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दरार (भाग-2)

कॉलेज के अंदर आते ही प्रतीक के चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान आ जाती है और ना जाने किस सोच में डूब जाता है वो पता नहीं परंतु इसका कारण यही था कि प्रतीक जिसको प्यार करता था वो लड़की प्रतीक के सामने आ जाती है., और कहती है.,हेल्लो....प्रतीक कैसे हो तुम.????.
प्रतीक आंखो मे आंखे डालकर कहता है., बहुत ही बढ़िया हूं।
तुम कैसी हो?? ना मैसेज ना कॉल??., मुस्कुराते हुए प्रतीक काजल से कहता है।
अब आप सोच रहे हो काजल कौन है.????.
काजल वो है जिससे प्रतीक प्यार करता।
काजल मुस्कुराते हुए कहती है अरे जाने दो ना कॉलेज की छुट्टियां मेरे लिए तो बनी ही नहीं है घर का काम करने से फुरसत मिले तब घुमु ना।
साथ ने खड़ा प्रेम जोर से हस पड़ा., अरे अरे तुम और घर का काम, जाने भी दो छोड़ो मजाक उड़ाते हुए प्रेम बोला।
काजल गुस्से भरी आंखो से प्रेम की तरफ देखती है पर कुछ बोल नहीं पाती है।
इतने में प्रतीक प्रेम से कहता है, अरे दोस्त जाने भी दो चलो हम सब घूमके आते है।

तीनो चलते हुए पहले कॉलेज के अंदर बना महादेव के मंदिर मे जाते है और प्राथना करके फिर कैंटीन ने जाते है।
अरे क्या खायेंगी काजल बोल तू आज प्रतीक बोलता है।
अरे वैसे तुम दोनों बैठो मैं अभी थोड़े दोस्तो से मिलकर आता हूं.,प्रेम ने कहा।
अरे कहा जा रहे हो मेरे दोस्त बैठो ना तुम वैसे भी साथ मे जाएंगे., प्रतीक ने कहा।
अरे छोड़ो भी प्रतीक प्रेम को जाने दो काजल ने कटाक्ष करते हुए कहा।
अरे चलो जाने दो साथ ने बैठते है हम बस प्रेम ने मुस्कुराते हुए कहा।
देखा ना मेरा दोस्त है मेरे साथ ही रहेगा तुम क्या जानो प्रतीक काजल से कहता है।
हा हा.... अच्छा है वैसे भी पूरी कॉलेज को पता है तुम दोनों की दोस्ती के बारे में काजल मजाक उड़ाते कहती है।
अच्छा चलो तुम दोनों कहो क्या लावु खाने में प्रतीक कहता है।
अरे अरे थोड़ी शांति रखो आज मेरी बहेन का पहला दिन है वो पहले साल में आ रही हैं., काजल ने कहा।
अरे अरे क्या बात करती हो तुम्हारी बहेन मतलब तुम्हारे चाचा की लड़की ना???? प्रतीक ने पूछा।
हा वहीं., काजल ने जवाब दिया।
बस थोड़ी देर में आ जायेगी अभी बस ट्रेन में है., काजल ने कहा।
अच्छा चलो इंतजार करते है.,प्रतीक ने कहा।

इतने मे सामने काजल का पुराना प्रेमी संदीप आ जाता है.,संदीप और काजल १ साल पहले दोनों एक दूसरे को प्यार करते थे., पर कुछ समस्या की वजह से दोनों अलग हो गए थे।
संदीप को सामने देखकर काजल बस उसे देखती रही., परंतु संदीप कहा देखने वाला था.,वो तो बस उसकी धुन में था।
काजल को संदीप की और प्यार भरी नजरो से देखते हुए प्रतीक ने देखा तो वो गुस्से भरी नज़रों से संदीप को देखने लगा पर कुछ बोल नहीं पाया।
प्रतीक को गुस्से ने देखकर प्रेम ने काजल से कहा तुम्हारी बहन की कितनी देर है कॉल करो उसे., क्या बोलते हो प्रतीक तुम.????.।
नहीं नहीं छोड़ो दोस्त काजल को रहने दो चलो हम बाहर घूमकर आते है गुस्से से प्रतीक कहता है।
अरे अरे तुमको क्या हो गया जोर जोर से क्यों बोलने लगे तुम काजल ने कहा।
अरे यार तुम दोनों लड़ो मत चुप हो जाओ और अभी तुम ज़ावो प्रतीक और कुछ खाने को लेकर आवो खाने मे कुछ अच्छा लाना प्रेम ने बात को सुलझाने के लिए कहा।

