हार जीत - 2 S Sinha द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

हार जीत - 2

अंतिम भाग 2 - पहले अंक में आपने निर्मला और गरिमा के शर्त के बारे में और उनके साथ हुई दुर्घटना के बारे में पढ़ा . अब आगे पढ़ें इस शर्त का अंजाम क्या हुआ .

कहानी --हार जीत 2


निर्मला बोली “ नहीं , आज मुझे खाने का मन नहीं है . “ बोलकर चुप चाप बेड पर सो गयी . सुमीत भी चेंज कर बेड पर सोने आया . उसने महसूस किया कि निर्मला मेरे बाहर से आने पर दिन भर का हाल चाल पूछती थी और

आज एक शब्द भी नहीं बोल रही है . उधर निर्मला को गरिमा की कही बात याद आ रही थी कि सुमीत को कुछ नहीं बताएगी .सुमीत ने ही पूछा “ सो गयी क्या ? तबियत तो ठीक है ? ‘


निर्मला दूसरी ओर करवट लिए सोयी थी , उसने कोई जबाब नहीं दिया . तब सुमीत ने खींच कर अपनी तरफ किया . उसने देखा कि निर्मला रो रही थी . तब वह बोला “ तुम्हें मेरी कसम , क्या बात है बोलो तो सही . मैं कैसे समझूंगा तुम्हें क्या तकलीफ है . “


निर्मला फिर भी खामोश रही . सुमीत के बार बार कसम देने पर रोते हुए उसने सारी घटना सुनाई और कहा “ मुझे बहुत दुःख है तुम्हारी निर्मला अब निर्मल नहीं रही . मैं अब किस मुँह से इस घर में रहूँगी ?”


“ पागल मत बनो , इसमें तुम्हारा क्या कसूर है ? दोषी तो वे बदमाश थे . तुम मेरे लिए अभी भी उतनी ही निर्मल हो . भूल जाओ कि कुछ भी बुरा हुआ था तुम्हारे साथ . कल सुबह चल कर पुलिस में रिपोर्ट करते हैं . “


“ नहीं , प्लीज ऐसा नहीं करना . मुझे कोई रिपोर्ट नहीं करनी है . “ निर्मला बोली


“ पर इस से तो बदमाशों की हिम्मत बढ़ेगी . “


“ हाँ हो सकता है . पर साथ में मैं और गरिमा टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज़ बन जायेंगे . फिर थाना , मेडिकल टेस्ट कोर्ट कचहरी का सिलसिला लम्बा चलेगा . हमें इस झमेले में नहीं पड़ना है . आप यहाँ से कहीं दूर ट्रांसफर करा लें . “


और निर्मला सुमीत की बांहों में कैद हो रात भर सुकून से सोई . सुबह उठी तो सब कुछ आम दिनों जैसा सामान्य रहा . गरिमा ने फोन पर उसका हाल पूछा तो बोली “ हाँ , सब कुछ सामान्य है . मैंने रात वाली घटना सुमीत को बता भी दिया है . “


यह सुनकर गरिमा को आश्चर्य हुआ . वह सोचने पर मजबूर हो गयी कि निर्मला के साथ इतना बुरा हुआ सुनकर भी उसका पति नार्मल है . और मेरे साथ कुछ नहीं हुआ फिर भी अतुल को मुझ पर भरोसा नहीं हुआ . मैंने तो अतुल के भरोसे निर्मला से शर्त भी लगायी थी कि वह मुझ पर आँख मूँद कर भरोसा करता है .


उधर अतुल और गरिमा में बोलचाल करीब बंद थी , बस हुं , हां या ना में काम चल रहा था . रात में बेड पर अतुल और गरिमा ३६ के आंकड़े में लेटे थे . गरिमा अतुल की ओर जब भी करवट बदलती वह दूसरी ओर मुड़ जाता . उसके पूछने पर अतुल बोला “ मेरा मूड नहीं है बात करने का , चुप चाप तुम भी सो जाओ . “


अगली रात भी दोनों के बीच ऐसी ही स्थिति बनी रही थी . गरिमा ने पूछा “ आखिर कब तक ऐसा चलेगा ? “


