Daasta Anokha Pyarki books and stories free download online pdf in Hindi

दास्ता अनोखे प्यार कि .....

यह कहानी है १९९७ कि, राज और नुपूर कि जब नुपूर के मम्मी पापा और राज के मम्मी पापा दोनो एक दुसरे के बोहोत अछे दोस्त थे एक बर समर वेकेशन मे नुपूर के मम्मी पापा राज के घर नाशिक मे वेकेशन मनाने आये थे तब राज नाहाकर बाथरूमसे बहार निकल राहा था इतने मे नुपूर और नुपूर कि फॅॅमिली उनके घरआ जाती है नुपूर राज से मिलने किलीये सबसे पेहले घरमे आ जाती है तब राज यु अचानक नुपूर को देखकर शॉकट हो जाता है ओर हर्बडिमे उसका टॉवल निकल जाता है| नुपूरको देखके राज शर्माके चेअर के पीछे छुप जाता है| फिर थोडी देर के बाद जब नुपूर उनके गार्डन मे खेल रही होती है तभी राज कि नजर नुपूर पर पड जाती है वो गुलाब के पौधेको सेहला रही होती है | उसको लगता है कि उसे गुलाब का फुल बोहोत पसंद है और राज नुपूर को मन हि मन बोहोत पसंद करणे लागा था तो थोडी दर के बाद नुपूर जब गार्डन मे झुले मे बैठी होती है तब राज उसको गुलाब का फुल देणे जाता है तो नुपूर राज पे भडक जाती है कि, तुमने गुलाब का फुल क्योंकी उसने गुलाब का फुल तोडा होता है| और नुपूर को फुल तोडना बिलकुल भी पसंद नही था और इसी बातका राज को बोहोत बुरा लाग जाता है और राज वाहसे चला जाता है| मगर जाते समय उसका ध्यान नही रेहता कि, उसका धक्का लगणे कि वजहसे नुपुरको चोट आई होती है|

कुछ दिनो बाद जब नुपूर और उसकी फॅमिली जब उनके घर जा रही होती है तब राज अपनी गलती मान लेता है और नुपूर को sorry बोलने केलीये कुछ चॉकलेट और उसके मन पसंत toys देता है और उससे sorry बोलता है उसके बाद और नुपूर चली जाती है राज के T.Y. B. A. के Exams खतम होणे के बाद राज वेकेशन मनाने के लिए नुपूर के घर पुनामे जाता है| जाते समय राज drive कर राहा होता है| दोनोमे बोहोत चेंज हुं होता है| राज को चष्मा लगा होता है और नुपूर बोहोत हि डॅशिंग लग रही होती है राज गाडी मेसे उतरतेही नुपूर उसको Hug कर लेती है राज के तो उसको देखणेसेही होश उडे होते है राज बस नुपूर को देखता हि रेहता है नुपूर उसको अपने घर के गार्डन मी ले जाती है और राज णे बचपन मे दिया हुआ गुलाब का पौधा उसने अपने घरके सामनेवाले गार्डन मे लगाय हुआ दिखती है लेकीन उसका ध्यान सिर्फ नुपूर पेही टीका हुआ होता है।

दोनो फॅमिली घरके अंदर चली जाती है | रात के खाणे पे उनका डिस्कशन होता है कि,अब TY के बाद क्या करणा तो राज थोडा कम बात करता था उसकी बचपन कि ही आदत थी तो वोह नाही बता पाता है कि उसके क्या future plan है तभी नुपूर केह्ती है कि अंटीजी इस डंबोको कूछ भी सिखादो पर सबसे पेहले बात करणा सिखा दो बोलता हि नाही है मै आया है तबसे देखरही हु मुजसे बात हि नही करता बस मुझे घुरता हि रेहता है | फिर सुबह नुपूर राज को उठणे जाती है तो राज थोडी देर और सोनेकेलीये बोलता है पर नुपूर नही मानती और उसके उपर पाणी डाल देती है तो राज उसे पकडणे के लिए उसके पीछे दौडता है इतनेमे पाणी के वझसे उसका पैर फिसलता है और वो गिरणे लागती है तभी राज उसे गीरनेसे बचता है और तभी दोनो एक दुसरे को देखतेही रेहते है तभी नुपूर कि मम्मा आति है और क्या हुआ पुछति है | तो राज नुपुरको बचाते हुये बोलता है कि मेरे वजहसे पाणी गिर गया था और उसपेसे नुपूर फिसल गई मम्मा से झुठ क्यो बोला ये पुछनेकेलीए नुपूर राज को अपने साथ सायकलिंग के लिए चालणे केलीये बोलती है | घरसे थोडी दूर जानेपर राज को पूछति है ओय चम्पू मुझे डाट खानेसे क्यो बचाया तो राजने मुस्कुराते हुये कहा कि खुबसुरत लडकीयोके चेहरे पर उदासी अच्छी नही लगती और ये केह्के राज आगे चला गया नुपूर वही राज को देखते खाडी थी दोनो मे नजदीकिया बढ रही थी राज णे अचानक पीछे मुडकर देखा तो नुपूर वही रुकी हुई थी तो राज णे नुपूर को आवाज लगाई और कहा यही घर बनानेका इरादा है क्या और इसी बातसे चीडकर नुपूर राजको सायकल से धक्का देती है और राज नीचे गिर जानेपर नुपूर राज पे हसणे लगती है और उसको उठनेके बजाये आगे चाली जाती है और fast सायकल चालणे के चक्कर मे वो गिर जाती है | राज उसको उठाणे केलीये हाथ बढाता है तो नुपूर उसे नीचे खिचती है | और दोनोही एक दुसरे को देखते रहते है उन्हे खुद मालूम नही होता है कि उनके बिचकी दूरिया कब खतम हुई |

