🌹चुभते हुए ख्वाबों से कह दो अब आया ना करें........
हम तन्हा तसल्ली से रहते हैं बेकार उलझाया ना करें........✍🏻
बहोत दिनों से खुश रहेता हूं हसता राहेता हूं । घर के चत पर बैठ के बहुत कुछ सोचता राहेता हूं। क्या करू मजबूर हूं अपने हालातो में फिर भी होठे पे मुस्कुराहट करता रहेता हूं।
शादी तो हो गई है कबकी तुम्हारी ऑर हमारी। माना बहुत सारे दर्द है तुमको पर खुश तो यहां हम भी नहीं है।
आज जन्म दिन है तुम्हारा विश तो नहीं कर सकता तुम्हे पर आज कितने दिनों बाद कुछ 2 पंक्ति लिख दी है।
आज भी कभी मेरी आंखो में नमी ची चा जाती है खलती रहे ती है तुम्हारी कमी । हा खुश हूं में तेरे बिना ना मुजमे बची कहीं तेरी आदते।। फिर भी क्यों में रोता हूं आज भी।
Story : - आज बहुत दिनों बाद मैने आपको देखा तो बस देखता ही रहे गया। तुम शायद 6 साल से बाहर पढ़ने के लिए चले गए थे । कोराना के कारण आप वापस आ गए हो
आप ने मुझे नहीं देखा पर मैने आपको देखा आप अपने कमरे में बालों को सवार रही हो। में वही पर ही खड़ा हूं जहां पर तुम्हे जाते हुए देखा था । तुम्हें कहा था साथ जिएगे होगे जुदा ना हम कभी। जूठी थी ए सरि कसमें सारे वादे...
बाद में मैने सोचा कि में भी किसके लिए ए सब याद कर रहा हूं। जिसने मेरे बारे में नहीं बल्कि अपने करियर अपने मा बाप के लिए किया है क्या ओ डिसीजन सही था?
- मुझे लगता है सही किया मैने बहुत इंतजार किया आपका।
पर क्या करू में भी अपने घर वालो के खिलाफ नहीं जाना जहता था। शायद आज उसके कारण ही ने अपने मा बाप को खूब देख रहा हूं। ऑर तुम भी अपने परिवार वालो को खुश देख रही होगी। यही तक था तुम्हारा ऑर हमरा साथ आज में भी किसी ऑर का हूं ऑर शायद तुम भी।
इतने में मेरी बीवी आ जाती है ऑर में उसको जोर से हग कर लेता हूं। तभी तुम्हारी नजर हम पर पड़ती है। तुम भी मुझे देख ती रहेती हो मुझे मालूम है तुम्हारे मन भी वही चल रहा था जो मेरे।
1)💞मेरी आंखें,,,
आपको ना देख सके तो क्या हुआ😢...!!💞
लेकिन ये जो मेरा दिल हैं ना,,,
💞आपको हर वक़्त महसूस करता है,,,
जेसे आप मेरे करीब हो...!!💞
2)💕💕 वो भी क्या ज़िद्द थी जो तेरे-मेरे बीच एक हद थी..
*मुलाकात मुकम्मल ना सही मुहब्बत बे-हद थी ..!!!💕💕..
- Paras Vanodiya