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वो दौर - भाग -1

वैसे तो पायल एक जमाने में सीधी-साधी लड़की थी पर स्वभाव से थोड़ी ग़ुस्सैल और चिड़चिड़ी थी। उसे बहुत ही जल्द गुस्सा आ जाता था पर वक़्त के साथ पायल मजबूत होती गई और समाज में अपनी जगह बनाने लगी पर समाज की सच्चाई से वो अन्जान थी। पायल सोचती थी जैसा वो सोचती है दुनिया बिल्कुल वैसी ही है। वह सोचती थी कि वह अपने सपनों को साकार कर ही लेगी किन्तु वक़्त के आगे, समाज के सामने उसे भी झुकना पड़ा। ऐसा क्या हुआ पायल के साथ, आइये जानते है उसकी कहानी।
बात उस समय की है जब पायल 16 वर्ष की थी। पायल अपने परिवार के साथ सामान्य ज़िन्दगी जी रही थी। उसके परिवार में उसके माता-पिता व दो भाई थे। अपने माता-पिता की इकलौती पुत्री व अपने भाईयों की इकलौती बहन होने के बाद भी पायल किसी की लाड़ली नहीं थी। हाँ माता पिता अपनी पुत्री से सभी माता पिता की तरह प्रेम करते थे पर वो चहेती किसी की नहीं थी।
इस वर्ष पायल ने कक्षा 9 उत्तीर्ण की थी। कक्षा 9 तक पायल की ज़िंदगी सामान्य लड़की की ही तरह थी किन्तु कक्षा 10 में आने के बाद पायल की जिंदगी में बदलाव आने लगे। पायल की दोस्ती अपने साथ पढ़ने वाले लड़को से होने लगी। उस ज़माने में एंड्रोइड मोबाइल नहीं हुआ करते थे। घर में बस एक कीपैड मोबाइल होता था जिसका उपयोग सभी घर वाले करते थे तो पायल की बातें अपने दोस्तों से बस स्कूल में ही होती। धीरे-धीरे दोस्ती बढ़ने लगी जिससे पायल ने अपने घर वाले मोबाईल का नम्बर अपने दोस्तों को दे दिया पर वो सब दोस्त कॉल पर बात नहीं करते थे, बस हँसी-मजाक के मैसेज भेजते थे। ये सिलसिला आम हो गया था।
पायल का एक दोस्त अनुज साथ में पढ़ने वाली एक लड़की रिया को पसंद करने लगा पर रिया को बताने में डरता था। रिया, पायल की ही दोस्त थी तो अनुज को लगा क्यों न पायल की मदद ली जाए रिया को दिल की बात बताने के लिए। ये उस दौर की भावनाएं थी जिसे समझ पाना माता-पिता के लिए बहुत कठिन था। उनके आगे बस एक सोच थी कि बच्चे ग़लत रास्ते पर चले गए। इक रात की बात है, अनुज ने पायल को रिया के प्रति अपनी भावनाओं को मैसेज के ज़रिए बता दिया। उससे पहले पायल इस बात से अंजान थी। पर हुआ कुछ यूं कि जब मैसेज आये तो मोबइल था पायल के भाई के पास। अब तो सब कुछ गड़बड़ होना ही था।
पायल के भाई ने सारी घटना पिताजी को बता दी। पिता जी ने पायल को अपने पास बुलाया और कुछ भी पूछने से पहले ही पायल को सज़ा सुना दी। क्या थी पायल की सजा? क्या वो सच में हक़दार थी इस सज़ा की? क्या दोषी अनुज था? या पायल के पिता? आपको किसका दोष लगता है इसमें ? क्या माँ बाप का साथ उस दौर में आवश्यक नहीं? क्यों भाई-बहन आपके दोस्त नहीं बन सकते? आगे की कहानी जानने के लिए पढ़िए भाग-2

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