''ये कहानी दिया और मोहित की है| जब मोहित दिया को बहुत चाहता है! लेकिन प्यार का इजहार नही कर सकता |उसको दर है कि उसकी वजह से उनकी दोस्ती ना तुट जाय
और दिया कि शादी किसी और के साथ हो जाती हैं
''कॉलेज में नये अेडमीसन चालु हो गये थे | मोहित अपने दोस्तों के साथ बैठा था |और बाते कर रहे था |तभी मोहित की नजर ऐक दुर खड़ी लड़की पे गई |
भोली सी सूरत आंखों. में मस्ती और खुले बाल मोहित ऐक नजर से उसको देखता ही रह गया |मोहित दिखने बहुत मस्त दिखता था | उसके क्लास की सारी लडकीया उसपे मरती थी |
थोडी देर के बाद वो लडकी वहा से चली गई | दुसरे दिन मोहित केनंटीन मै बैठे बैठे सोच रहा था कास वो लडकी मुझे कही मिल जाए |
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तभी पीछे से कीसीकी बुलाने की अवाज सुनाई दि |और पीछे मुड के देखा तो वो देखता ही गया |कयुकी उसने जो सोचा वही हुआ. धीमे अवाज मै बोली मै यहा बैठ सकती हु क्या ?
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मोहित ने मुसकुराके बोला हा हा बैठे सकती हो|और फिर वो वहा बैठ गई |मोहित वहा बैठै बैठै उस लडकी को देखते जा रहा था देखते जा रहा था |
मोहित को लगा नाम पूछ लेता हु |आपका नाम पुछ सकता ''
हूँ क्या? मोहित बोला |मेरा नाम दिया है और आपका? दिया बोली | मोहित हस के बोला हा कयु नहीं.मोहित नाम हे मेरा| मोहित बोला
फिर दिया वहा से चली गई और थोडी देर मै मोहित का क्लास का टाईम हो गया था | फिर वो भी चला गया |
''दूसरे दिन ब्रेक के बाद मोहित केनटिन में बैठा था | तभी वहा दिया आई और वहा बैठ गई |और बोली कैसे हो? में अच्छा हु तुम कैसी हो? मुसकुराके मोहित बोला |
में भी अच्छी हु दिया बोली! थोडी देर में मोहित के दोस्त
आऐ| और मोहित ने सबके लिऐ चाय मंगवाई और फिर सबने चाय पी| चाय पीने के बाद मोहित ने दिया का सारे दोस्त को परिचय करवाया | वैसे दिया दिखने मै मासुम थी लेकिन बातो में बहोत नटखट थी | उसकी वजह से दिया जल्दी सबके साथ हिलमील गई |
सब चले गए फिर दिया ने भी मोहित को अलविदा किया फिर वो चली गई |
फिर ब्रेक के टाइम हररोज चाय के बहाने दोनो मिलने लगे | धीरे धीरे ऐसे ही दोनो मे अच्छी दोस्ती हो गये!
''मोहित तो दिया को कॉलेज में दिया के पहले दिन से ही पसंद करता था | लेकिन दिया इस बात को जीनती नही थी |दिया दूसरे क्लास ले थी तो वो ज्यादा मोहित को मिलती नही थी |
लेकिन ब्रेक के टाइम दोनों केनटिन में हररोज मिलते थे | मोहित दिया कि बहोत इज्जत करता और दिया भी मोहित की उतनी ही इज्जत करती जितनी मोहित करता! मोहित दिया को चाहने लगा था | लेकिन प्यार का इजहार करने से डरता कयुकी मोहित को लगता था |कि कहि हमारी दोस्ती ना तुट जाय .उस वजह से मोहित ने कभी कहने की कोशिश ही नहीं की
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कहानी को आगे तक पठने के लिए दुसरा अध्याय जरूर देखना
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....क्रमशः ......