अतुल बोला “ तुम कुछ दिनों के लिए मैके क्यों नहीं चली जाती ? दोनों को थोड़ा चेंज होगा . “


“ चली जाऊँगी , पर मुझे चेंज की जरुरत नहीं है . “


गरिमा अगले दिन अपने मैके चली गयी . उसने निर्मला को भी कुछ नहीं बताया . वह शर्म से चाह कर भी नहीं बता सकी थी . इधर पूरे शहर में बदनामी के डर से सुमीत या अतुल किसी ने भी इस घटना की रिपोर्ट पुलिस में नहीं की . बल्कि कुछ ही दिनों के अंदर सुमीत ने अपना ट्रांसफर सुदूर नार्थ ईस्ट प्रान्त में करा लिया .


कुछ दिनों के बाद गरिमा के भाई गौरव का आयरलैंड से फोन आया . मैके में उस समय गरिमा ही घर पर थी , उसके माता पिता बाहर पड़ोसी के यहाँ किसी फंक्शन में गए थे . गौरव ने पूछा “ तुम कब आयी यहाँ और कैसी हो तुम ? अतुल भी आया होगा , कहाँ है वह ?”


गरिमा कुछ देर चुप रही फिर बोली “ नहीं मैं अकेले ही आयी हूँ . “


“ पर शादी के बाद इसके पहले तो कभी अकेली नहीं आयी थी . तुम दोनों के बीच सब ठीक तो है ? “


तब गरिमा ने उस दिन की घटना भाई को बतायी . उसने पूछा “ मम्मी पापा को भी बताया है इस बारे में ? “


“ नहीं “


“ अच्छा तुम्हें याद होगा शादी में मैंने तुम्हें एक भी घड़ी दी थी और कहा था इसे बाहर जाना तो पहन लिया करना . वह घड़ी तुम पहनी थी उस समय ? “


“ हाँ , पहनी तो थी , पर वह बदमाश छीन कर ले गया . “


“ अच्छा , अभी रखता हूँ कुछ देर बाद फोन करता हूँ . “


गौरव ने कुछ ही दिन पहले नया सेल फोन ख़रीदा था . उसने पुराने फोन को भी एक्टिव था क्योंकि उसमें काफी डेटा थे . पर फोन कहीं रख कर भूल गया , उसने उस फोन को खोजना शुरू किया तो उसकी पत्नी बोली “ क्यों पुराने फोन के पीछे परेशान हो रहे हो ? उसे तो मैंने तुम्हारे क्लोजेट में देखा था . “


गौरव को पुराना फोन मिल गया . उसने पत्नी को संक्षेप में गरिमा की बात बतायी . तब वह बोली “ इस फोन का उससे क्या ताल्लुक है . “


“ बहुत ताल्लुक है . इस फोन में मैंने एक एप्प डाऊनलोड कर रखा है, और यह एप्प वाई फाई से एक जी पी एस ( GPS ) से जुड़ा है . वह जी पी एस गरिमा की रिस्ट वाच में है . यह घड़ी जिसके भी पास हो , इससे मुझे उसके लोकेशन का सही सही पता मिल जायेगा . “


इत्तफाक से वह घड़ी बदमाश के पास थी और वह उसे इस्तेमाल कर रहा था . गौरव ने अपने फोन से पता लगा लिया की वह बदमाश कहाँ पर है . उसने इंडिया अपने घर फोन किया . फोन उसके पिता ने उठाया . वह बोला “ गरिमा के साथ एक हादसा हुआ था , आपको कुछ बताया है उसने ? “


पिता के नहीं कहने पर उसने वह घटना बतायी . फिर बोला “ गरिमा को उसी दिन पुलिस को घटना की सूचना देनी थी . खैर आप बिना देर किये पुलिस के सीनियर अफसर को उस बदमाश का पता बता कर FIR दर्ज कराएं मैं उस बदमाश का लोकेशन बता रहा हूँ , आप पुलिस को तुरंत सम्पर्क करें . मैं खुद भी पुलिस से बात कर रहा हूँ. “


