अनजान रीश्ता - 35 Heena katariya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अनजान रीश्ता - 35

सेम हॉल में बैठते हुए मोबाईल में व्यस्त था । वह ऐसे ही कुछ देख रहा था। तभी पारुल के रूम का दरवाजा खोलने कि आवाज आती हैं । तभी सेम मोबाईल को ऑफ करते हुए पारुल की ओर देखता है । वह बस मानो सांस लेना ही भूल गया था । पारुल ने सलवार कमीज़ जज रही थी । ब्लेक और रेड कलर मानो उसकी खूबसूरती पर चार चांद लगा रहा था । सेम तो मानो भूल ही गया था कि हॉल में पारुल के मोम डेड ही है । वह बिना पलके जपकाये बस पारुल को देखे जा रहा था। पारुल सेम को आंखो से इशारा करते हुए नज़र घुमाने को कहती हैं। लेकिन सेम समझ नहीं पाता पारुल क्या कह रही है क्योंकि उसका दिल और दिमाग दोनों ही मानो सोचने समझने की हालत में नहीं था । तभी पारुल के पापा कहते हैं।

किरीट: अरे! क्या बात है आज हमारा चांद आज कितना खूबसूरत लग रहा है । कहा जाना है इतनी सुबह सुबह !!!
पारुल: अरे! कुछ नहीं डेड बस सेम के साथ आज जाना है शाम तक आ जाऊंगी ।
किरीट: ठीक है । फिर नाश्ता कर लो फिर तुम दोनों फिर चले जाना ।
पारुल: ओ.... के...
सेम: ( पारुल की बात को काटते हुए ) सोरी अंकल पर मैंने ऑलरेडी ब्रेकफास्ट के लिए टेबल को बुक करवा लिया है । अगर आपको कोई दिक्कत ना हो तो हम आज बहार जा सकते है ? ।
पारुल: ( सेम की ओर फिर पापा की ओर देखती है ) ....
किरीट: कोई बात नहीं ... ठीक है फिर ।
सेम: ( मुस्कुराते हुए ) थैंक्यू अंकल...!!।
पारुल: (मुस्कुराते हुए अपने डेड को गले लगाते हुए ) थैंक्यू डेड । मै जल्द ही घर आ जाऊंगी।
सेम: ( पारुल के मोम डेड को बाय कहते हुए पारुल ले लिए घर का मुख्य द्वार खोलता है । ) पारो...!!
पारुल: थैंक यूं ..।
सेम: ( कार का दरवाजा खोलते हुए ) तुम आज ...!!
पारुल: ( मुस्कुराते हुए ) अगेन थैंक यू ।
सेम: ( ड्राइव स्टार्ट करते हुए ) वो .. तुम... आज!!!
पारुल: ( मुस्कुराते हुए सेम की ओर देखती है ) मै क्या ??
सेम: ( सोचते हुए ) अम्म... वो... तुम... !!
पारुल: ( सेम की ओर देखते हुए ) सेम?
सेम: हम्म....!
पारुल: तुम शर्मा रहे हो ...।
सेम: ( खांसते हुए ) क्या...?
पारुल: ( जोर जोर से हंसते हुए ) आहाहाहा.... आई मीन .. तुम्हारे कान.... ?
सेम: ( कान को छूते हुए ) क्या हुआ मेरे कान को ?
पारुल: वो तुम्हारे कान लाल हो गए हैं!!! हाहाहाआहा..!! यूं लुक क्यूट!!
सेम: ( पारुल की ओर देखते हुए ) क्या.. मतलब .. क्या!! आई मीन मै शर्मा नहीं रहा!! ओके...।
पारुल: ( अपनी हंसी को कंट्रोल करते हुए ) अच्छा!!! तो ये तुम्हारे कान लाल क्यों है!!
सेम: ( रोड की ओर देखते हुए ) वो .?!!
पारुल: ( जोर जोर से हंसते हुए ) आहाहाहा!! वो क्या!!
सेम: वो.! धूप धूप की वजह से !!!
