दुःख- दर्द " अक्सर जिंदगी के साथ इस्तेमाल होने वाले इन शब्दों को कोई अपनी जिंदगी मे देखना नहीं चाहता, और देखना चाहे भी क्यों , हम सबको एक ही जिंदगी मिली है हम छोटे से छोटे मौके को नहीं छोड़ते फिर ये तो पूरी जिंदगी की बात है हम सबको खुश रहने का हक है जिसे खुद ईश्वर ने हीं दिया है धरती पर कोई इसे छीन नहीं सकता बशर्ते आपको खुश रहने की इच्छा होनी चाहिए हम दुःखी हैं तो इसमे हमारी ग़लती है हम दुःखी ही रहना चाहते है , ये सच है की दुनिया मे दिन और रात दोनों होते हैं आप दिन के उजाले मे जीते हो अपना काम करते हो अपनी दिनचर्या पूरी करते हो पर क्या रात मे जीना छोड़ देते हो आपको याद रखनी चाहिए की हम आदिमानव काल मे नही जी रहे दुनिया बहुत प्रगति कर चुकी है अब आप रात के अंधेरे मे नही रहते या तो बल्ब या ज्योति और कुछ ना तो चिंगारी ही सही लेकिन अंधेरे मे थोड़ी बहुत रोशनी ढूंढ ही लेते हैं इसी तरह दुःख के बाद सुख आना ये तो स्वभाविक है पर अगर हम दुख मे दुःखी ही रहते हैं तो ये हमारी बेवकूफी है।
दुनिया दुःख और सुख दोनो तत्वों से मिलकर बना है दोनो बिल्कुल आधे आधे हैं जैसे एक थैले मे 100 कार्ड रखे हुए हैं जिसमे 50 सफेद और 50 काले रंग के हैं अगर आप सारे सफेद रंग के कार्ड निकाल कर अपने पास रख लेते हो तो ये स्वभाविक हैं दूसरा व्यक्ति कोई भी कार्ड निकाले उसे काले हीं मिलेंगे अगर वह सारा सफेद कार्ड निकाल ले तो आपके हिस्से मे केवल काले कार्ड ही मिलेंगे इसी तरह जीवन मे सुख - दुख के साथ भी होता है अगर हम खुश हैं तो कहीं न कहीं कोई दुःखी है और अगर हम दुःखी हैं तो कोई ना कोई आपके जगह पर खुश है जैसे आप खेल मे जीत कर बहुत खुश हो लेकिन जिसको हराकर आप खुश हो वो दुःखी है, आप कक्षा मे टॉपर होकर खुश हो लेकिन शायद आप न होते तो जो दूसरे न. पर है वो आज पहली पर होकर खुश होता, आपका अपने प्रेमी के साथ ब्रेक- अप हो गया आप दुःखी हो लेकिन आपके प्रेमी का किसी और के साथ संबंध बना आज वो खुश है यानी सुख या दुःख एक के बाद दूसरे के पास जाता रहता है यहीं प्रकृति का नियम है यह सड़क के भिखारी के साथ भी और करोड़ पति के साथ भी होता है । बस हमे सीखना ये है की दुःख मे भी खुश कैसे रहे?।
अक्सर हमारा दुःख या सुख दूसरों के साथ तुलना पर निर्भर करता है।ज़रा कल्पना कीजिये अगर आप दुनिया मे अकेले इंसान होते आपको ये पता नही होता की दुनिया होता क्या है और इंसान जाति क्या होता है तब आप क्या महसूस करते सुख या दुःख । मेरे अनुसार तो आप प्रकृति द्वारा उपलब्ध संसाधनों का भरपूर आनंद लेते क्योंकि प्रकृति जरूरत बनाता है तो उस जरूरत को पुरा करना भी जानता है। हम अपने पास कुछ कमियों को लेकर दुःखी होते है आप कहते हो यह चीज मेरे पास कम है इसका सीधा मतलब यह हुआ किसी के पास वह चीज ज्यादा है। आप सोचते हो आपका चेहरा खराब है यानि दूसरों का चेहरा आपसे ज्यादा अच्छा है यही बाकी सब चीजों के साथ भी होता है बस हमे समझने की ज़रूरत है। अक्सर हम उन लोगों