uff ye museebatein - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

उफ्फ ये मुसीबतें - 3 - घराना शादी का

"आहा आ गई मेरी बिटिया😃🤗।।।" चाची ने देखते ही अपनी बाहें मेरी तरफ फैला दी और मैं किसी नखरीली हीरोइन की तरह उनसे कतरा कर उनसे दूर हो गई और उनके हाथ हवा में ही लहरा कर रह गए
"ऐ भला, ये क्या हरकत है ?😕"चाची ने मुझे हैरानी से देखते हुए कहा
"चाची बहुत लंबी कहानी है अभी बस इतना समझिए मै धूल पसीने से सराबोर हू पहले नहा लूं "
"वाह री लड़की🤣" इस दफा चाची हंस पड़ी
" वैसे ,हमारी बन्नो कहा है?😏" मैंने जाते हुऐ मुड़ कर पूछा
"हां! पहले उससे मिल लेना जब से सुना है तुम आ रही हो कितनी दफा तुम्हारा पूछ चुकी है"
जी, उसकी ही तो खबर लेनी है, यही तो मौका है मैंने मुस्कुरा कर सोचा:::😉
ज़बरदस्त रिवायती शादी का माहौल लग रहा था अमूमन शहरों में ऐसा तो अब शायद ही देखने को मिले सारे में साफ सफाई रंग रोगन का काम दिख रहा था जो लगभग निपट चुका था एक तरफ तकिया बिस्तर चांदनी का ढेर तो दूसरी ओर झालर वाली लाइट का गट्ठर रखा था ,गेहूं चावल की बोरिया भी लाइन से लगी थी कुछ औरतें चावल साफ भी कर रही थी कुछ बच्चियां मेहंदी के पत्ते पीस रही थी ।
पत्थर पर पिसती मेहंदी की असली ख़ुशबू बहुत दिनों बाद महसूस हुई वरना आजकल तो सिर्फ कोन की केमिकल वाली मेहंदी जिसका ना तो रंग होता है ना ख़ुशबू ।।
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मै छत पर चाय के साथ शाम के मौसम का मजा ले रही थी काफी खुला खुला एरिया था यहां ,अभी दुल्हन साहिबा से मुलाक़ात नहीं हुईं क्योंकि वो टेलर के पास गई गई थी, हमेशा की तरह कपड़ों में कुछ कमी ही थी जिसकी शिकायत करने और ठीक करवाने गई थी ।
कहने को गांव था लेकिन शहर के तकलीफों के आलावा सारे अराईशो का इंतजाम था मैंने गहरी सांस लेकर मौसम की ताज़गी को महसूस करना चाहा लेकिन सामने देखते ,मै तो चीख ही पड़ी😳😱
6 या 7 बच्चों की टोली, सारे के सारे 7 साल के नीचे वाले थे ,सर पर खाली कार्टन बॉक्स रखे हुए खेल रहे थे ऐसी जगह थी कि गिरने का साफ खतरा था।
" ऐ s,,s,,s,,s😬!! क्या कर रहे हो तुम लोग?" चाय का कप पटखते हुए मैं उस शैतान टोली के पास पहुंची एक बच्चा एकदम किनारे पर था अपनी तरफ़ खीच कर गत्ता सर से हटाया और खीच के मारने का सोच ,बस एक धप लगाई ,सारे लोग मेरी तरफ़ देखने लगे।
"और मारो☹️🤨! कब से मना कर रही हू" नीचे से उस बच्चे की मां ने मेरी हिमायत की। उस गंजे से गोल मटोल बच्चे ने बालकनी से अपनी मां को देखा
"अब अगर किसी को मैंने यह करते दोबारा देखा तो खैर नहीं 🤨"सबका डब्बा युक्त सर मैैंने आज़ाद किया" फिर कहती हूं ,अब अगर कोई 3 फीट के नीचे का यहां दिखा तो टांगे तोड़ कर 2 फीट कर दूंगी "
"तो हम थेले तहा😮 ?"एक बच्ची ने तोतली ज़बान में कहा।

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