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अंदर का शैतान

हेलो दोस्तों मेरा नाम राज यदुवंशी है और मेरी उम्र 23 वर्ष है दोस्तों अक्सर दोस्तो हमारे साथ कुछ ऐसे हादसे हो जाते है जिनका असर हमारी पूरी जिंदगी पर पड़ जाता है और अक्सर यही हादसे हमारे अंदर के शैतान को भी जगा देते है मेरे साथ भी एक ऐसा ही हादसा हुआ जिसने मेरी पूरी जिंदगी ही बदल डाली आप लोगों ने देखा होगा कि कुछ लोगो का अपने मन य फिर यू कहे कि अपने आप पे काबू नही होता है गुस्सा ,घृणा य बैर ये सब ऐसी शक्तिया है जो कि एक इंसान को शैतान रूप प्रदान करते हैं अब आप चाहे इसे कोई पारलौकिक शक्ति माने या कुछ और ये आप पे निर्भर करता है मेरी आज की कहानी भी कुछ इन्ही शक्तियो से बने एक शैतान के बारे मे है तो दोस्तों मैं आपका ज्यादा समय न लेते हुए सीधे कहानी पे आता हूं हा तो दोस्तों बात आज से करीब 4 साल पहले की है उस वक्त मेरी उम्र वही कोई 19 वर्ष रही होगी मैं वैसे तो दोस्तों काफी सीधा साधा इन्शान हु पर जब भी मुझे गुस्सा आ जाता है ना तो मैं जैसे मै मै न होके कोई और ही बन जाता हूं पर पहले दोस्तो मैं ऐसा बिल्कुल नही था उस एक हादसे ने मुझे ऐसा बना दिया दोस्तो पर हॉ उस वक्त भी दोस्तो मुझे भूत प्रेत शैतान जैसी चीजों के बारे में जानने के लिए कुछ ज्यादा ही उत्शाहीक रहता था मुझे इन सब चीजो में बड़ा आनंद आता था एक दिन की बात है दोस्तो जब मैं अपने कोचिंग से अपने घर जा रहा था मैं जिस रास्ते से घर जाता हूं वहाँ रास्ते मे एक कब्रिस्तान पड़ता है अचानक मेरी नजर उस कब्रिस्तान के अंदर पड़ी तो मैंने देखा कि वहाँ एक लड़की किसी की कब्र पे सर रख कर रो रही थी उस लड़की को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कि वो किसी दूसरी ही दुनिया की हो मैं तो बस उसे देखता ही रहा काफी देर तक फिर कुछ हिम्मत बांध कर मैं उसके पास गया और उससे उसके रोने का कारण पूछा पहले तो वो बहुत देर तक कुछ नही बोली पर मेरे बार बार पूछने पर उसने बताया कि यह इसके बॉयफ्रेंड की क़ब्र है जो कि पिछले हफ्ते एक एक्सीडेंट में मर गया था और वो उसके बिना अब जीना नही चाहती हैं क्योंकि वो उसे बहुत प्यार करती हैं तो मैंने उससे कहा कि देखो अगर आपको को कोई दिक्कत न हो तो मैं एक बात बोलू तो उसने कहा बोलिये तो मैंने कहा देखिये अगर आप उससे इतना ही प्यार करती है तो क्या आप मुझे एक बात बताइये अगर आप अपने आपको कुछ कर लोगी तो क्या आपके बॉयफ्रेंड की आत्मा को कैसे मेहसूस होगा य फिर इस वक्त आपको देखकर उसको कैसा लग रहा होगा देखिये प्यार वो नही जो जिये भी साथ और मरे भी साथ प्यार सच्चा प्यार वो होता हैं जो आप अपने साथी से दूर रहकर भी य उसके इस दुनिया में न होकर भी सिर्फ उसको अपने दिल में बसा के रखना उसकी यादो को हमेशा संभाल कर रखना होता है वैसे भी अगर आप को कुछ हो गया तो आपके घर वालो का क्या होगा जरा ये सोचिये पहले आप पर दोस्तो वो लड़की तो मेरी कोई भी बात मान ही नही रही थी बस उस क़ब्र पे सर रखकर रोये जा रही थी और दोस्तो आप यकीन नही करेंगे पर उस लड़की को समझाते समझाते मुझे पता ही नही चला के कब रात हो गयी मैं तो बस उसको समझाने में ही लगा हुआ था पर थोड़ी