A serial killer in shyampur - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

श्यामपुर में सीरियल किलर - 1

बिहार , भारत के उत्तरी भाग का एक राज्य , जो आज से दशकों पूर्व अपराधों, जंगलराज के लिए कुख्यात था, लेकिन समय के साथ सरकार बदली, पुलिस की भूमिका बदली और एक समय आया जब बिहार अपराधों के चुंगल से आगे बढ़ते हुए विकास के दौर में आगे बढ़ा और आज बिहार में अपराधों की संख्या पहले के मुकाबले काफी हद तक कम हो चुका है|बिहार राज्य का एक ज़िला है- श्यामपुर,जिसका जिला मुख्यालय श्यामपुर शहर है , जो बिहार की राजधानी पटना से उत्तर की और लगभग 100 किलोमीटर दूर है| श्यामपुर शहर के वर्त्तमान डीएसपी है - मनोहर प्रकाश| डीएसपी मनोहर प्रकाश अपने ऑफिस में बैठे हुए चाय का लुप्त ले रहे है|


तभी डीएसपी ऑफिस के बाहर एक आदमी और औरत आते है और और वे डीएसपी ऑफिस से बाहर खड़े डीएसपी मनोहर प्रकाश के अंगरक्षक सह डीएसपी के ड्राइवर रविंद्र सहाय से कहते है कि वे डीएसपी मनोहर प्रकाश से मिलना चाहते है|


डीएसपी के अंगरक्षक रविंद्र सहाय : रुकिए, पहले मैं डीएसपी सर से आपके मिलने के बारे में पूछ कर आता हूँ|


डीएसपी के अंगरक्षक रविंद्र सहाय डीएसपी ऑफिस की ओर चला जाता है|


इधर डीएसपी मनोहर प्रकाश ऑफिस में बैठे हुए अभी भी चाय का आनंद ले रहे है |

डीएसपी के अंगरक्षक रविंद्र सहाय, ऑफिस में घुसते हुए: सर, कोई आपसे मिलना चाहता है|


डीएसपी मनोहर प्रकाश : कौन?


डीएसपी के अंगरक्षक रविंद्र सहाय: सर, एक आदमी और औरत है बोल रहे है डीसपी सर से मिलना है |


डीएसपी: ठीक है, उन्हें भेजो |


डीएसपी के अंगरक्षक रविंद्र सहाय डीएसपी ऑफिस से बाहर निकल जाता है|


डीएसपी के अंगरक्षक रविंद्र सहाय बाहर आकर इन्तिज़ार कर रहे आदमी और औरत से डीएसपी ऑफिस में जाने का इशारा करके पास पड़े बेंच पर विराजमान हो जाता है |


वो आदमी और औरत डीएसपी ऑफिस में प्रवेश कर जाते है|


डीएसपी मनोहर प्रकाश उनको देखकर सामने पड़े कुर्सियों पर बैठने का इशारा करते है और वे बैठ जाते है|


डीसपी: आप कुछ लेंगे चाय-कॉफ़ी?


आदमी और औरत एक साथ: नहीं, नहीं...


डीएसपी मनोहर प्रकाश :आप मुझसे मिलना क्यों चाहते थे?


आदमी: जी , आपकी थोड़ी मदद चाहिए|


डीएसपी मनोहर प्रकाश : जी, कहिये |


आदमी:सर,मेरा नाम है अभिनाश सिंह और मेरा श्यामपुर शहर में एक रासन की दुकान है और ये है मेरी पत्नी रीना|दरअशल,हमारा एकलौता बेटा सूरज कुमार इसी शहर के सेंट मार्टिन स्कूल में पढता है |हमारा बेटा कल स्कूल गया था लेकिन वो वापस स्कूल से नहीं लौटा ,हमने स्कूल प्रिंसिपल से बात की लेकिन वे बोले की हमारा लड़का सूरज तो कल शाम को 3 बजे स्कूल से छुट्टी होने के बाद घर की ओर वापस लौट गया|


डीएसपी मनोहर प्रकाश: अच्छा, तो आपका लड़का सूरज स्कूल से निकलने के बाद कल शाम से गायब है |


औरत: हां |


डीएसपी मनोहर प्रकाश : तो आपने नजदीक के पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज करवाया? आप सीधा मुझसे मिलने क्यों चले आये?


