uff ye museebatein - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

उफ्फ ये मुसीबतें - 2

मै तो भूल ही गई इस ज़मबो की बच्ची के बावाल में मेरे चावल जल गए"" शफकत किचेन की तरफ बड़बड़ाते हुए दौड़ी तब मेरे सांस में सांस आई मैंने सोचा ज़रा इस आग लगने की माचिस को सबक सिखाऊं, लेकिन चालाक लड़की, गिलहरी सी फुर्ती दिखाते हुए फौरन कमरे से फुर्र.. ख़ैर इसको तो मै आकर ठीक करूंगी मैंने मन ही मन सोचा और मुस्कुरा कर मोबाईल दोबारा उठा लिया। मुझे लेने चाचू आए हुए थे अब्बू ओर दादी ऐन शादी के दिन जाना तय हुआ चूकी शादी में अभी 16 दिन थे सो चाचू आराम से आ गए,, सिर्फ मुझे ले जाने के लिए।।
मेरी और चाचा की फर्स्ट क्लास सीट नहीं बुक हो सकी, शादी का सीज़न था इसलिए शायद। स्लीपर में किसी तरह रेजार्वेशन हुआ तब अब्बू को सुकून हुआ लड़की साथ में हो तो ज़्यादा ही एहतियात बरतते हैं फिर चाहे वो मुझ जैसी खतरनाक बला ही क्यों ना हो, पता नहीं अब्बू को मेरे काबिलियत पर भरोसा क्यों नहीं वरना हम तो अच्छे अछो की ऐसी तेसी कर दे
अभी ट्रेन आने में वक़्त था अब्बू और चाचा जी की आदत से मजबूर हमे घर से जल्दी निकलना पड़ा मैंने दबी ज़बान में समझाया, भई ये हमारे यहां ट्रेन अक्सर लेट आती है लेकिन क्या मजाल जो बात सुनी जाए
अभी भी स्टेशन पर बैठ कर अपने समानो को देख रही हूं
भला हो दादी और अम्मी का जिन्होंने ना जाने कितनी दुआए पढ़ कर मुझ पर दम किया दादी तो बस ही नहीं कर रही आख़िर चाचा को बोलना पड़ा
अम्मा बस भी करो ये मेरे साथ जा रही है बिदाई नहीं हो रही इसकी ।
दादी ने काफी कायदे से घूरा और इसके बाद 15 मिनट लिया अच्छा ही हुआ यहां पर मजीद बोर होने से बच गई ।
मैंने यू ही बेजार हो कर स्टेशन का जायज़ा लिया जितने पैसेंजर नहीं उससे ज़्यादा तो बन्दर थे यहां के बाहर के यात्री उनको बड़े दिलचस्पी से देख रहे थे वहीं लोकल पब्लिक को उनकी बदतमीजी नागवार लग रही थी।

सामने नया शादी शुदा जोड़ा दिखा और ये कही जा रहे थे।
कैसे पता?, अजी सामान की हालत बता देती है अब देखिए; जैसे सामान बैग वगैरह सलीके से चुने हो मुसाफिर का चेहरा खिला हुआ हो बालों में चमक हो,,,,


###पिछली कहानी में आपने पढ़ा कि कैसे एक ज़िद्दी और अड़ियल रवैए वाली लड़की "जंबो" अपने अब्बू के फरमान से मजबूर अपने चाचू के घर शादी में जाने के लिए तैयार होती है
अब गरमी का मौसम और ट्रेन का सफर कैसा होगा ये जानने के लिए पढ़िए अगली किश्त वैसे बता दूं के जो भी है बहुत दिलचस्प है
"जंबो का suffer"
ये एक किश्तवार कहानी है साथ बने रहे
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