Bewfa apno ke liye books and stories free download online pdf in Hindi बेवफा अपनों के लिए (2) 1.3k 7.6k 1 बेवफा ! अपनों के लिए ... ओ ' धन्य ' जिसने आंख बन्द होते हुए भी दुनिया के हसीन नजारों को देख लिया था . सात सुरों के संगीत को अपने सांसो मे बसा लिया था पर उसके असल जिंदगी का अंजाम क्या हुआ? जो नम्रता के साथ प्यार - वयार के चक्कर में था भूल गया था कि ऐसेे रेत का महल बनाने से क्या फायदा जो खुद -ब- खुद टूट के बिखर जाये .उसे एहसास ही नही था कि एक दिन नम्रता उससे दूर ...दूर दुनिया मे गुम हो जायेगी . आखिर ऐसा क्या हुआ उसके साथ? हैलो, नम्रता कैसी हो ...? धन्य ने तार के सहारे पुछा .पढाई के सिलसिले मे नम्रता शहर गयी हुई थी. मै बिल्कुल ठीक हूं धन्य .मेरी पढाई जैसे ही पूरी होगी मै तुुम्हारे पास आ जााऊंगी ...जवाब देती हुई नम्रता बोली. 'तो कब आ रही हो नम्रता? तुम बिन मुझे कुछ भी अच्छा नही लगता ...धन्य ने कहा. मैं क्या करुं धन्य ..तुमसे दूर तो जाना मै भी नही चाहती थी पर... नम्रता बोली . मैं सच कह रहा हूं नम्रता हर पल हर घडी मुझे तेरी ही याद आती है और मैं उन यादों से बेहाल हो जाता हूं. हां, नम्रता तेरे जाने के बाद मेरी जिन्दगी वीरान सी लगती है .एक पल भी सुकून नही मिलता...सिर्फ और सिर्फ बेचैनी .कुछ ऐसा ही बेताबी के आलम मे धन्य ने कहा. बचपन मे दोनों ही एक साथ एक ही स्कूल में पढाई किये थे तब से दोनो एक दुसरे से प्यार करने लगे.और धन्य भी नम्रता को अपना मानने लगा. धन्य नम्रता के बिना अपने आप को एकान्त महसूस करने लगा .अब तुम आ भी जाओ नम्रता ...तेरे आने से मेरे उजड़े जिन्दगी मे फिर से बहार आ जायेगी.अब और मुझसे रहा जाता...बेताबी के आलम मे धन्य ने कहा . असल बात धन्य और नम्रता कक्षा 6 वी से एक ही विधालय मे पढते थे.दोनों की गहरी दोस्ती हो गई . किसी पार्टी या समारोह में साथ -साथ आने -जाने लगे .जब ये सारी बात नम्रता के पिता को मालुम हुआ कि मेरी तीन -पांच मे आगे है अगर उसे दो -चार लगा दुंगा तो कही नौ दो ग्यारह ना हो जाए .इस लिए उन्होंने मतंग पुर के राज निहित के लडके से नम्रता की शादी तय कर दी . धन्य नम्रता को लेकर न जाने कितने सपने संजोता . उन दोनो का तार के सहारे ही बात होता था.फिरसे एक दिन धन्य तार के सहारे पुछा कि जब तुम मुझसे इतना बेइंतहा प्यार करती हो तो क्यों नही मेेेर पास आ जाती ...और हमारे बीच के दूरि यो को मिटा देती. तुम फिक्र मत करो धन्य मेरी पढाई जैसे ही पूरी होगी मै आजाऊॅगी. क्या करुं मुझे भी यहां एक पल अच्छा नही लगता है फिरभी दिल के जख्मों को सी सी कर जी रही हूं. नम्रता बोली . धन्य ' अमीर खान की तरह स्मार्ट था. वह हाथ मे चूड़ा और टी- शर्ट आदि पहनने का शौकीन था . हर रोज सुबह और शाम आईने के साथ काटता .एक दिन हसी -खुशी के साथ मस्त माहौल मे बैैठकर नम्रता के साथ गुजारे पलों को याद कर रहा था कि वे भी कोई दिन थे जब हम पहली बार किसी पार्टी मे मिले थे लाल शूट पहने मुझे नम्रता भा गई थी .मुझे ऐसा लग रहा था कि मै ही नम्रता का सच्चा प्रेमी हूं. तभी अचानक फोन की घंटी बजी ...फोन था नम्रता का.धन्य ने फोन उठाया ..बोला कैसे नम्रता? आ रही हो न ?मै बस तुम्हारा ही इन्तजार कर रहा हूं .क्या तुम बिना बताए आकर के मुझे सरप्राइज देना चाहती हो , मै सब जानता हूं.धन्य और कुछ कहता इससे पहले की फोन कट चुकी थी फिर फोन की घंटी बजी ... इधर से धन्य फोन उठाते ही पहले जैसा दुहराया ...बोला -क्या हुआ नम्रता सब ठीक तो है? मगर उधर से जवाब सुनते ही धन्य सन्न रह गया वही गिर पडा . मानो उसके चमकती जिंदगी मे अंधेरा छा गया हो . ये तुने क्या किया नम्रता? तुम तो कहती थी हमारे प्यार के रंग कभी नही छुटेंगे...हमारे रिश्ते अटूट है कभी नही टुटेंगे. क्या तेरा ओ वादा ...ओ इरादा सिर्फ झूठे प्यार का सौदा था? ऐ दुनिया वालो इस दुनिया मे अब प्रेम ,प्रेम नही रहा ...इक धोखा बन गया है .जिसे अपना समझो वही पराया हो जाता है .उन्होंने तो बङी आसानी से कह दिया ' आई हैट यू '... एक पल के लिए भी नही सोचा कि हमारे ऐसा कहने से उनके नाजुक दिल पर क्या गुजरेगी? अब हम किसके लिए इस जहां मे जीयेें ? तुने क्योंकि बेवफाई नम्रता? किसके लिए .. ?"अपनों के लिए ".खैर अब इन बातों से हमें क्या लेना -देना ?लेना देना है तो अपने सार्थक सांसो से ...जो जीवन जीने की कला सीखा सके . Download Our App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Shivraj Anand फॉलो शेयर करे आपको पसंद आएंगी यहां उनका भी दिल जोड़ दो द्वारा Shivraj Anand प्रेम-जगत द्वारा Shivraj Anand मेरी आवाज़ द्वारा Shivraj Anand जगत का जंजाल-संसृति द्वारा Shivraj Anand जीवन की सोच द्वारा Shivraj Anand मानवता के डगर पे द्वारा Shivraj Anand NEW REALESED Love Stories तुर्कलिश - 3 Makvana Bhavek Love Stories पहला प्यार - भाग 5 Kripa Dhaani Moral Stories एडोप्टेड फैमिली bhagirath Horror Stories द्रोहकाल जाग उठा शैतान - 31 Jaydeep Jhomte Fiction Stories द्वारावती - 11 Vrajesh Shashikant Dave Moral Stories किस्से - कहानियां दिनेश कुमार कीर Fiction Stories साथिया - 73 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव Mythological Stories जयद्रथ Renu Love Stories द मिस्ड कॉल - 1 vinayak sharma Love Stories कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 24 Mini