आदमी: हाँ, हम गए थे वो सदर पुलिस स्टेशन परन्तु वहाँ के एक सब इंस्पेक्टर ने कहा कि नियम की हिसाब से किसी के गायब होने के कम से कम 24 घंटे बाद ही प्राथमिकी दर्ज करवाया जा सकता है और कहा कि आप 24 घंटे पूरा होने के बाद आइये|


डीएसपी मनोहर प्रकाश : अच्छा , अभी सुबह के 8 बज रहे है, और आपके अनुसार आपका बेटा सूरज कल शाम के 3 बजे से गायब है मतलब उसके गायब होने के बाद अभी 17 घंटे ही हुए है मतलब वो सब इंस्पेक्टर अपने जगह पर सही है |

किसी के गायब होने के 24 घंटे बाद ही प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है


औरत: आपको नहीं पता हमारे ऊपर क्या गुजर रही है |कल शाम से सूरज के बिना हमारे प्राण ही सुख गए है हम रात भर अच्छे से सोये भी नहीं|

(यह कहते हुए सूरज की माँ रोने लगती है और सूरज के पिता उन्हें संभालते है)


डीएसपी मनोहर प्रकाश: मैं समझता हूँ इस वक्त आपके ऊपर क्या गुजर रही होगी जब आपका बेटा पिछले 17 घंटे से गायब है|मैं भी कानून के आगे मजबूर हूँ| आप ही बताइये मैं कर भी क्या सकता हूँ|


सूरज के पिता: सर, आप ही कुछ कर सकते है इसलिए हमलोग आपके पास आये है|


डीएसपी मनोहर प्रकाश:एक रास्ता है , प्राथमिकी दर्ज करवाने के पहले कुछ जांच पड़ताल कराई जा सकती है|मैं तब तक सूरज के गायब होने का जांच पड़ताल करवाता हूँ |देखते है, कुछ पता चलता है या नहीं?


सूरज की माँ: सर ये आपकी हमारे ऊपर बहुत बड़ी उपकार होगी|


डीएसपी मनोहर प्रकाश: ठीक है, क्या मुझे सूरज का फोटो, उसके स्कूल का पता, आपके घर का पता आदि मिल सकता है|


सूरज के पिता: हाँ सर, मैं अभी देता हूँ|


सूरज के पिता अपने जेब से एक कागज़ का टुकड़ा निकल कर उसमे सूरज के स्कूल का पता, अपने घर का पता आदि लिखकर डीएसपी को दे देते है और साथ में सूरज की एक फोटो भी देते है|


सूरज के पिता: सर,और किसी चीज की जरुरत है?


डीएसपी मनोहर प्रकाश: नहीं, अभी इतना काफी है|


डीएसपी मनोहर प्रकाश सदर थाने में कॉल लगते है|कुछ देर बाद डीएसपी के कॉल को उठा लिया जाता है|


डीएसपी मनोहर प्रकाश : हेलो, मैं श्यामपुर डीएसपी मनोहर प्रकाश बात कर रहा हूँ| क्या आप सदर थाने से बात कर रहे है?


उधर से आवाज़: सलाम सर, मैं सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ बात कर रहा हूँ|


डीएसपी मनोहर प्रकाश: हाँ रियाज़, मैंने तुम्हारे फ़ोन पर एक बच्चे के फोटो के साथ एक स्कूल का पता भेजा है|यह लड़का पिछले शाम से गायब है तुम दिए हुए पते के सेंट मार्टिन स्कूल में जाकर इस बच्चे के गायब होने को लेकर पूछताछ करो|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : सर , कुछ देर पहले एक माता -पिता इसी बच्चे का यही फोटो लेकर मेरे थाने में आये थे और बोल रहे थे की ये बच्चा पिछले शाम से गायब है | कही वही बच्चा तो नहीं ना है ?


