेरी वाक भी नहीं हो पायी

पहिर चलते चलते हमने बहुत साडी बातें की
उसने अपने किस्से सुनये
मेने अपनी कहानिया काहि
आज थोड़ी खुश तो लग रही थी वा
पर कभी कभी बात के बिच मे
एक दम ही शांत हो जाती थी
मुझे पता था ये उसके ब्रेक अप का असर है
जो बात बात में उसे आयुष की याद आ जाती थी

पहिर बातो बातो में उसने पूछा मुझसे
यार तुम ये अद्विसेस तो बड़ी सही देते हो
तुम्हारे झगड़े तो ज्यादा फिर होते नहीं होगे
कयूंकि तुम तो खुद को
कहुड ही समझा लेते होगे

तुम्हरी गर्लफ्रेंड तो बड़ी लकी है
मेने कहा लकी होगी
कयुँकि अभी तो फिलहाल नहीं है
एक लड़की पसंद थी मुझे
ओ प्यार भी मेरा एक तरफ़ा रेह गया
कयूंकि मुझ में उसे सिर्फ दोस्त ही दिख
ओर में खाली उसका दोस्त ही रेह गया

जीस्को हम चाहते है वो मिलता कहा है
तो अभी तो फिलहाल सिंगल ही ह
लाद्कियो को न मेरे जेसा बॉयफ्रेंड चैये
पर में ही नहीं चहिये, पता नहीं क्यों ?

ओर रही बात अद्विसेस की तो अपने सारे दोस्तों मे
सन्दीप महेश्वरी बना घूमता हु मे
मुझे खुद नहीं पता पर मे
लोगो को ऑब्सेर्वे बड़ा अच्छा करता ह
तो इस चीज़ में काफी ाचा हु मे

दूसरो की लाइफ को ऑब्सेर्वे करके
मे खुद में फील कर लेता ह
पहिर थोड़ा सा एक्सपीरियंस और ऑब्जरवेशन को
मिला के जो होता है बोल देता ह

उसने बोलै वह ीार
तूम तो फिर ब्लेस्ड हो इस चीज़ मे
आब तो मैं कर रहा है
तूम्हे जानने का थोड़ी और क़रीब स

कचा सुणो वाक करने के बाद
याही पास में बड़ी अछि चाऊमीन मिलती है
तो खाने चले क्या ?
मेने कहा सॉरी पर आज तो नहीं कही पोंग
कभि संडे में चलते है, चीट डे के दिन
नही तो फिर वाक करने का फायदा ही क्या हुआ

उसका चेहरा उतर गया लेकिन बोलै उसने
हा ये भी ठीक ही है बूत खाएँगे जरुर
मेने कहा हां वो तो दोने लेकिन सॉरी ीार
कभि कभी कण्ट्रोल करना पडता है
अपनी पसन्द से रहना पड़ता है दुर

वेसे टाइम हो गया ाब, घर चले ?
कल मिलते है फिर
उसने हाथ आगे बढाया, मेने मिलाया
आउर कहा उसने सी यु ठें

पहिर ऐसे ही रोज़ शाम हम मिलते रह
खूब साड़ी बातें होती राहि
हस्ते खिलखिलाते रोज़ मिलने की
मानो अब एक आदत सी ही बन गायी

मेने भी हेडफोन्स ले जाना
आब छोड़ दिया ता
उससे बातें ही किसी एक जाने जैसी लगती थी
इस एक महीने में ही थोड़ा और ज़ायद
कारीब आ गए थे हुम्
ओर वो भी ब्रेक अप के बाद
अपनी ज़िन्दगी जीना सिख रही थी

पहले कुछ दिन तो वो बिच बिच मे
यूष का नाम ले ही आती थी
ओर उसका नाम लेते ही
उसे पुराणी बात याद आ जाती थी
पहिर जितना हो सकता था मुझसे
मे उसे उतना समझने की कोशिश करता त
ओर कुछ वक़्त के लिए तो ओ
मेरी बात समझ भी जाती थी

ओर अभी पिछले कुछ दिनों में उसने
अपने ेक्स का ज़िकर एक बार भी नहीं किया
आब उसकी हसी एक दम रियल लगती थी
शायद भूल रही है उसी
उसका नाम उसकी ज़ुबाँ से इन दिनो
सुनाई ही नहीं दिया

ओर में भी झूठ नहीं बोलुंगा
मुझे अछि लगने लगी ओ
आब इतने दिन साथ में रहे है
तो जैसे आदत सी बन गयी हो

ओ नहीं भी होती पास मे
पहिर भी मेरे पास होती है
कयूंकि उसी के ख्याल चलते है आज काल
ओ हर दम मेरे साथ होती है

ओर मेने उससे फ़्लर्ट करना शुरू नहीं किया
इसकी शुरुआत भी उसने कारी
ओ मेरे हाथों में हाथ दाल क
कादम पे कदम चलती गायी
मुझे तो उसका हाथ पकड़ने में भी
शाराम आती थी

ओर ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब किसी बात के लिये
ओ मुझे थैंक यू न बोले
कहति है मेने उसकी बहुत हेल्प करि है
तूतने के बाद जोड़ने में उसी

उसने जब कहा था तुम्हारे साथ
वक्त बिताना बहुत अच्छा लगता है
मे पेहली बार यही पिघला था
य लाइक यू बोलके जब हसने लगी थी वा
मे भी हसने लगा पर वो हस्ती नहीं ट
श वक़्त में बिल्कुल ही सीरियस त