गरिमा के पिता ने पुलिस को उस रात की घटना और बदमाश के ठिकाने की सूचना दी . वह घड़ी तो उसी बदमाश के पास थी जिसने गरिमा से छेड़छाड़ की थी . वह जल्द ही पकड़ा गया . फिर जब पुलिस ने थर्ड डिग्री अपनाया तो उसने तुरंत दूसरे बदमाश का भी पता बताया . दोनों बदमाशों ने अपने अपने जुर्म स्वीकार

किये . उसने कहा कि गरिमा के साथ सिर्फ हाथापाई और झड़प भर हुई थी . गरिमा का पति अतुल भी वहां मौजूद था . पुलिस उन दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर ले गयी और उन पर यथोचित धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दायर किया .


अतुल ने गरिमा से अपनी भूल के लिए माफ़ी मांगी और कहा “ मुझे माफ़ कर दो , मुझे तुम्हारी बात पर विश्वास करना चाहिए था . “


“ इट्स ओके . पर मुझे अभी सुमीत के स्कूल जाना होगा . उसका या गरिमा किसी का है फोन नहीं लग रहा

है “


वह अपने पति के साथ स्कूल गयी तो प्रिंसिपल ने बताया कि सुमीत का वहां से ट्रांसफर हो गया है. उसने सुमीत के नए स्कूल का फोन नंबर माँग कर उस स्कूल में फोन किया . वहां का प्रिंसिपल पहले तो सुमीत का पता नहीं दे रहा था . पर बहुत कहने पर उसने सुमीत का नंबर दिया . गरिमा ने उसे फोन किया तो इत्तफाक से फोन निर्मला ने ही उठाया .


गरिमा बोली “ अरे तुम मुझसे रूठ कर इतनी दूर चली गयी , तुम दोनों ने अपना फोन नंबर भी चेंज कर लिया है . उस काली रात को जो हुआ उसमें मेरी तो कोई गलती नहीं थी . “


निर्मला बोली “ मैंने उस रात की घटना के लिए कब तुम्हें दोषी कहा ? बस समझो मेरी नियति थी . वह तो सुमीत का बड़प्पन था कि -----”


गरिमा बोली “ मैंने भी तो इसीलिए फोन किया है . मुझे अपने पति पर बहुत गर्व था कि वह मुझ पर आँख मूँद कर विश्वास करता है . मेरे साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ था , लेकिन मेरे कहने पर अतुल ने मेरी बातों पर यकीन नहीं किया . तुमने सुमीत से अपने साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बारे में बता दिया . उसने सब कुछ जानते हुए भी तुम्हें इस घटना के लिए दोषी नहीं माना और तुम दोनों पहले की तरह एक दूसरे से खुश हो .और एक मैं हूँ जिसके पति को अपनी पत्नी पर भरोसा ही नहीं है . तुम नहीं जानती मुझे किस अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ा है . “


“ मैं और सुमीत तो उस घटना को भूल कर आगे बढ़ चुके हैं और तुम अभी भी वहीँ अटक गयी हो ? छोड़ो इन बातों को और बताओ जीजू कैसे हैं .”


“ मैं अग्निपरीक्षा में पास हुई तब जा कर तुम्हारे जीजू की अक्ल ठिकाने आयी है . वो मुंह लटकाये खड़े हैं .”


“ अरे उन्हें मेरा नमस्ते बोल . और हाँ , तुमलोग कभी यहाँ हमारे यहाँ नार्थईस्ट में आओ .बहुत अच्छी जगह है मजा आएगा . जरा जीजू को भी फोन दे .”


अतुल फोन पकड़े बहुत देर तक खामोश रहा था . निर्मला बोली “ जीजू हमसे क्यों नाराज हैं . “


“ मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ , खुद पर शर्मिदा हूँ . मैंने गरिमा की बात नहीं मान कर गलती किया है . और मुझे गरिमा ने तुम दोनों के बीच लगी शर्त के बारे में भी पता चल गया है .” अतुल बहुत मुश्किल से बोल सका था .


तभी फोन गरिमा ने ले कर कहा “ खैर अब सारा सच सामने आ गया है . शर्त तू जीती , मैं हारी और देर से ही सही इस जीत की तुम्हें बधाई . “


अतुल वहीँ सर झुकाये खड़ा था .


यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है और किसी पात्र या घटना या जगह का भूत या वर्तमान से कोई सम्बन्ध नहीं है


निर्मला बोली “ नहीं , आज मुझे खाने का मन नहीं है . “ बोलकर चुप चाप बेड पर सो गयी . सुमीत भी चेंज कर बेड पर सोने आया . उसने महसूस किया कि निर्मला मेरे बाहर से आने पर दिन भर का हाल चाल पूछती थी और

आज एक शब्द भी नहीं बोल रही है . उधर निर्मला को गरिमा की कही बात याद आ रही थी कि सुमीत को कुछ नहीं बताएगी .सुमीत ने ही पूछा “ सो गयी क्या ? तबियत तो ठीक है ? ‘


निर्मला दूसरी ओर करवट लिए सोयी थी , उसने कोई जबाब नहीं दिया . तब सुमीत ने खींच कर अपनी तरफ किया . उसने देखा कि निर्मला रो रही थी . तब वह बोला “ तुम्हें मेरी कसम , क्या बात है बोलो तो सही . मैं कैसे समझूंगा तुम्हें क्या तकलीफ है . “


निर्मला फिर भी खामोश रही . सुमीत के बार बार कसम देने पर रोते हुए उसने सारी घटना सुनाई और कहा “ मुझे बहुत दुःख है तुम्हारी निर्मला अब निर्मल नहीं रही . मैं अब किस मुँह से इस घर में रहूँगी ?”


“ पागल मत बनो , इसमें तुम्हारा क्या कसूर है ? दोषी तो वे बदमाश थे . तुम मेरे लिए अभी भी उतनी ही निर्मल हो . भूल जाओ कि कुछ भी बुरा हुआ था तुम्हारे साथ . कल सुबह चल कर पुलिस में रिपोर्ट करते हैं . “


“ नहीं , प्लीज ऐसा नहीं करना . मुझे कोई रिपोर्ट नहीं करनी है . “ निर्मला बोली


“ पर इस से तो बदमाशों की हिम्मत बढ़ेगी . “


“ हाँ हो सकता है . पर साथ में मैं और गरिमा टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज़ बन जायेंगे . फिर थाना , मेडिकल टेस्ट कोर्ट कचहरी का सिलसिला लम्बा चलेगा . हमें इस झमेले में नहीं पड़ना है . आप यहाँ से कहीं दूर ट्रांसफर करा लें . “


और निर्मला सुमीत की बांहों में कैद हो रात भर सुकून से सोई . सुबह उठी तो सब कुछ आम दिनों जैसा सामान्य रहा . गरिमा ने फोन पर उसका हाल पूछा तो बोली “ हाँ , सब कुछ सामान्य है . मैंने रात वाली घटना सुमीत को बता भी दिया है . “


यह सुनकर गरिमा को आश्चर्य हुआ . वह सोचने पर मजबूर हो गयी कि निर्मला के साथ इतना बुरा हुआ सुनकर भी उसका पति नार्मल है . और मेरे साथ कुछ नहीं हुआ फिर भी अतुल को मुझ पर भरोसा नहीं हुआ . मैंने तो अतुल के भरोसे निर्मला से शर्त भी लगायी थी कि वह मुझ पर आँख मूँद कर भरोसा करता है .


उधर अतुल और गरिमा में बोलचाल करीब बंद थी , बस हुं , हां या ना में काम चल रहा था . रात में बेड पर अतुल और गरिमा ३६ के आंकड़े में लेटे थे . गरिमा अतुल की ओर जब भी करवट बदलती वह दूसरी ओर मुड़ जाता . उसके पूछने पर अतुल बोला “ मेरा मूड नहीं है बात करने का , चुप चाप तुम भी सो जाओ . “


अगली रात भी दोनों के बीच ऐसी ही स्थिति बनी रही थी . गरिमा ने पूछा “ आखिर कब तक ऐसा चलेगा ? “


अतुल बोला “ तुम कुछ दिनों के लिए मैके क्यों नहीं चली जाती ? दोनों को थोड़ा चेंज होगा . “


“ चली जाऊँगी , पर मुझे चेंज की जरुरत नहीं है . “


गरिमा अगले दिन अपने मैके चली गयी . उसने निर्मला को भी कुछ नहीं बताया . वह शर्म से चाह कर भी नहीं बता सकी थी . इधर पूरे शहर में बदनामी के डर से सुमीत या अतुल किसी ने भी इस घटना की रिपोर्ट पुलिस में नहीं की . बल्कि कुछ ही दिनों के अंदर सुमीत ने अपना ट्रांसफर सुदूर नार्थ ईस्ट प्रान्त में करा लिया .