डीएसपी मनोहर प्रकाश : हां ,हां ,वही है|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : सर , लेकिन वह तो 13-14 घंटे से ही ना गायब है | फिर नियम के हिसाब से गायब होने के ….


डीएसपी मनोहर प्रकाश ,मुहम्मद रियाज़ को बीच में ही रोकते हुए : हाँ, मैं यह अच्छी तरह जानता हूँ की किसी के गायब होने के एक दिन बाद ही यानि 24 घंटे बाद ही प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है इसलिए मैंने प्राथमिकी दर्ज करने को नहीं बल्कि स्कूल में जाकर इसके गायब होने को जांच पड़ताल और पूछताछ को बोला है|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : ओके सर, मैं अभी इस सेंट मार्टिन स्कूल में जाकर इस बच्चे के बारे में पता लगाने की कोशिस करता हूँ |


डीएसपी मनोहर प्रकाश: ठीक है , मुझे सूचित करते रहना|


कॉल कट जाता है|


सूरज की माँ :सर आपका बहुत-बहुत धन्यवाद,अब हमलोग चलते है |


डीएसपी मनोहर प्रकाश: ठीक है आप चलिए हमें जो भी पता चलेगा आपको बता दिया जाएगा |


करीब एक घंटे बाद,सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ और एक पुलिसकर्मी सेंट मार्टिन स्कूल में पहुंचते है|


प्रिंसिपल चैम्बर में घुसने के बाद-


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़,प्रिंसिपल से : सर, मै सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाद और ये है असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर राजन कुमार|


प्रिंसिपल:क्या आपके स्कूल आने के पीछे का कारण मै जान सकता हूँ?


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : दरअसल , हमलोग आपके स्कूल के एक विद्यार्थी सूरज कुमार के गायब होने को लेकर जांच और पूछताछ के लिए आये है|


प्रिंसिपल: सूरज कुमार... वो कक्षा नवी का छात्र, आज सुबह ही तो उसके माता-पिता आये थे| हमने तो उनको बताया ही था कि वो कल शाम को स्कूल छुट्टी के बाद स्कूल से निकलने पर गायब हुआ है| अच्छा, आप बोलिये मैं आपकी किस प्रकार मदद कर सकता हूँ ?


असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर राजन कुमार: क्या आप बता सकते है की सूरज के गायब होने के पीछे क्या कारण हो सकता है?


प्रिंसिपल: हमें इसके बारे में कुछ नहीं पता कि आखिर सूरज के गायब होने का कारण क्या है?


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़: क्या हम सूरज के दोस्तों से बात कर सकते है?


प्रिंसिपल: ठीक है, मै अभी सूरज के दोस्तों को चैम्बर में बुलाता हूँ| आप लोग उनसे मेरे सामने जो पूछताछ करना है कर लीजिये|


असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर राजन कुमार: जी.., उन्हें बुलाइये|


प्रिंसिपल अपने चैम्बर में लगी माइक्रोफोन पर पुकारते है," कक्षा नवी 'A ' के छात्र सूरज कुमार के दोस्तों को सूचित किया जाता है कि वो जितना जल्दी हो सके प्रिंसिपल चैम्बर में उपस्थित हो, धन्यवाद|"


कुछ मिनट बाद, कुछ बच्चे प्रिंसिपल चैम्बर में आते है| प्रिंसिपल उन्हें बैठने का इशारा करते है|


प्रिंसिपल बच्चो से: ये पुलिस अंकल तुमसे सूरज के बारे में कुछ पूछना चाहते है|


सभी बच्चे सहमति में अपना सर हिलाते है |


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : हां, तो क्या आपलोग सूरज के गायब होने के बारे में कुछ बता सकते है?


पहला बच्चा: कल स्कूल से छुट्टी होने के बाद सूरज हमारे साथ ही स्कूल से निकला था और हमलोग उस राजेश्वर चौक से अपने घर की ओर चले गए और सूरज अकेले ही अपने घर की ओर|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : क्या सूरज रोज अपने घर की ओर राजेश्वर चौक से अकेले ही जाता था या कल पहली बार ही गया था?