रात को जब दोनो खाना खानेके बाद गार्डन मे बात करणे केलीये बैठे होते है तब नुपूर अचानक बोलती है की मैने इस डम्बो के लिए एक gift लाया है और नुपूर राजको अपना gift खोलकर दिखती है नुपूर णे राज को एक नॉवेल दि होती है और राज भी उसे अपनी स्लाम्बुक दिखता है जो उसने नुपूरके साथ बिताये लाम्होको कैद करके रखे थे नुपूर सेंटी होको बोलती है कि हब कुछ दिनो बाद अलग अलग शहरो मे पढाई के लिए जा रहे है तो क्या तुम्हे मेरी याद नाही आयेगी | राज चूप हो जाता है शायद राज को नुपूर के उसके लिए फिलिंग का अंदाजा था लेकीन शायद हर बर कि तरह इस बार भी राज बोल नही पाया उतणे मे नुपूर राजको hug कर लेती है और बादमे अपने आंसू पोछते हुये उसे sorry केह्के वहासे चली जाती है| आखिर वो दिन आही जाता है जब राज को उसकी पढाई के लिए मुंबई जाणा होता है राज जब नुपूर के घरसे बहार जा राहा होता है तो उसकी नजर सिर्फ नुपूर को हि तलाश कर रही होती है| उतणे मी राज को नुपूर दिख जाती है राज नुपुरकी आखोमे देखता है तो नुपूर कि आखे नमीसी लगती है भलेही नुपूर नही दिखती मगर नुपूर अंदरसे पुरी तरहसे तुट चुकी होती है और नुपूर के मम्मी पापा ये समझ जाते है कि इनके बीच कुछ्तो कनेक्शन है यह कंफॉर्म करणे के लिए जान बुचकर नुपूर और राज को बात करणे नही देते. तो राज की भी आखे नम हो जाती है राज जब मुंबई चला जाता है तो रूम मे सेटप करणे के लिए दोनो एक दुसरे को व्हिडीओ call पर बात करते है और अपना अपना रूम सेट करते है और उनका call पर बात करणा चालू होता है वो एक दिन भी एक दुसरेसे बिना बात किये नही रह सकते लेकीन एक बार नुपूर एक दोस्त का बर्थडे होता है और उसके बर्थडे पार्टी मे जाने के लिए नुपूर तयार हो रही होती है उसी समय राज नुपूर को व्हिडीओ call करता है और उसे पुछता है कि इतना सजधजके कहा जा राही हो तो नुपूर बताती है हि उसके एक दोस्त कि बर्थडे पार्टी है उस पार्टी मे जा रही है तो राज केहता है कि मेरी तरफसे उसे विष जरूर करणा तुमने अपने दोस्त का नाम नहि बताया what’s her name तो नुपूर केह्ती है not her इट्स he राहुल का बर्थडे है तो राज unsecured tone मे बोलता है कि तुम लाडको कि बर्थडे पार्टी मे जा रही हो तो नुपूर को लेट हो राहा होता है तो वो call cut करके चली जाती है | राज ko लागता है शायद नुपूर बदल गई है राज बादमे नुपूर को call करता है तो नुपूर call नाही उठती वो practical lab मे होती है ओर जब नुपूर राज का miss call देखती है तो call back करती है मगर उस समय राज अपने दोस्तोके साथ बहार आया होता है तो उसका फोन silent होनेकी वजहसे वो उठा नही पाता और राज जब call back करता है तो नुपूर केह्ती है कि आजकल बडे बीजी रेहने लागे है सरजी क्या पढाई को जादाही सिरिअस तो नही लिया ? तो देर तक बात करणे पर पता लगता है कि आगले महिने राज एक कंपनी के इंतेन्शीप के लिए पुना आने वाला है तो राज नुपूर को पुछता है कि तुम कब आरही हो एक साल हो गया हमे एक दुसरे से मिले हुए तो नुपूर शारार्ती आवाज मे केह्ती है बेबी को याद आरही है राज शर्माके फोन कट करता है नुपूर खुदसे केह्ती है इस लाडकेका कुछ नही हो सकता फिर एक दिन अचानक राज घर आ जाता है | और हाथ मुह धोके बस खाना खाणे बैठणे ही वाला होता है उतणेमे नुपूर का फोन आता है कि वो पुनामे आई है और थोडी हि दर मे एक रेस्टोरंट मे मिलने वाली है | राज टेबल पे से उठके चला जाता है|

