इक़बाल - भाग ४ Afzal Malla द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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इक़बाल - भाग ४

हीना पानी भरके घर आती है मामा सामने बैठे है, बेटा देखलिया कुआ कहा है तुम वह से पानी ला सकती हो ना अगर कोई तकलीफ हो तो बोल देना हम तुम्हें यहां पढ़ने लाये है काम करने नई, हीना नई मामा मुजे कोई दिक्कत नहीं ओर थोड़ा काम करलूंगी पढ़ाई के साथ तो अच्छा रहेगा काम भी तो शिखना पड़ेगा ना, माँ ने तो बोलके भेजा है के मामा ओर मामी को ज्याद काम मत करने देना तू जा रही हैंतो तू संभाल लेना दोनों बैठकर बाते करते है
शाम का वक़्त था अभी यह बाजार में सब बुजुर्ग की सभा होती है , लोग सब खेत से वापस आते है औरते पानी भरने जाती है ओर बाजार में से सब्जी लेने जाती है, तो आज हीना अपनी मामी के साथ बाजार में जाती है खरीदी करने ओर वो गांव देखती है, बस खरीदी करके वो घर की ओर जाते है उतने में एक बुजुर्ग उन्हें रोकता है, फातिमा ये कोन है जो तुम्हारे साथ है पहले तो कभी नही देखा, फातिमा जी चाचा ये मेरी भत्रीजी है, ओर यहां पढ़ाई के लिए आई है, अच्छा है कितना पढोगे इसे लड़की है घर के काम शिखाना कहते है के ज्यादा पढ़ी लिखी लडक़ी घर का नाश करती है, हीना कहती है क्या आंपने लाभ देखा किसी लड़की को घर का नाश करते हुए कभी किसी को पढ़ाते तो है नही, मामि गुस्से होती है हीना ऐसे बात नइ करते अरे में तो सिर्फ बता रही हु, हीना ने कहा चाचा को लगा कोई लड़की हमारे सामने कैसे बोल सकती है पर हीना ने उनसे माफी मांगी ओर वो घर चले गए ये सारि बात रसूल मास्टर को बोली फातिमा ने तो वो हसने लगे, अरे वाह चालो किसी ने तो कुछ बोला सही है खुदकी बेटीया पढ़ते नही दूसरो को पढ़ने देते नही ओर वो ऐसे ही बात करके सोने जाते है।

अगले दिन सुबह जल्दी जगके इक़बाल प्रक्टिस पे नही जाता आज वो सोचता है अपनी टीम बनाएगा ओर अलग से अपनी टीम के साथ प्रैक्टिस करेगा, ओर यहा हीन जल्दी से घरके काम खत्म करके स्कूल जाती है, उसका पहला दिन था तो वो थोड़ी शर्मा रही थी क्योकि यहां पे वो किसी को जानती भी नही थी ओर उसके लिए सब लोग नए थे, पर उसको सभी शिक्षक जानते थे तो जो भी आता उसको हाल पूछते जिससे उनकी पहचान बच्चो से जल्दी होने लगे जल्दी से सबके साथ घुलने लगी उसका पहला दिन खत्म हुआ घर जाती है ओर इक़बाल अपने दोस्तों से बात करता है अपनीं टीम बनाने वाली तो उसके सारे दोस्त कहते हैं की हम तैयार है पर अब तो स्कूल भी चालू हों गया है ओर हमने स्कूल की टीम में भी नाम लिखाया हैं तो यहां ज्यादा समय नही दे पायंगे पर इक़बाल ऐसा कर ना तू भी वापस स्कूल आजा ओर स्कूल की टीम में तेरे लिए तो जगह है ही, इक़बाल सोचता है यार पता तो है तुजे उस दिन क्या हुआ था।

इक़बाल ओर रसूलमास्टर के बीच में एक बहोत ही बड़ा जागड़ा हुआ था इक़बाल को अब्दुल मास्टर सजा दे रहे थे पर इक़बाल का कोई दोष नही था तो इक़बाल ने मास्टर से काफी बार कहा पर वो उसे सजा दे रहे थे उसे गुस्सा आया ओर अब्दुल मास्टर को पत्थर फेक के मारा ओर सिर फोड़ दिया था उसके बाद वो कभी स्कूल नही गया ओर ना ही कभी अब्दुल मास्टर से मिला पर अब फिरसे स्कूल जाने की बात आई तो उसके दोस्तो ने कहा के स्कूल में हमे सारी सुविधा भी मिलेगी ओर हमे खेलने को अच्छा मैदान भी मिलेगा ओर तो ओर स्कूल की ओर से हम अलग अलग जगह खेलने भी जा सटे है ओर अपना नाम बना सकते है, इक़बाल सोचते हुए बह से चले जाता है ओर घर जाके अपने मम्मी - पापा को कहता है के में स्कूल जाऊंगा सब लोग उसकी तरफ देखते है ओर खुश होते है।