Last Summer Niraj Bishwas द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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Last Summer

नीरज गर्मियां के छुट्टी में घर आया है जो शहर के एक प्राइवेट स्कूल
में पढ़ता है ,और परिवार के साथ टाइम spend करना चहता है,अब मैं अपनी कहानी शुरु करने जा रहा हू।आप लोगो के तरफ से सहयोग की आशा करता हू।

( Niraj गर्मियों की छट्टियों में घर पर)
नीरज : Hello Bhai Aditya , और छुट्टी कैसी चल रही है ,तब क्या सब चल रहा है ,मुझे ऐसे लग रहा है कि तू पूरे मज़े में है ,

आदित्य : ये बात तो पूरे १०० परसेंट सही बोला तू नीरज, मै तो पूरे मज़े में हूं ,मुझे लग रहा है तू भी मज़े में ही होगा ,

नीरज: मैं तो पूरे दिन मस्ती करता हूं ,बस थोडा एग्जाम का टेंशन होता है कभी कभी ,

आदित्य : अबे साले तुझे टेंशन हो रहा है तो मुझे कितना होगा ,अपना बकवास बंद करो,सब मिला के मेरा और तुम्हारा ठीक है but Isha bhut problem में होगी ,उसे कुछ समझ नहीं आ रहा होगा क्या करे वो, नीरज ,:क्यूं यार और ,उसके बारे में तुझे कैसे पता चला,
आदित्य:अरे यार तुम भी न बड़े कमाल के हो ,जिस तरह से वो तुम्हे चाहती है इससे तो साफ है वो तुम्हे कितना miss करती होगी ,उससे तो कोई काम भी ठीक से नहीं होता होगा शायद,

नीरज : वो लड़की पागल है समझा , मैं इतना सीधा साधा हूं और मैंने आज तक कभी किसी लड़की को इंप्रेस करने की कोशिश तक नहीं की ,मुझे इतना पता है उसे बस attraction hai कुछ दिनों में खुद चला जाएगा।और अलग से उसका विधायक बाप ,मुझे साला वो कन्ही का नहीं छोड़ेगा ,मुझे अभी लाइफ में भूत मस्ती करना है और मरना नहीं है समझा ,

आदित्य:अरे यार वो तेरे ही area Ka vidhyak hai na ,saale हां कह दे जिंदगी सेट हैं,लोग तुझे विधायक का दामाद कहेंगे ,उसके बाद तुम्हारा मस्ती ही मस्ती,

नीरज :साले हां कहूंगा ना कटवा के फिकवा देगा,और किसी को खबर तक नहीं होगा की मुझे knha पर काट कर रखा है,मुझे अभी बहुत जीना है ,

आदित्य :नहीं यार वो बचा लेगी तुझे ,आखिर वो तुझसे प्यार करती है ,और विधायक भी साला बाप तो है ,अपने बेटी को मना नहीं कर पाएगा,

नीरज :अच्छा ठीक है अब फोन रखते है और यह सब एमेच्योर लव है इसका कुछ नहीं हो सकता है,बाय आदित्य ,

आदित्य:बाय नीरज ,ठीक है तब मस्ती करो

नीरज :ओक बाय

(नीरज अगले सुबह उठा और morning walk par chla gya ,phir वापस आकर सबके साथ चाय पीने लगा ,)

राधिका (नीरज की बहन).:क्या भैया आप भी ना पापा को नहीं बताया आपकी कोई girlfriend hai school mein ,aap toh har baat papa ko btate ho phir yeh baat kyun chips रहें है , मैं भी आप के ही स्कूल में पढ़ती हूं, मुझे सब पता चल गया, अब आप बहाने ना बनाओ और सीधे-सीधे पापा को नाम बता दो

नीरज के पिता : क्या ये सही बात है नीरज ,हां और सुन लो अगर यह सही है तो तुम अपने लक्ष्य तक कभी नहीं पहुंच पाओगे, हम मुश्किल से ही तुम्हारे स्कूल का फीस भर पाते है और इसके आगे तुम्हें अपना रास्ता खुद बनाना है और यदि तुम भटक गए तो फिर हमारी लाइफ वैसे की वैसे ही रह जाएगी, नीरज तुम्हें समझना होगा हमें तुम्हारी कितनी जरूरत है, तुम कुछ भी करना सोच समझ कर करना ,हम मामूली किसान है और यह तुम्हारी पधाई ही सारे मुश्किल से निकलने का हल है।

नीरज: जी पापा , मैं इस बात का पूरा ध्यान रखूंगा और कभी भी आपके आशा पर पानी फेरने नहीं दूंगा ,

नीरज के पिता : सबाश बेटे ,जाओ और मन से pdhai करो ,हम तुम्हारे सफलता की ही दुआ करते है,

(नीरज अब अपने रूम में पढ़ने चला जाता है और तभी उसे किसी का बुलावा आता है और नीरज अपने द्वार पर पहुंचता है)

नीरज: ईशा तुम यहां क्या कर रही हो,तुम्हे पता है ये गांव है लोग यहां तरह तरह कि बातें सोचा करते हैं और यह तुम कार लेकर। अकेले अाई हो ,आखिर क्यूं इतना क्या important ho gya मुझसे ,
ईशा: तुम important हो मेरे लिए नीरज , मैं तुमसे प्यार करती हूं और स्कूल में तो तुम को रोज देख लेती थी but घर में में बहुत मिस कर रही थी इसलिए सोचा मिल लूं तुमसे ,

नीरज के पिता : बेटा ये कौन है ,दोस्त है तो अंदर लेकर जाओ ,

नीरज: जी पापा ,चलो ईशा

नीरज के पिता : बेटा तुम भी नीरज के साथ पढ़ती हो ,और तुम्हारा घर knha है
ईशा: जी अंकल,वो मैं नीरज के क्लास में ही हूं ,और मेरा घर यहीं पास के गांव में है ,
नीरज के पिता : तुम्हारे पिता जी का नाम क्या है ,

ईशा : जी राजवर्धन सिंह ,विधायक है पापा आप तो शायद जानते होंगे
नीरज के पिता: हां जानता हूं तुम उनकी बेटी हो,अच्छा ऐसे कैसे आना हुआ ,
ईशा : अच्छा अंकल मुझे भी आईआईटी एग्जाम्स देने हैं क्या मैं नीरज के पास आ जाऊं पढ़ने,आप बोलेंगे तो मैं आना चाऊंगी
,
नीरज के पिता : अच्छा ठीक है बेटा आ जाओ बट पापा से पूछ लेना पहले शायद तब और अच्छा। हो । अच्छा बेटा नीरज जब जाएगी तो तुम उसे छोड़ कर आना
नीरज: जी पापा ,
ईशा : अच्छा अंकल चलती हूं अब मैं, चलो नीरज ,
नीरज;ये तुमने अच्छा नहीं किया ईशा , हम बहुत ही साधारण लोग हैं हमारे लिए हर कुछ मजाक नहीं है तुम नहीं भी पढ़ोगे तो तुम्हारा काम चल जाएगा मेरा नहीं सो तुम मत आना,
ईशा : ओक नीरज (हंसते हुए ) कल मिलते है,
नीरज: तुम मत आना