इतनी ही देर मे एक लड़की कैंटीन के बाहर किसी से लड़ रही थी., जोर जोर से आवाज आ रही थी., तू ने मुझे हाथ क्यों लगाया., में तुझे छोड़ने वाली नहीं हूं., तू देख लेना में किसकी लड़की हूं तुम नहीं जानते मुझे।
अरे खड़े हो जाओ तुम दोनों देखते है कौन लड़ रहा है., प्रेम ने कहा।
हा हा चलो जाते है., प्रतीक बोला।
तीनो बाहर जाते है।
अरे प्रतीक और प्रेम ये तो मेरी बहन है सीमा ये लड़ क्यों रही है चलो जल्दी से ऐसा बोलकर काजल भागती है।
उसके पीछे प्रतीक भी भागता है।
प्रेम वहीं खड़ा रहता है और दूर से देखता है।
वहां जाकर प्रतीक और काजल ने सीमा का झगड़ा शांत किया और सीमा को लेकर आ गए।

प्रेम के पास आकर प्रतीक ने बोला अरे दोस्त तुम क्यों नहीं आए.????.
प्रेम ने सिर हिलाते हुए कहा., अरे चलो कैंटीन में जाते है और कुछ खाते है।
चारो कैंटीन में जाते है।
अरे तुम तीनो बैठो में कुछ ऑर्डर करके आता हूं., प्रतीक ने कहा।

सीमा तुम क्यों लड़ रही थी तुम्हारा आज पहला दिन है कॉलेज में और तुम झगड़ने लगी तू कब सुधरेगी मेरी बहन काजल ने समजाते हुए कहा।
सीमा कुछ बोली नहीं चुप रही।
इतनी ही देर मे प्रतीक चाईनीज,वड़ापाव, पफ,और वेजिटेबल चावल लेकर आ गया।
चलो अब सब छोड़ो और खाना खालो., प्रतीक ने कहा।
सब खाना खाना खाकर फिर बैठते है।
अपनी बहन से प्रेम की दोस्ती करवाई तुमने प्रतीक ने काजल से कहा।
अरे अभी तक तो हो ही गई होगी दोस्ती काजल ने कहा।
अरे प्रेम तो कुछ बोलते ही नहीं है वो तो उनकी ही धुन में घूम है सीमा ने हस्ते हस्ते कहा दिया।
अरे तुम भी क्या बोलती ही सीमा मेरा दोस्त एक सायर है साथ ने सिंगर है और सब लड़कियां उस पर मरती है प्रतीक ने प्रेम की तारीफ करते हुए कहा।
हा हा बहुत लड़कियां करती होगी.,काजल ने कहा।
पूरा दिन चारो साथ मे पूरी कॉलेज घुमली क्लास रूम मे भी गए नहीं और जब शाम के ५ बजे तब चारो कैंटीन के बाहर बड़ा पेड़ था वह बैठे और फिर पहले ही दिन सीमा अच्छे से घुल मिल गई।
अरे आप मुझे अपना नंबर दीजिए प्रेम सीमा ने कहा प्रेम से।
अरे तुमने प्रतीक का नंबर नहीं मांगा और मेरा ही क्यों मांगा..????.. प्रेम ने सवाल किया।
ऐसी बात नहीं है., प्रतिकभाई का तो नंबर पहले से ही मेरे पास है., में तीन दिन पहले कॉलेज आयी थी तब प्रतीक मेरे भाई बन गए थे सीमा ने कहा।
अच्छा चलो मेरा नंबर भी लेलो कुछ काम हो तो बताना वैसे भी प्रतीक भी अब मुझसे सब छुपाने लगा है., प्रेम ने कटाक्ष करते हुए कहा।
प्रेम ने अपना नंबर सीमा को दिया।
अच्छा चलो अब शाम के ५ बजे है., चलो हम जाते है., ट्रेन लेट हो जायेंगी हमारी काजल ने कहा।
हा हा चलो दीदी जाते है हम सीमा ने कहा।
अच्छा फिर चलो मिलते है कल और जल्दी से जावों दौड़कर वरना ट्रेन छूट जायेंगी., प्रतीक ने कहा।
हा चलो बाय.... मिलते है कल., काजल और सीमा दोनों ने कहा और फिर दोनों चली गई।

अच्छा फिर चलो दोस्त हम भी निकलते है घर क्या करेंगे बैठकर बहुत घुमे आज तो प्रेम ने कहा।
हा चलो दोस्त जाते है., वैसे सीमा ने तुम्हारा नंबर मांगा वाह रे क्या बात है., क्या जादू किया।
अरे तुम सीधे चलो अब दिमाग मत बिगाड़ मेरा., वैसे भी तुम सब छुपाते हो मुझसे., प्रेम ने कटाक्ष करते हुए कहा।
अरे माफ करो दोस्त चलो चलते है घर., प्रतीक ने कहा।

और फिर दोनों चलते चलते पार्किंग की तरफ जाते है। इतनी ही देर में प्रेम के मोबाइल पर कॉल आता है ट्रिन ट्रिन...!!....

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