रेस्टोरंट के बहार बोहोत देर इंतजार करणे के बाद नुपूर वाहा आति है तब नुपूर गाडी से नीचे उतरते समय दोनो एक दुसरे को देखते है दोनोका एक दुसरे को hug करणे का मन होता है मगर आसपसके लोग देखकर राज पीछे चला जाता है पर नुपूर उसे hug कर लेती है | और जो नुपूर के बारेमे राज का निगेटिव mind था वो उस hug के साथही खतम हो जाता है और उसे अहसास हो जाता है कि, जितनी शिद्दत से मैने नुपूर से मिलने का इंतजार किया है उतनी हि बेताबिसे नुपुर णे भी इस पल का इंतजार किया है| दोनो रेस्टोरंट मे जाते है तभी वेटर ऑर्डर लेणे आ जाता है तब राज नुपूर के फेवरेट डेझर्ट ऑर्डर करता है तब नुपूर राज को पुछति है कि तुम्हे अभीतक याद है कि मै खाना खानेसे पेहले डेझर्ट लेती हु तो राज उसपर बोला जो हमारे दिलके करीब होते है उनकी हर पसंद नापसंद अपने आप ध्यान मे रेहती है उतणे मी वेटर ऑर्डर लेकर आता है राज णे नुडल्स मंगाये होते है उस्पे नुपूर हसके बोलती है तुम बडे कब हो रहे हो अभीतक नुडल्स हि खाते हो तो राज णे कहा मेरा छोडो तुमतो केह रही थी कि मै नही आ सकती फिर अचानक कैसे तो नुपूरने राज को चीढाणे केलीये बोलती है कि मैने कॉलेज मे रिक्वेस्ट करके पुनाके कंपनी मे इंतेन्शीप मांगी । राजने पूछा और ऐसा क्यो तो नुपूरने जवाब दिया कि पुनामे मेरा बॉयफ्रेंड रेहता है उसिसे मिलणे केलीये, राज अपने आपको जेलेस फील करता है ओर बोहोत fast नुडल्स खाणे लागता है नुपूर पुछति है क्या हुआ तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नही है क्या? तो न चाहते हुये भी अपने आपको प्रुफ करणे केलीये राज झूट बोलता है |

राज : हा मेरीभी गर्लफ्रेंड है ओर एक नाही दो-दो है एक मुंबई मे है ओर एक पुनामे उतणे मी topic चेंज करणे के लिए नुपूर से पुछता है कि क्या वो तुमसे सचमुच प्यार करता है ? नुपूर केह्ती है तुम जेलेस हो रहे हो क्या ? उस्पे राज केहता है नही नही मे क्यो जेलेस होणे लागा ओर राज उठकर चला जाता है राज का पुरी तरहसे दिल तुट चुका होता है | उसीके बाद से नुपूर का फोन भी नही उठता और नुपूर को बिना बताये हि कॉलेज से Adddmission Cancle करता है और जिस कंपनी मे उसे इंतेन्शीप करणी थी वही कंपनी उसका प्रोग्रेस देखके पर्मनंट इम्प्लोई बनती है ये खुश खबरी राज मम्मी पापा को बताने वाला होता है तभी राज कि मम्मी उसे केह्ती है कि नुपूर कि शादी फिक्स हो गई है ये बात सुनके तो राज और भी जादा तुट जाता है और अपने बेड रूम मे चला जाता है | तभी नुपूर का call आता है मगर राज call नही उठता राज नुपूर को बोहोत टालने कि कोशिश करता है| नुपूर पुरी रात राज का call try करती है मगर राज फोन नही उठता फिर सुबह राज कि मम्मा राज को उठणे के लिए बेड रूम मी जाती है तो राज को बताती तुमनें पुरी बात भी नही सुनी और यु ऐसे कमरेमे चले आये आज तुम्हारे सबसे प्यारे दोस्त की सगाई है आज नुपूर कि सगाई है और हमे उसकी सगाई मे जाणा नही है तभी राज केहता है मेरा मूड नही है तुम हि जाओ वैसेभी मुझे ऑफिस मे बोहोत काम है मै नही आ सकता और मेरी तबियत भी खराब है तो राज कि मम्मा केह्ती है कि हम भी नही जाते फिर जब तुम्हारी तबियत ठीक हो जाये तो बात देणा तब राज केहता है कि नही मम्मा आप लोग चाले जओ मे शाम को रोकेके समय आजाऊंगा येह केह्के राज कि मम्मा और पापा रोके के लिए चाले जाते है राज बोहोत हि जादा अंदरसे टूट चुका था उसकी हिम्मत हि नही हो रही थी कि वो रोकेमे जाये आसान नाही होता अपने प्यार को अपने अखोके सामने किसी और का होते देखणा फिर भी राज णे जैसे तैसे करके हिम्मत जुटाई ओर नुपूर के सगाई मी पोहोच गया वहा नुपूरने राजको फोन पर बात करते हुंये देखा और राज के हाथ से उसका फोन छीन लिया और कट कर दिया और उसका हाथ पकडकर अपने बेड रूम मे लेके गई|