देर बाद दोस्तो वो लड़की अचानक ऐसे उठी की जैसे कि मुर्दा दोबारा जिंदा हो जाता है और लड़की मुझसे बोली अच्छा ये बताओ कि तुम्हारी उम्र क्या है तो मैंने उसे अपनी उम्र 15 साल बताई तो वो अरे वाह इतनी सी उम्र में इतना ज्ञान कैसे है तुमको इन सब बातों का दोस्तो अब उसको देख के ऐसा बिल्कुल भी नही लग रहा था कि ये वही लड़की है थोड़ी देर पहले रो रही थी पर मैंने ज्यादा ध्यान न देते हुए उससे कहा कि देखने में तो तुम भी मुझे 16 य 17 से ज्यादा की नही लगती हो तो बोली हाँ मेरी उम्र 16 साल ही है तो मैं बोला के अभी से इस प्यार व्यार में पड़ गई क्यों यार अभी तो तुम्हारी पढ़ने लिखने की उम्र है फिर मैंने उसे बताया कि मेरी असली उम्र 15 नही बल्कि 19 साल है तो वो जोर जोर से हँसने लगी और कहने लगी वाह आप भी क्या मजाक करते है कभी अपनी उम्र 15 साल तो कभी 19 साल बताते है वाह भई वाह आप भी न और वो बोली देखिये मैं एक बात बोलू तो आप बुरा तो नही मानोगे न तो मैंने बोला हा बोलो तो वो कहने लगी ये मेरे बॉयफ्रेंड की कब्र नही है बल्कि ये मेरे भाई की कब्र है और मैं तो आपके साथ प्रैंक कर रही थी तो मैं बोला पागल वागल हो क्या और ये प्रैंक क्यों किया तुमने वाह भई वाह ये कौन सी बात हुई मैंने तो आपको परेशानी में देखा तो आपको हौसला देने आ गया तभी ऐसा ही समझ लीजिए फिर वो बोली वो मैं यहां अक्सर आती हु पर कभी भी किसीने मुझसे ऐसे बात नही की तो मैंने सोचा थोड़ा हसी मजाक कर लिया जाए आपके साथ और तो मैं बोला ये क्या बात हुई यार फिर वो बोली सॉरी गलती हो गयी ओके।तो मैं बोला ओके फिर वो बोली वैसे आप दिल।के बहुत ही अच्छे है आपने दुनिया बहुत अच्छी तरह से देखी है लगता है क्यों तो मैं बोला ऐसा कुछ नहीं है पर क्या है न वो आपको उस हाल मे देखा तो बोल दिया बस वैसे मैं आपका नाम तो पूछना ही भूल गया आपका नाम क्या है मेरा नाम तो राज है तो उसने अपना नाम रोज़ी बताया फिर हम एक साथ वहाँ से बाहर आये और वो बोली के क्या आप कल मुझे यही पर फिर से मिलेंगे तो मै बोला वो क्यों तो वो बोली अरे यार क्योंकि आप मुझे अच्छे लगे इसलिए तो मैंने भी सोचा कि चलो कोई अच्छी दोस्त नही मेरी भी क्या पता यही मेरी जिंदगी में कुछ रोमांच भर दे शायद तो मैं बोला किस वक्त पे मिलेंगी आप यहाँ मुझे तो वो बोली इसी वक्त पे फिर मैंने उसका फ़ोन नंबर उससे लिया और कहा कि कल यहां आकर मै आपको फोन करूँगा ओके तो वो बोली ओके करियेगा फिर मैं अपने घर आगया और अगले दिन मैंने उसको वहाँ पहुँच कर फोन किया तो उसने कहा मै अंदर ही हु आजाओ यही पर और फिर मैं अन्दर चला गया हम वहाँ करीब 2 घंटे बैठ कर बाते करने के बाद अपने अपने घर चले गए और ऐसे ही करते करते दोस्तो 3 महीने गुजर गए और अब तो दोस्तो मैं उसको हर रोज मिलता और उसे उसके घर तक भी छोड़ कर आता था लेकिन दोस्तो उसने मुझे एक बार भी अपने घर वालो से नही मिलवाया था बस यही बात मुंझे परेशान करती थी और एक दिन मैंने उससे ये बात भी कह दी तो उसने कहा देखो जब मैं 18 साल की हो जाऊंगी तब मिलवा दूंगी और अपनी शादी की भी बात कर लुंगी ओके तो मैंने भी दोस्तो बेमन बोल दिया ओके ठीक है और उसके कुछ दिन बाद से उसने मुझसे मिलना जुलना भी बन्द कर