दो अजनबी जिनके बीच मे
कुछ भी कॉमन नाहि
इत्तेफ़ाक़ से एक जगह मिले ौर
बानते चले गए ज़िंदगि

एक दिन बड़े दिनों के बाद
आडीटी थोड़ी परेशां थी
मेने पूछा क्या हुआ तो उसने कह्
कुछ नहीं बस ऐसे ही
मेने भी इतना ध्यान दिया नाहि
हम कुछ और बात करने लाग
पर उसका ध्यान आज ज़ायदा फ़ोन पे था
तोड़ि देर बाद हम भी घर चले गये

ओ मेरे नाम के आगे मजाक मे
जब जी लगा के पुकारती थी ना
मुझे बड़ा अच्छा सा महसूस होता ता
उसने कहा था मुझे इम्प्रेस करना हो ट
एक प्लेट चाऊमीन ही काफी है
मे भी बस अब ुशी तेयारी में लगा हुआ त

उसे भी पसन्द हु मे
ये पता है मुझे
ओर उस तरह से अगर नहीं भी ह
तो उसका भी रास्ता है ेक

सबसे पहले हम चाऊमीन खाने जाएगे
पहिर सही मौका मिलते ही
जो केहना है मुझे वो केह डुंगा
पहिर उसके एक्सप्रेशन पे थोड़ा ध्यान दुन्गा
बाट नहीं बानी तो जैसे वो हसने लगी थी
मे भी हॅसने लागुंगा

वेसे ९०% चान्सेस है की मन नहीं करेगि
आब इतने दिन में इतना तो जान ही गया हु उसी
मे भी आज पार्क जल्दी पॉच गया
तोड़ि देर बाद उसे आते हुए देखा मणे

चेहरे पे स्माइल थी उसके भी मेरे भी
ओ आते ही मेरे गैल लागि
ओर एक्ससिटेमेंट में हॅसने लागि
मेने सोचा िस्को क्या हो ग्या
मेरे प्रपोज़ करने से पहले ही पागल हो गायी

पहिर सोचा चलो अछा ही है
मोद काफी ाचा लग रहा है
आब हाँ की प्रोबेबिलिटी थोड़ी और बढ़ गायी
मेने पूछा उससे क्या हुआ
इतनी ख़ुशी किस बात की है
उसने बोलै आज में आने नहीं वाली थी
लेकिन बस इसलिए ायी हु क्युकी मुझे
तूम्हे एक बात बातनि है

मेने कहा ठीक है तो चालो
वालक करते करते बताते रेहना
उसने बोलै नहीं आज में जा रही हो
ओ आयुष और मेरा पैच अप हो गया

पतच अप ? ये सब कब हो गया
जीसके कारन ये इतना टूटि थी
पहिर इतनी मुश्किल से जुडी
ओर अब फिर इसका दिल टूटने को तैयार हो गया

मेने कहा कुछ समझ नहीं आ रहा
तोड़ा डिटेल में बताओ ना
उसने बोलै अभी ३ दिन पहले उसका मश्ग आया त
भूत अपोलॉगीज़े कर रहा था
आउर सच में रू रहा थ

इस्लिये कुछ दिन पहले में इसी कन्फूसिओं में थी
लेकिन फिर मेने सोचा उसी
एक मौका तो देना चाहिए ना
आउर अभी में उसी से मिलने जा रही ह
इतने दिनों के बाद पेहली बार
उसे अपनी ग़लती रीलीज़ हो गयी है
तो मेने भी उसे माफ़ कर दिया

मे चुप चाप उसको सुन रहा ता
पहिर मेने कहा उसने फिर स
कभि पहले जैसा किया तो तब क्या करोगि
उसने बोलै तुम यार ऐसी नेगेटिव बातें मत करो
मे अभी बहुत खुश हु तो आगे का बाद में सोचूँगि

ओर अब ऐसा कुछ नहीं होगा
चालो बेस्ट विशेस तो दो मुझे
अल थे बेस्ट फॉर योर फुटुर
मेने दिल पे पत्थर रख के केह दिया उसी

ओ चले गयी ये कहके की कल मिलते है
मुझे सुनाई दिया की अब से थोड़ा कम मिलते है
जब तुम खुद ही एक धोकेबाज़ को चुनते हो
तो बाद में शिकायत क्यों करते हो
माना की एक इंसान अपनी आदत बदल सकता है
पर उस इंसान की तुम फ़ितरत थोड़ी बदल सकते हो

एक इंस्टाग्राम पे पोस्ट पढ़ी थी मेने कि
ताके ा ब्रोकेन गिरल, फिक्स हेर थें बुम्
शि'ल गो बैक तो थे शामे गाए ागैं

ओर आज मेरे साथ ही वो सच भी हो गायी
आब थोड़ी न आएगी वो मुझसे मिलने
ओ फिर दूबारा अजनबी हो गायी

जीस्को हम चाहते है वो मिलता कहा है
आंसा सब्के साथ होता है या सिर्फ
मेरे साथ ही होता है

मे खुद में ही मुस्कुराता फिर चलता राहा
श अजनबी7 के लिए आज भी ये दिल्
वेसे ही धड़कता रह
हर कहानी की हैप्पी एंडिंग नहीं होती
कहास कर की मेरी