से ख़ुद की तुलना करते है जिनके पास हमसे ज्यादा है। क्या आपने कभी उन लोगों को देखा है जो अपने जीवन के अंतिम दिनों मे तीर्थ यात्रा करते है, आपने उन लोगों को भी जरूर देखा होगा जो अपने जीवन के अंतिम दिनों मे एक वक्त पेट भरने के लिए मजदूरी करते है ,मैंने उन कांपते शरीरों को भी देखा है जो बहुत मेहनत के बाद पानी पीते हैं तो बुढ़ापे की कपकपि आधे पानी को उनके बदन पर गिरा देती है, क्या आपने उन लोगों को देखा है जो बाहर से आये हैं और अपनी मेहनत से आपके सुख साधन का इंतजाम करते है लेकिन खुद वो परिवार से दूर रहते हैं क्या वे किसी से प्रेम नही करते क्या वे अपने परिवार के साथ रहना नहीं चाहते। अगर आपने ये सब नहीं देखा तो आप समाज मे आँख बंद करके रहते हो। अपनी आँखे खोलो ज़रा देखो आसपास दो वक्त की रोटी मिल जाना कितनी नसीब की बात है। जब हम आँख खोलकर रहना सिख लेंगे तो मोटिवेशनल स्पीकरों की ज़रूरत नहीं होगी वो लोग तो बस अपना व्यापार चलाना जानते हैं ।अगर आपको मोटिवेशन और ज्ञान की ज़रूरत है तो वो सब दूसरों से यू ट्यूब पर नही मिलने वाला इसके लिए हमे दुनिया मे आँखे खोलकर रहना सीखना होगा और अगर आप साहित्य मे रुचि लेते हो तो यह और अच्छी बात है यह तो खुद ज्ञान का सागर है और हमलोग कौन कौन से ज्ञानी लोगो के वीडियो के चक्कर मे पड़े रहते हैं, आपको याद रखना चाहिए अगर किसी काम को करने के लिए मोटिवेशन की जरूरत पड़ती है तो अवश्य ही आपको वह काम छोड देना चाहिए किसी काम को करने के लिए हमे अंदर से ऊर्जा मिले अलग आनंद मिले तभी उस काम को करना चाहिए और ऐसे मे आप शत् प्रतिशत सफल होंगे।
मुझे पता है जो लोग किसी के प्रेम करने न करने या रिश्ता तोड़ देने की वजह से दुःखी है वो लोग शायद ही मेरी बात समझे उन लोगों से कहना चाहूंगा किसी से प्यार का मतलब उसको पा लेना कतई नही होता प्यार का मतलब होता है आप हर समय उसको बस खुश देखना चाहते चाहे आपने उसके लिए जो कुछ भी किया हो याद रखना प्रेम गिनती नहीं जानता वह नहीं जानता किसने किसके लिए कितना कर रखा है प्रेम तो बस एक आनंद है जो प्रिय की खुशी देखकर मिलता है चाहे वो आपके साथ हो या किसी और के ।अगर आपको ऐसे खुशी नही मिलती तो आप प्रेम नही अवश्य ही व्यापार करते हो।
आपको समझना चाहिए हर चीज जो आपको थोड़ा बहुत परेशान करती है वो दुःख नही है । हर वक्त बस दुःख दुःख सोचने से हमे दुःख ही मिलता है क्योंकि प्रकृति हम जो भी चाहे उसे खुद दे देती है हमारा दिमाग बहुत ताकतवर होता है जो ब्रहमांड से जुड़ा होता है और जिस चीज के बारे मे हम ज्यादा सोचते है वहीं हमे दे देता है, अब ये आप पर निर्भर करता है आप ज्यादा समय क्या सोचोगे क्या पाओगे।
यह लेख पढ़ने के लिए हार्दिक धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏 सभी विचार मेरे स्वयं के है शायद मै कहीं पर गलत भी होऊँ तो समीक्षा करके जरूर बताएं मुझे कुछ नया सीखकर बहुत अच्छा लगेगा।
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