उसे गुस्से से भरी आवाज मे पूछा कि तुम मुझे इग्नोर क्यो कर राहे हो एक फोन उठानेमे तुम्हारी जाण जा रही है तो उसपर राज बोला नुपूर तुम ओवर रीअॅक्ट कर रही हो दोस्तो का क्या है एक जाता है तो दुसरा उसकी जगह: लेही लेता है तुम मेरी छोडो तुम सिर्फ ओर सिर्फ अपने फिओन्से पर फोकस करो नुपूर केह्ती है राज What is wrong with you तुम ऐसे कैसे बोल सकते हो तो नुपूर और जादा गुस्सा करते हुये उसका सीक्रेट बॉक्स दिखती है उसमे राज णे बचपन मे दिये हुये toys ओर चॉकलेट होते है नुपूर केह्ती है कि ये कोई संभालके रखाने वाली चीजे नही है मगर मैने रखी है क्योंकी I am madly love with you राज अचानक चोक जाता है ओर नुपूर से केहता है तुमने अभी क्या कहा क्या तुम वो दुबार केह सकती हो नुपूर रोते हुये राज तुम मुझे कभी समझही नही पाये मैने कितना इंतजार किया है कि तुम मुझे वो तीन magical words बोलोगे और मे तुम्हे कब हा काहुंगी जब जब तुम मुझसे मिलते थे और मेरी तरफ इतने प्यारसे देखते थे तो लागता था कि अब वो घडी आ गई है मगर नही तुम्हे तो बोलना हि नहि था | और ये सब चीजे मैने तुम्हारी याद मे संभालकर रखी है वरणा ये सब संभालके रखने के काबिल नही है| तुम्हारे पास दो हि option है एक तो तुम्हे मुझे भुलना होगा और मुझे फिर जिंदगी भर अपनी शकल मत दिखाना और दुसरा मेरी सगाई मी १५ मिनट अभी भी है तुम्हे मेरे पापा से मेरा हाथ मांगना होगा अगर तुम मुझसे सच्चा प्यार करते हो तो और ये केह्कर नुपूर बहार चली जाती है राज कुछ समझ नाही आ राहा होता है कि क्या करे और क्या नही फिर वो जैसे-तैसे करके हिम्मत जुटाके बाहर चला जाता है और एकदम जोरसे चील्लाता है कि ये सगाई मी नही होणे दुंगा |

सब लोग राज को हैरानिसे देखते है राज नुपूर के पापा के पास जाके बोलता है अंकल मे जो अभी आपको बताने जा राहा हुं वोह सुनके आप शायद मुझे मार हि डालेंगे मगर अंकल मै नुपूर से बोहोत प्यार करता हु और उसके बिना नही रेह सकता please अंकल मेरी और नुपूर कि शादी करवा दो और अगर आपने जबरदस्ती करणे कि कोशिश कि तो ये सगाई मे नाही होणे दुंगा तभी पीछेसे राज कि मम्मा केह्ती है अगर सगाई रोक देगा तो नुपूर को मेरी बहु कैसे बनयेगा तो राज अचानकसे चोक जाता है और बोलता है इसका मतलब आप शादी के लिए मन गये हो तो सब लोग सच बडा देते है कि अभीतक तुमसे हमने छुपाया कि सगाई तुम दोनोकीही हो रही है तो राज केहता है कि इसका मतलब सब लोग मिलकर मुझे बेवकूफ बना रहे थे अबतो मुझे ये सगाई करणी ही नही है तो सब लोग पुछते है कि ऐसा क्यो तो राज केहता है कि बिना प्रपोज करे सगाई थोडे हि होती है और राज नुपूर को प्रपोज करता है ओर सगाई हो जाती है और कुछ दिनोके बाद शादी ।

और दोनो एकसाथ खुशिसे रेहते है ||

सचमे प्यार जो क्या-क्या करवाता है |सच्चा प्यार सिर्फ किस्मत वालोकोही मिलता है

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