दूसरा बच्चा: हां, सूरज रोज अपने घर की ओर अकेले जाता था क्योकि सूरज के घर की ओर का कोई भी बच्चा हमारे स्कूल में नहीं पढता है|


असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर: क्या तुमने अंतिम बार सूरज को राजेश्वर चौक पर ही देखा था?


तीसरा बच्चा: हां सर |


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़: क्या तुमने सूरज के साथ किसी अनजान आदमी को देखा?


चौथा बच्चा: नहीं सर|


असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर:सूरज राजेश्वर चौक से किस ओर गया?


पांचवा बच्चा : वो राजेश्वर चौक के दाहिने ओर एक पतली रास्ता निकलती है न? उसी ओर|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ और एएसआई राजन कुमार उन बच्चो से सूरज के बारे में कुछ और सवाल पूछने के बाद|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : ठीक है, अब आपलोग अपने क्लास में जा सकते है|


सभी बच्चे प्रिंसिपल चैम्बर से चले जाते है|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ और एएसआई राजन कुमार भी स्कूल से निकलकर राजेश्वर चौक की ओर चले जाते है|


करीब 10 मिनट बाद वे राजेश्वर चौक पर पहुंच जाते है|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ एक पतली रास्ता की ओर इशारा करते हुए एएसआई राजन कुमार से कहते है: उन बच्चो में से एक ने कहा था कि सूरज राजेश्वर चौक के दायी ओर पतली रास्ता में गया था| वह दाई ओर की पतली रास्ता तो यही ना है?


एएसआई राजन कुमार: हां, इस चौक से दाई ओर केवल यही पतली रास्ता ही तो जाती है|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़: चलो, उस पतली रास्ता पर चलकर देखते है कुछ पता चलता है क्या?|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ अपनी गाड़ी को उस पतली रास्ता की ओर बढ़ा देते है |


पता चलता है कि वो पतली रास्ता तो बहुत सुनसान है और यहाँ से दूर दूर तक कोई घर नहीं दिखता है | उस पतली रास्ते के दोनों ओर कूड़े भरे पड़े थे जिसे नगर सफाई कर्मिओं ने पुरे शहर के घरों से इक्कठा कर डाला था|सब इन्स्पेक्टर मुहमम्द रियाज़ को सामने एक जनरल स्टोर की दुकान दिखती है|


सब इन्स्पेक्टर मुहमम्द रियाज़ ,एएसआई राजन कुमार से : राजन, वह देखो एक जनरल स्टोर की दुकान| चलो वहाँ चलते है शायद कुछ पता चले |


उस दुकान पर पहुंचने के बाद|


उस दुकान पर कोई नहीं था, बस उस दुकान का दुकानदार वहाँ बैठा हुआ था |


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ दुकानदार को सूरज का फोटो दिखते हुए: क्या तुमने इस बच्चे को कभी देखा है ?


दुकानदार: हां , यह लड़का रोज हमारे दुकान के सामने से ही स्कूल आता और जाता है |


एएसआई राजन कुमार: क्या तुमने कल शाम को इस लड़के को देखा?


दुकानदार: कल शाम को? हां, हां, कल शाम को यह लड़का मेरे दुकान से स्कूल से घर जाते समय एक बिस्कुट ख़रीदा था|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ :अच्छे से याद है ना कि ये कल शाम को तुम्हारे दुकान पर आया था?


दुकानदार : हां बिलकुल, अच्छे से याद है| ये लड़का रोज शाम को स्कूल से छुट्टी के बाद मेरे दुकान से बिस्कुट, नमकीन आदि खरीदता रहता है और कल शाम को भी एक बिस्कुट ख़रीदा था |


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : क्या तुम्हे पता है कि यह बच्चा कल शाम से गायब है और घर वापस नहीं लौटा है?


दुकानदार: क्या? यह लड़का कल शाम से घर वापस नहीं लौटा है? क्या हुआ इसके साथ?