पारुल: ( मुस्कुराते हुए ) सीरियसली सेम!! धूप ।
सेम: हां!!! तो धूप की वजह से लाल हो गए हैं तो इसमें कौन-सी बड़ी बात है ।
पारुल: ( मुस्कुराते हुए ) ओह!! मेरे ड्रामा कविन यू लुक रियली क्यूट ( सेम के गाल को खींचते हुए )।
सेम: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) आई एम नोट क्यूट आई एम हॉट...!!
पारुल: ( मुस्कुराते हुए ) मेरे प्रिंस... गुड लुकिंग तो हो ही तुम पर अभी काफी क्यूट लग रहे हो!!।
सेम: ( मुस्कुराते हुए ) सो में तुम्हारा प्रिंस हूं हां!!
पारुल: ( सेम की ओर देखते हुए ) हन!!
सेम: ( पारुल की ओर देखते हुए ) तुमने तो अभी कहा की में तुम्हारा प्रिंस!!
पारुल: ( इधर उधर देखते हुए ) वो .. तो मैंने ऐसे ही कह दिया था । बिना सोचे समझे!
सेम: ( आइब्रो को ऊपर करते हुए ) अच्छा!! मैने तो सुना था की लोग वही बात बिना सोचे समझे कहते है । जो उनके मन में होती हैं।
पारुल: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) ओह!! हैलो एसा कुछ नहीं है मेरे दिमाग में एसा कुछ भी नहीं था बस ऐसे ही कह दिया था। और रही बात मान की तो तुम कब से हकला रहे हो तुम बताओ तुम्हारे मन में क्या चल रहा है?।
सेम: ( पारुल की ओर देखते हुए ) मानो या ना मानो पर मैने जो कहा वो सच ही कहा है ।
पारुल: या ... या .... वोट एवर ।
सेम: और रही बात हकलाने की तो वो तुम्हारी गलती है ।
पारुल: क्या मतलब!! मेरी गलती कैसे हुई?
सेम: ( मुस्कुराते हुए ) आई मीन तुम हो ही इतनी खूबसूरत पर इस ड्रेस में कोई शब्द नहीं हैं मेरे पास की तुम्हे कैसे कहूं कि तुम कितनी सुंदर दिख रही हो ।
पारुल: ( शर्मा जाती हैं ओर खिड़की से बाहर देखने लगती हैं ) ......
सेम: यू नो पारो... पता नहीं पर जब से तुम मेरी लाईफ में आई हो तब से शायद ही कभी मैने किसी ओर मेटर के बारे में सोचा होगा । क्योंकि मेरी हर सोच तुम से ही शुरू होती हैं और तुम पे ही खत्म हो जाती हैं । कभी कभी तो लगता है जैसे मेरे जीने की वजह तुम बनती जा रही हो ।
पारुल: ( सेम की ओर मुस्कुराते हुए ) शुक्रिया सेम मुझे इतनी अहमियत देने के लिए । जानती हूं मै इतनी अहमियत के लायक नहीं हूं पर फिर भी मेरा ख्याल रखने के लिए मुझे सपोर्ट करने के लिए ।
सेम: किसने कहा तुम इन सारी अहमियत की हकदार नहीं हो । अरे! शायद मै कभी कभी तुम्हे उतनी अहमियत नहीं दे पाता जितनी अहमियत तुम्हे देनी चाहिए। और रही बात तुम्हारा ख्याल रखने की तो सच बताऊं तो मुझे पता ही नहीं चलता कि में तुम्हारा ख्याल रख रहा हूं या खुद का । क्योंकि अगर तुम्हे इतनी सी भी परेशानी है तो वो मेरी लाईफ की सबसे बड़ी प्रॉब्लम होगी । जानता हूं कि हम एक दूसरे को ज्यादा वक्त से नहीं जानते पर ...
पारुल: पर क्या...?