दिया और और उसका फ़ोन भी अब हमेशा बन्द रहता था फिर एक दिन करीब रात के 11 बजे दोस्तो मुझे कुछ जरूरी काम पड़ा तो मै उसी कब्रिस्तान के पास से हो कर जा रहा था के अचानक मेरी नजर फिर से कब्रिस्तान के अंदर पड़ी तो मैंने वहाँ जो देखा उसे देख कर तो दोस्तो मेरे होश ही उड़ गये मैंने देखा कि रोज़ी वहाँ पर लड़के के साथ में बैठ कर बाते कर रही हैं तो मुझसे रहा नहीं गया और मैं सीधा अंदर उसके पास पहुंच गयापर जैसे ही मैं वहाँ पहुँचा तो मैंने देखा कि रोज़ी वहाँ पर अकेली ही बैठी थी और न जाने अपने आप मे किससे बात कर रही थी मैंने वहा उसके पास जाके उसे न जाने कितनी ही आवाजे दी और न जाने कितनी ही बार उसे उससे बाते करने की कोशिश की पर वो तो जैसे मेरी आवाज ही नही सुन रही फिर मुझे थोड़ा सा अंदाजा हुआ कि हो न हो ये कोई भूत प्रेत का चक्कर है फिर मैंने रोज़ी एक जोरदार तमाचा मारा और फिर से उसे आवाज दी अब इस बार उसको होश आ गया और जैसे ही उसे होश आया तो वो मुझसे कहने लगी राज तुम यहाँ क्यू आ गए तुम यहां से जल्दी चले जाओ वरना वो तुम्हे मार देगा तो मैंने उससे पूछा कि कौन मारेगा मुझे रोज़ी तो वो कहने लगी के वही जिसने मेरे भाई को मारा है तो मैंने उसे बहुत समझाया कि देखो ऐसा कुछ नही होगा पर वो मेरी बात सुनने को तैयार ही नहीं थी बस कहे जा रही थी कि तुम चले जाओ वरना वो तुम्हे मार देगा उसने ये बात बोली ही थी के दोस्तो तभी न जाने किसने मुझे अचानक आके गले से पकड़ कर हवा में उठा दिया पर मुझे कोई दिख नही रहा था के तभी उसने मुझसे बड़े ही गुस्से में बोला की ये तुझे यहा से जाने को बोल रही हैं तो तू यहां जाता क्यों नहीं चला जा यहा से वरना मारा जाएगा मेरे हाथो और दोस्तो उसने मुझे कुछ इस प्रकार से पकड रखा था कि मैं चाह कर भी कुछ कर न पाया अचानक मेरे शरीर काँपने लगा मेरा गला सूखने लगा मेरे मुंह से आवाज भी नहीं निकल रही थी फिर तभी उसने रोज़ी को भी हवा में उठाया और मुझे वही पर बड़ी जोर से पटक दिया और मैं वही दर्द से बेहाल पड़ा रहा पर मैं ना जाने क्यों पर फिर भी मै।होश था अब चाहे आप इसे मेरी किस्मत समझे या बदकिस्मती पर मैं होश में था पर मेरा शरीर एकदम सुन्न पड़ गया था लेकिन तभी मैंने देखा कि उसने रोज़ी को वहीं मेरे बगल में पटक दिया और एक एक करके उसने उसके सारे कपड़े फाड़ दिए अब रोज़ी एकदम नग्न अवस्था में मेरे सामने पड़ी थी फिर तभी अचानक से एक काला साया रोज़ी के ऊपर चढ़ कर जबरदस्ती उसके साथ संभोग करने लगा और मैं वहां उसके लिए कुछ भी नहीं कर पा रहा था फिर मैंने भगवान का नाम लेकर किसी तरह हिम्मत जुटाई और।उठ कर जोर जोर से हनुमान चालीसा का जाप करने लगा और न जाने उस वक्त मेरे अन्दर कहा से इतनी शक्ति आ गयी कि मैंने उस शैतान को जोर से पकड़।कर बहुत दूर फेंक दिया और।रोज़ी को अपना कुर्ता उतार कर।पहनाया उस वक्त दोस्तों रोज़ी बेहोश होकर पड़ी थी के फिर किसी ने जैसे मुझपे अचानक से पीछे बहुत जोर का डंडा मारा और मैं वही बेहोश हो गया और जब मुझे होश आया तो मैं किसी बंद कमरे में जमीन पे बंधा पड़ा था और कुछ देर बाद एक तांत्रिक जैसा एक आदमी मेरे सामने आया और फिर उसने मेरे चारो ओर लाल रंग से एक आकृति बनाई और।