एएसआई राजन कुमार : यही तो हम पता लगाने कि कोशिस कर रहे है कि इस बच्चे के साथ आखिर क्या हुआ और ये गायब कैसे हो गया?


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : क्या तुमने कल शाम को कुछ अजीब देखा इस बच्चे के साथ जो संदेह लायक हो?


दुकानदार: नहीं , मेरे दुकान से बिस्कुट खरीदने के बाद यह अपने घर कि ओर चला गया , उस तरफ|


एएसआई राजन कुमार: ठीक है, अब हमलोग चलते है| जरुरत पड़ी तो फिर मिलेंगे|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ और एएसआई राजन कुमार गाड़ी से उस दुकान से आगे बढ़ जाते है|


एएसआई राजन कुमार: सर, अभी हमने जितना जांच किया है उससे तो यह पक्का हो गया है कि वो लड़का सूरज स्कूल से निकलने के बाद ही ग़ायब हुआ है|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : हां, मै डीएसपी सर को फ़ोन करके बता देता हूँ|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़, डीएसपी मनोहर प्रकाश को फ़ोन लगाते है| कुछ क्षण बाद, डीएसपी मनोहर प्रकाश फ़ोन उठा लेते है|


डीएसपी मनोहर प्रकाश: हां रियाज़, बोलो ?


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : सर,आप बोले थे ना कि उस लड़के सूरज कुमार के ग़ायब होने के जांच करने को|


डीएसपी मनोहर प्रकाश: हां,उसके बारे में क्या पता चला?


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़: कुछ ख़ास नहीं सर| इतना पता चला है कि वह राजेश्वर चौक और उसके घर के बीच से ही ग़ायब हुआ है|स्कूल के छुट्टी होने के बाद मतलब शाम के 3 बजे के बाद से ही लापता है |


डीएसपी मनोहर प्रकाश: तुमने अभी क्या बोला? राजेश्वर चौक?


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : हां सर, राजेश्वर चौक| क्या हुआ?


डीएसपी मनोहर प्रकाश: मै अभी एसपी सर के ऑफिस में किसी काम से गया था लेकिन वापस आते समय राजेश्वर चौक पर ट्रैफिक ज़ाम में फँस गया हूँ |


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : सर, अभी आप राजेश्वर चौक पर ही ना फँसे है?


डीएसपी मनोहर प्रकाश: हां ,राजेश्वर चौक पर ही फँसा हूँ और पता ना इस ट्रैफिक से कब तक छुटकारा मिलेगा |


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : सर, मै भी सूरज के गायब होने के जाँच के सिलसिले में राजेश्वर चौक के पास ही है | आप हो सके तो हमारे पास ही आ जाये|


डीएसपी मनोहर प्रकाश: तुम किधऱ हो? बताओ , मै अभी आता हूँ|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ :सर, क्या आपको एक पतली रास्ता दिख रही है?


डीएसपी: रुको, मै अपने ड्राइवर को फ़ोन देता हूँ| उसे बता दो किधऱ आना है|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ :ठीक है सर, दीजिये|


डीएसपी मनोहर प्रकाश अपने फ़ोन को अपने अंगरक्षक और ड्राइवर रविंद्र सहाय को देते है|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़,डीएसपी मनोहर प्रकाश के ड्राइवर से: सामने एक पतली रास्ता दिख रहा है ना? उस रास्ते पर आ जाओ |


ड्राइवर रविंद्र सहाय: हां , दिख रहा है| रुकिए रिवर्स लेकर आता हूँ|


ड्राइवर रविंद्र सहाय गाड़ी को पीछे की ओर रिवर्स लेते है और उस पतली रास्ते पर चल देते है|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ :क्या आपको सामने जनरल स्टोर के दुकान के आगे एक गाड़ी दिख रही है ?


ड्राइवर: हां|


सब इंस्पेक्टर मुहम्मद रियाज़ : तो उस गाड़ी के सामने आइए, हमलोग उसी गाड़ी में है|


कॉल कट जाता है|

शेष अगले भाग में|

अन्य रसप्रद विकल्प