What to say… Part 5 books and stories free download online pdf in Hindi

क्या कहूं...भाग - ५

स्मृति विवान का मैसेज देखती है। विवान ने ढेर सारे चुटकुले भेजे थे। स्मृति उन्हें पढ़ पढ़कर खूब हंसती है और हंसने वाले ईमोजी भेजती है। ऐसे ही कुछ दिन बीत जाते हैं। विवान सिर्फ उसे चुटकुले भेजता था। उसकी यही बात स्मृति को सबसे अलग लगी क्योंकि जहां दूसरे लड़के उससे बात करते थे कैसी हो से लेकर फोन नंबर तक पूछ लेते थे वहीं वो एक ऐसे लड़के को देख रही थी जो उससे जरा भी बात नहीं करता बस चुटकुले ही भेजा करता था। एक दिन स्मृति को मन हुआ उसका प्रोफाइल चेक करने का। वह अबाउट देखने लगी। विवान इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष का छात्र था और उसी के काॅलेज में पढ़ता था। यह देखकर वह खुश होती है और सोचती है कि अगले दिन इसके बारे में काॅलेज से पता करूंगी।

अगले दिन स्मृति इंजीनियरिंग विभाग में जाकर पता करती है परंतु उसे विवान मेहरा नाम का कोई लड़का नहीं मिला। उसने तृतीय वर्ष में भी जाकर पता किया पर वहां भी निराशा ही हाथ लगी। तब स्मृति के मन में संदेह होता है कि कहीं वो अकाउंट किसी नकली व्यक्ति का तो नहीं? हो सकता है वो लड़की हो और लड़का बनकर बात कर रहा हो? या मेरी ही कोई सहेली हो? ऐसे बहुत सी बातें स्मृति के मस्तिष्क में आने लगते हैं। अंततः स्मृति सोचती है कि आज उसका अकाउंट की जांच करूंगी खुद पता चल जाएगा अकाउंट असली है या नकली।

रात को भोजन करने के बाद स्मृति फेसबुक पर जाकर सीधा उसके अकाउंट के पोस्ट देखने लगती है। अकाउंट दो वर्ष पूर्व में बना था इसलिए उसके सारे टाइमलाइन और पोस्ट देखते देखते आधी रात हो जाती है। उसके अकाउंट के जांच करने के बाद जासूस स्मृति जी को उसके बारे में निम्नलिखित जानकारी प्राप्त होती है।

१) उसका जन्मदिन जुलाई में है।
२) उसके बहुत सारे दोस्त हैं जिनके साथ उसकी फोटो है
३) उसका अकाउंट सही है।
४) और वह थोड़ा मजाकिया इंसान हैं।
५) वह करनाल, हरियाणा का रहने वाला है।

परंतु इन सबके बावजूद स्मृति को ये पता नहीं चल पाता कि वो किस कक्षा में पढ़ता है और उसका काॅलेज कौन सा है। स्मृति सोचती है कि कल इससे बात करके पुछुंगी और वह सो जाती है।

अगले दिन सुबह स्मृति उसे गुड मॉर्निंग मैसेज करती है। और काॅलेज चली जाती है। लंच के समय वह फेसबुक पर जाती है और देखती है कि रिप्लाई आया है। विवान उसे गुड मॉर्निंग विश करता है और भेजता है ढ़ेर सारे चुटकुले। तबतक स्मृति देखती है कि वह आॅनलाइन है। वो‌ तुरंत उसे मैसेज करती है "हाय!"। तबतक विवान जा चुका था। स्मृति फिर उदास हो जाती है। वह रात को जल्दी भोजन करके आठ बजे से ही फेसबुक पर विवान का इंतजार करने लगती है। दस बज जाते हैं पर विवान नहीं आता। आठ घंटे पहले वह एक्टिव था। स्मृति सोने चली जाती है पर उसके आंखों में आज नींद कहां ? ग्यारह बजे के करीब वह फिर सोचती है कि एकबार और देख लूं। वह फिर फेसबुक पर जाती है। विवान का रिप्लाई देखकर वह खुश हो जाती है। स्मृति मैसेज करती है

"हाव आर यूं?"

विवान कुछ देर बाद रिप्लाई करता है

"मोटा मरता मोटी पर
पराठा मरता रोटी पर
मास्टर जी की तीन लड़कियां
पर मैं मरता हुं छोटी पर"

स्मृति को हंसी तो आती है पर वो थोड़ा गुस्सा भी हो जाती है क्योंकि स्मृति उससे बात करने की कोशिश कर रही थी और वो महाशय चुटकुला सुना रहे थे। अब स्मृति गुस्से में मैसेज करती है

"मैंने पूछा हाव आर यूं"

विवान - बढ़िया। आप कैसी हैं ?

स्मृति - मैं भी बढ़िया हुं। आप कहां से हो ?

यह पढ़कर विवान को थोड़ा आश्चर्य होता है क्योंकि एक तो कोई लड़की उसे मैसेज करती है और सवाल भी करती हैं जबकि ज्यादातर लड़के लड़कियों को मैसेज करते हैं और यहां उल्टा हो रहा था।

"करनाल"।

स्मृति - मैं भोपाल में रहती हुं। बीएससी प्रथम वर्ष में हुं। आप किस कक्षा में पढ़ते है और किस काॅलेज में ?

विवान इतने सारे सवाल देखकर हैरान हो जाता है। उसे शक होता है कि शायद ये उसका ही कोई दोस्त हैं जो उससे मजाक कर रहा है। वह बिना जवाब दिए लाॅग आउट हो जाता है।

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