कुछ मन्त्र पढ़ने लगा फिर वो मंत्र पढ़ते हुए मेरे पास आया और मुझसे बोला के आज तेरी वजह मै उस आत्मा को पकड़ने में न कामयाब रहा अगर तू मुझे उससे दूर नही फेंकता तो आज मैं पूरी 101वी को भी पकड़।लेता तेरी वजह वो बचकर भाग गई अब तुझे इसकी सजा भुगतनी होगी और फिर उसने मेरे बाये हाथ के बीच की नसों को बारी बारी से 6 बार काटा और जितनी बार वो नस काटता उतनी बार वो कुछ लाल रंग मंत्र बोलते हुए मेरी नसों भर देता फिर वो ये सब करने के बाद मुझे वही तड़पते हुए छोड़ कर चला गया और अगले दिन फिर वो कुछ तंत्र की सामग्री ले कर आया और कुछ मंत्र बोलते हुए उसने कहा देख आज मैं तेरी आंखों के सामने ही उस आत्मा को यहां बुलाऊंगा और उसे अपने काबू मे करूँगा और फिर उसने मंत्र बोलते हुए वहा जल रही अग्नि में वो सामग्रिया डालते हुए रोज़ी की आत्मा को वहां बुलाया और फिर उससे कहा कि तू इसे बहुत चाहती हैं ना अगर तू इसे जिंदा देखना चाहती हैं तो तू जल्दी से इस कलश में चली जा वरना मैं इसकी बलि चढ़ा दूंगा शैतान को और दोस्तों रोज़ी की आत्मा ने जाते जाते मुझसे से कहा कि मै तुम्हे बहुत प्यार करती हूं राज और ये मैं तुम्हें बचाने के लिए कर रही हूं तुमने जो मुझसे हमारी पहली मुलाकात में कहा था उस बात को कभी नहीं भूलना राज तो मैंने उस तांत्रिक की ओर देखा उससे विनती करने लगा के प्लीज उसे छोड़।दो और रोते हुए रोज़ी से कहा कि तुम मेरी चिंता मत करो मुझे कुछ नहीं होगा और तुम ऐसा मत करो पर रोज़ी ने मुझे बडे प्यार से देखा और उस कलश में चली गयी और फिर उस तांत्रिक ने उस कलश को उसी अग्नि में डाल दिया और वो जाने लगा पर जाते जाते उसने मुझसे कहा कि आज से तू भी एक शैतान की तरह जियेगा ये मेरा शाप है तुझे क्योंकि तेरी वजह मेरा सपना अधूरा ही रह गया और फिर मैं बेहोश हो गया और जब मुझे होश आया तब मैं अपने घर में था और मेरे घर वाले मेरे पास बैठे थे मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि मैं उन्हें वहां कब्रिस्तान के बाहर बेहोश पड़ा मिला और मैं 3 दिन बेहोश ही था फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि उस क्या हुआ था तुम्हारे साथ तो मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया बस कह दिया कि मैंने वहां भूत देख लिया था बस इतना ही पर अब मैं ठीक हु आप चिंता मत करो और फिर सबकों दिलाशा देके सबको शान्त करवाया और फिर पहले जैसे रहने लगा पर मुझे रोज़ी की बहुत याद आती थी फिर मैंने उसके बारे मे पता किया तो मुझे पता लगा कि रोज़ी को मरे 2 साल हो चुके हैं पर आज भी मुझे ये बा नहीं समझ में आती है कि मेरा और उसका ऐसा कौन सा रिश्ता था कि उसने मेरे लिये इतनी बड़ी कुर्बानी देदी और दोस्तो सच कहु तो मुझपे उस दिन से ही अजीबोगरीब बदलाव होगए अक्सर मुझे अचानक ही गुस्सा आ जाता हैं और मैं जैसे अपने काबू में नहीं रहता हूँ हो न हो दोस्तो कही न कहीं उस तांत्रिक का श्राप मुझपे असर कर ही गया तब से लेकर आजतक मैं अपने अंदर के इस शैतान से लड़ रहा हूँ दोस्तो आपको क्या लगता हैं दोस्तो की क्या मैं ये लड़ाई जीत पाऊंगा की नही बताईयेगा जरूर धन्यवाद फिर मिलेंगे दोस्तो

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