कुछ दिनों के बाद गरिमा के भाई गौरव का आयरलैंड से फोन आया . मैके में उस समय गरिमा ही घर पर थी , उसके माता पिता बाहर पड़ोसी के यहाँ किसी फंक्शन में गए थे . गौरव ने पूछा “ तुम कब आयी यहाँ और कैसी हो तुम ? अतुल भी आया होगा , कहाँ है वह ?”


गरिमा कुछ देर चुप रही फिर बोली “ नहीं मैं अकेले ही आयी हूँ . “


“ पर शादी के बाद इसके पहले तो कभी अकेली नहीं आयी थी . तुम दोनों के बीच सब ठीक तो है ? “


तब गरिमा ने उस दिन की घटना भाई को बतायी . उसने पूछा “ मम्मी पापा को भी बताया है इस बारे में ? “


“ नहीं “


“ अच्छा तुम्हें याद होगा शादी में मैंने तुम्हें एक भी घड़ी दी थी और कहा था इसे बाहर जाना तो पहन लिया करना . वह घड़ी तुम पहनी थी उस समय ? “


“ हाँ , पहनी तो थी , पर वह बदमाश छीन कर ले गया . “


“ अच्छा , अभी रखता हूँ कुछ देर बाद फोन करता हूँ . “


गौरव ने कुछ ही दिन पहले नया सेल फोन ख़रीदा था . उसने पुराने फोन को भी एक्टिव था क्योंकि उसमें काफी डेटा थे . पर फोन कहीं रख कर भूल गया , उसने उस फोन को खोजना शुरू किया तो उसकी पत्नी बोली “ क्यों पुराने फोन के पीछे परेशान हो रहे हो ? उसे तो मैंने तुम्हारे क्लोजेट में देखा था . “


गौरव को पुराना फोन मिल गया . उसने पत्नी को संक्षेप में गरिमा की बात बतायी . तब वह बोली “ इस फोन का उससे क्या ताल्लुक है . “


“ बहुत ताल्लुक है . इस फोन में मैंने एक एप्प डाऊनलोड कर रखा है, और यह एप्प वाई फाई से एक जी पी एस ( GPS ) से जुड़ा है . वह जी पी एस गरिमा की रिस्ट वाच में है . यह घड़ी जिसके भी पास हो , इससे मुझे उसके लोकेशन का सही सही पता मिल जायेगा . “


इत्तफाक से वह घड़ी बदमाश के पास थी और वह उसे इस्तेमाल कर रहा था . गौरव ने अपने फोन से पता लगा लिया की वह बदमाश कहाँ पर है . उसने इंडिया अपने घर फोन किया . फोन उसके पिता ने उठाया . वह बोला “ गरिमा के साथ एक हादसा हुआ था , आपको कुछ बताया है उसने ? “


पिता के नहीं कहने पर उसने वह घटना बतायी . फिर बोला “ गरिमा को उसी दिन पुलिस को घटना की सूचना देनी थी . खैर आप बिना देर किये पुलिस के सीनियर अफसर को उस बदमाश का पता बता कर FIR दर्ज कराएं मैं उस बदमाश का लोकेशन बता रहा हूँ , आप पुलिस को तुरंत सम्पर्क करें . मैं खुद भी पुलिस से बात कर रहा हूँ. “


गरिमा के पिता ने पुलिस को उस रात की घटना और बदमाश के ठिकाने की सूचना दी . वह घड़ी तो उसी बदमाश के पास थी जिसने गरिमा से छेड़छाड़ की थी . वह जल्द ही पकड़ा गया . फिर जब पुलिस ने थर्ड डिग्री अपनाया तो उसने तुरंत दूसरे बदमाश का भी पता बताया . दोनों बदमाशों ने अपने अपने जुर्म स्वीकार

किये . उसने कहा कि गरिमा के साथ सिर्फ हाथापाई और झड़प भर हुई थी . गरिमा का पति अतुल भी वहां मौजूद था . पुलिस उन दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर ले गयी और उन पर यथोचित धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दायर किया .