सेम: ( लंबी सांस लेते हुए ) पर मुझे पता ही नहीं चला मुझे कब तुमसे प्यार हो गया । पहले तो मै सोचता था कि मै सिर्फ तुम्हे पसंद करता था लेकिन में गलत था । तुम धीरे धीरे मेरे दिल के धड़कने की वजह बनती जा रही हो । पारुल व्यास आई एम् फ्रिकिंग मेडली इन लव विथ यू...।
पारुल: ( पारुल कुछ कह नहीं पाती क्योंकि पहली बार है जब किसीने उससे प्यार का इजहार किया है । पारुल की धड़कन कुछ ज़्यादा ही तेज़ हो गई थी । वह सेम की ओर देखने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी । वह बस अपने पैरों की ओर नजरे झुकाए चुपचाप बैठी हुई थी । उसे ना ही कुछ सुनाई से रहा था और ना ही कुछ दिखाई दे रहा था । उसके दिमाग में सेम के शब्द गूंज रहे थे । )
सेम: कुछ कहो यार पारो!! तुम्हारी खामोशी मुझे ओर भी नर्वस कर रही है। अगर मै तुम्हे पसंद नहीं हू तो हम अभी भी तुम्हारे घर वापस जा सकते हैं । मेरे प्यार मै जोर है पर जबरदस्ती नहीं। कुछ तो बोलो पारो!!
पारुल: ( मानो जैसे कहीं ओर ही खोई थी सेम के अचानक अपने प्यार का इजहार किया था । जिस वजह से पारुल को यह बात हजम करना कुछ ज्यादा ही बड़ी बात थी । वह जानती थी कि सेम उससे प्यार कर रहा है । पर अब जब सब कुछ सामने हो रहा है तो उसके दिल में कई तरह के भाव उत्पन्न हो रहे हैं ।)
सेम: ( पारुल के कंधे को हिलाते हुए ) पारो!! क्या हुआ कुछ तो बोलो । जवाब तो दो यार मेरी बातो का ...।
पारुल: से... म्म... आई डोंट नो..!! आई मीन एसा नहीं है के मै तुम्हे पसंद नहीं करती पर प्यार !! आई मीन मुझे नहीं पता कि मै तुमसे प्यार करती हूं या नहीं । तुम एक बहोत ही अच्छे इंसान हो । जो कोई भी तुम्हारी ज़िन्दगी का हिस्सा बनेगी वह खुशकिसमत होगी । पर तुम्हे सच में लगता है कि मै तुम्हारे लायक हूं क्योंकि मै खुद ही नहीं जानती मेरा दिल क्या चाहता है ।
सेम: पारो..! मुझे किसी भी लड़की की जरूरत नहीं है । तुम अगर मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा लिए तैयार हो मेरे लिए उतना काफी है । या फिर यूं कहो कि मेरी ज़िन्दगी बनने के लिए तैयार हो या नहीं । जो भी तुम्हारा फैसला होगा मुझे मंजूर है। चाहे फिर तुम हां कहो या फिर ना । मैं दोनों के लिए तैयार हूं।
पारो: सेम यूं अचानक क्यों? आई मीन आज ही क्यों !!
सेम: कहना तो मै तुम्हे बहोत पहले ही चाहता था पर कभी हिम्मत नहीं जुटा पाया । आज जब तुम्हे इस ड्रेस में देखा तो मानो एसा लगा कि अगर आज मैंने नहीं कहा तो शायद कोई ओर तुम्हे ले जाएगा । और डर लगना जायेज भी है तुम हो ही इतनी खूबसूरत की अगर मेरी जगह पर कोई ओर भी होता तो वह भी यही करता ।
पारो: ( आइब्रो को ऊपर करते हुए ) तो तुम मेरी खूबसूरती की वजह से मुझे प्रपोज कर रहे हो??
सेम: गलत!! हां तुम्हारी खूबसूरती एक वजह हो सकती है। पर असली वजह तो तुम हो । जिस तरह से तुम सबकी परवाह करती हो। तुम्हारी मासूमियत, तुम्हारा पागलपन, तुम्हारा गुस्सा, तुम्हारी मुस्कुराहट, तुम्हारा रूठना, तुम्हारी शैतानी, वजह तो कई सारी है पर जवाब एक ही है पारो ओर वो तुम हो ।.....