अतुल ने गरिमा से अपनी भूल के लिए माफ़ी मांगी और कहा “ मुझे माफ़ कर दो , मुझे तुम्हारी बात पर विश्वास करना चाहिए था . “


“ इट्स ओके . पर मुझे अभी सुमीत के स्कूल जाना होगा . उसका या गरिमा किसी का है फोन नहीं लग रहा

है “


वह अपने पति के साथ स्कूल गयी तो प्रिंसिपल ने बताया कि सुमीत का वहां से ट्रांसफर हो गया है. उसने सुमीत के नए स्कूल का फोन नंबर माँग कर उस स्कूल में फोन किया . वहां का प्रिंसिपल पहले तो सुमीत का पता नहीं दे रहा था . पर बहुत कहने पर उसने सुमीत का नंबर दिया . गरिमा ने उसे फोन किया तो इत्तफाक से फोन निर्मला ने ही उठाया .


गरिमा बोली “ अरे तुम मुझसे रूठ कर इतनी दूर चली गयी , तुम दोनों ने अपना फोन नंबर भी चेंज कर लिया है . उस काली रात को जो हुआ उसमें मेरी तो कोई गलती नहीं थी . “


निर्मला बोली “ मैंने उस रात की घटना के लिए कब तुम्हें दोषी कहा ? बस समझो मेरी नियति थी . वह तो सुमीत का बड़प्पन था कि -----”


गरिमा बोली “ मैंने भी तो इसीलिए फोन किया है . मुझे अपने पति पर बहुत गर्व था कि वह मुझ पर आँख मूँद कर विश्वास करता है . मेरे साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ था , लेकिन मेरे कहने पर अतुल ने मेरी बातों पर यकीन नहीं किया . तुमने सुमीत से अपने साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बारे में बता दिया . उसने सब कुछ जानते हुए भी तुम्हें इस घटना के लिए दोषी नहीं माना और तुम दोनों पहले की तरह एक दूसरे से खुश हो .और एक मैं हूँ जिसके पति को अपनी पत्नी पर भरोसा ही नहीं है . तुम नहीं जानती मुझे किस अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ा है . “


“ मैं और सुमीत तो उस घटना को भूल कर आगे बढ़ चुके हैं और तुम अभी भी वहीँ अटक गयी हो ? छोड़ो इन बातों को और बताओ जीजू कैसे हैं .”


“ मैं अग्निपरीक्षा में पास हुई तब जा कर तुम्हारे जीजू की अक्ल ठिकाने आयी है . वो मुंह लटकाये खड़े हैं .”


“ अरे उन्हें मेरा नमस्ते बोल . और हाँ , तुमलोग कभी यहाँ हमारे यहाँ नार्थईस्ट में आओ .बहुत अच्छी जगह है मजा आएगा . जरा जीजू को भी फोन दे .”


अतुल फोन पकड़े बहुत देर तक खामोश रहा था . निर्मला बोली “ जीजू हमसे क्यों नाराज हैं . “


“ मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ , खुद पर शर्मिदा हूँ . मैंने गरिमा की बात नहीं मान कर गलती किया है . और मुझे गरिमा ने तुम दोनों के बीच लगी शर्त के बारे में भी पता चल गया है .” अतुल बहुत मुश्किल से बोल सका था .


तभी फोन गरिमा ने ले कर कहा “ खैर अब सारा सच सामने आ गया है . शर्त तू जीती , मैं हारी और देर से ही सही इस जीत की तुम्हें बधाई . “


अतुल वहीँ सर झुकाये खड़ा था .


नोट - यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है और किसी पात्र या घटना या जगह का भूत या वर्तमान से कोई सम्बन्ध नहीं है